फोर्टी ने मुख्यमंत्री को सौंपे बजट सुझाव
० आशा पटेल ०
जयपुर - राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र 10 जुलाई को उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दिया कुमारी प्रदेश का बजट पेश करेंगी। इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों से बजट पर सुझाव लिए । इसमें उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, उद्योग राज्य मंत्री केके विश्नोई और एसीएस वित्त अखिल अरोड़ा भी शामिल हुए। इसमें प्रदेशभर के प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों के साथ कर सलाहकारों ने भी भाग लिया।
जयपुर - राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र 10 जुलाई को उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दिया कुमारी प्रदेश का बजट पेश करेंगी। इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों से बजट पर सुझाव लिए । इसमें उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, उद्योग राज्य मंत्री केके विश्नोई और एसीएस वित्त अखिल अरोड़ा भी शामिल हुए। इसमें प्रदेशभर के प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों के साथ कर सलाहकारों ने भी भाग लिया।
फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) ने इस बैठक के लिए बजट कमेटी का गठन किया था। जिसके माध्यम से उद्योग और व्यापार के सभी सेक्टर से बजट पर व्यावहारिक सुझावों को संकलित कर बजट प्रावधानों के लिए मुख्यमंत्री को सौंपा गया। इस कमेटी फोर्टी संरक्षक सुरजाराम मील, अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अरुण अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश सोमानी, उपाध्यक्ष सीए डॉ अभिषेक शर्मा,
जीएसटी कमेटी चेयरमैन सीए अक्षय जैन, मुख्य सचिव नरेश सिंघल और गिरधारी खंडेलवाल शामिल हैं। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि राज्य सरकार के बजट प्रावधानों में फोर्टी के सुझावों को हमेशा प्रमुख स्थान मिलता है और 80 प्रतिशत से ज्यादा सुझावों को सरकार अपने बजट घोषणा में शामिल करती है। इसलिए फोर्टी ज्यादा जिम्मेदारी और गंभीरता के साथ बजट सुझावों का प्रदेशभर के उद्योगपतियों और व्यापारियों से संचालन करता है।
इस बार भी फोर्टी बजट कमेटी ने राजस्थान के समग्र विकास के लिए गहनता से 20 सूत्रीय बजट सुझाव तैयार किए हैं। फोर्टी की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अरुण अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के सामने बजट सुझाव प्रस्तुत किए। फोर्टी की ओर से बजट सुझाव - प्रदेश में वेयर हाउस और लॉजिस्टिक पॉलिसी बना कर औद्योगिक क्षेत्रों में वेयरहाउस, लॉजिस्टिक फर्म और धर्म कांटा का नियमन किया जाए। रीको एमनेस्टी स्कीम 31 दिसंबर 2024 तक जारी रखी जाए। औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, सीवरेज, अतिक्रमण मुक्त और पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध कराई जाएं।
पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में भू उपयोग परिवर्तन के लिए एनओसी जारी की जाए। औद्योगिक भूखंडों को लीज होल्ड के स्थान पर फ्री होल्ड किया जाए। फायर एनओसी के प्रावधानों की विसंगति दूर हो और उद्यमियों के सुझावों पर पुनः प्रावधान तैयार किए जाएं। जयपुर मेट्रो के नए फेज को वीकेआई रोड नंबर 14 तक विस्तार किया जाए। जयपुर के उत्तर में सीकर रोड पर भी सीतापुरा के जेईसीसी की तरह एग्जीबिशन सेंटर विकसित किया जाए। सरकार की ओर से ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक प्रोत्साहन प्रदर्शनी, मेलों का आयोजन किया जाए।
मनरेगा योजना को उद्योगों से जोड़ा जाए। व्यापारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना लागू की जाए।
दलहन पर मंडी शुल्क कम किया जाए।- एमएसएमई की चुनौतियों को दूर कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए फोर्टी ने अपने प्रतिवेदन में विस्तृत सुझाव विवरण प्रस्तुत किया है। लेबर लॉ को व्यवहारिक बनाया जाए। आरएफसी की ब्याज दरों को संशोधित किया जाए। सोलर प्रोजेक्ट को रिप्स के तहत लाभ दिया जाए।
दलहन पर मंडी शुल्क कम किया जाए।- एमएसएमई की चुनौतियों को दूर कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए फोर्टी ने अपने प्रतिवेदन में विस्तृत सुझाव विवरण प्रस्तुत किया है। लेबर लॉ को व्यवहारिक बनाया जाए। आरएफसी की ब्याज दरों को संशोधित किया जाए। सोलर प्रोजेक्ट को रिप्स के तहत लाभ दिया जाए।
जीएसटी के मिसमैच, रिफंड और स्लैब सम्बन्धित समस्याओं को समाधान किया जाए- जयपुर में जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना की जाए। एसईजेड विकास के लिए बिजली की दर कम की जाए और रिंग रोड का काम पूरा किया जाए। कृषि भूमि खरीद के साथ ही नाम परिवर्तन भी हो जाना चाहिए- सरकार प्रदेश में स्क्रैप नीति बनाए और इसे रिप्स में शामिल किया जाए।
टिप्पणियाँ