फिलिस्तीनी जनता,औरतों व बच्चों पर अमानवीय अत्याचार के विरुद्ध प्रदर्शन

० आशा पटेल ० 
जयपुर । जयपुर के तमाम वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष, जनतांत्रिक दलों/संगठनों और व्यक्तियों की ओर से फिलिस्तीन में इजरायली सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे बर्बर नरसंहार के ख़िलाफ़ जयपुर में ख़ासा कोठी चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में इस्त्राइली सुरक्षा बलों द्वारा फिलिस्तीन के आम नागरिकों पर ख़ास तौर पर गाज़ा और रफाह में महिलाओं और बच्चों पर पिछले 7-8 महीने से लगातार किए जा रहे अमानवीय दमन और नरसंहार की कड़े शब्दों में भत्सर्ना करते हुये फिलिस्तीनी जनता, औरतों और बच्चों पर अमानवीय अत्याचार और नरसंहार बंद करने की मांग की गई।

वक्ताओं द्वारा इजरायली सरकार से जनता के ख़िलाफ़ युद्ध बंद करते हुए इजरायली फौजों की फिलिस्तीन के सभी इलाकों से तुरंत वापसी की मांग की।  आयोजित सभा को सीपीआई (एम) की केन्द्रीय कमेटी के पूर्व सदस्य का. वासुदेव शर्मा, सीपीआई के वरिष्ठ नेता का.तारा सिंह सिद्धू , सीपीआई (एमएल) की का.मंजूलता, जमाते इस्लामे हिन्द के प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद नाजिमुद्दीन, नईम रब्बानी, राजस्थान समग्र सेवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष सवाई सिंह ने सम्बोधित किया।

 संबोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा कि पिछले 7 माह से इस्त्राइली सुरक्षा बल लगातार फिलिस्तीनी जनता पर हमले कर रहे हैं, इस्त्राइली सुरक्षा बलों द्वारा अभी तक 36 हजार से ज्यादा लोगों की निर्मम हत्याएं की जा चुकी हैं जिसमें भारी संख्या में महिलायें और मासूम बच्चे शामिल हैं। हाल ही में 26 मई, 2024 को ‘राफा’ के राहत कैम्प पर बमबारी करके 45 लोगों की हत्या कर दी गई है , जिसमें 20 महिलायें और बच्चे शामिल है थे।

अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय द्वारा भी इजरायल और उसके प्रधानमंत्री बैंजामिन नेतन्याहू को युद्ध अपराधों और नरसंहार का दोषी माना है। पूरी दुनिया का व्यापक जनमत आज फिलिस्तीनी जनता के पक्ष में खड़ा हुआ है और अमेरिका के संरक्षण में इज़रायली सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे नृशंस नरसंहार के ख़िलाफ़ व्यापक लामबंदी वाले विरोध प्रदर्शन हुए हैं और हो रहे हैं। हालांकि अमेरिकन साम्राज्यवादी शासक वर्गों सहित नाटो में शामिल देश इस्त्राइली सरकार का समर्थन कर रहे है। इसके बावजूद इन मुल्कों की लोकतंत्र पसंद जनता ख़ासतौर पर युवा वर्ग अपनी सरकारों के ख़िलाफ़ फिलिस्तीनी जनता के पक्ष में आंदोलित हो रहा है।

इस्त्राइल द्वारा फिलिस्तीन पर जारी अन्याय और जुल्म के ख़िलाफ़ पूरी दुनिया और देश भर में वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे है। साम्राज्यवादी शासक वर्गों द्वारा अपने निहित आर्थिक और राजनीतिक हितों के लिए किये जा रहे इन अमानवीय ज़ुल्मों और नरसंहार का प्रतिकार करने के आयोजित किए गए इस विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में आम जनता ने हिस्सा लिया जिनमें महिलाओं की प्रभावशाली उपस्थिति रही। । 

 इस्राइल के हमलों की तीव्र निंदा करते हुए मोदी सरकार को चेतावनी दी कि वो युद्ध अपराधी इस्राइली सरकार का समर्थन करना बन्द करे। बेहद अफसोसजनक और शर्म की बात तो यह है कि आर.एस.एस-भाजपा की मोदी सरकार हमारी चिरस्थापित विदेश नीति को पलटते हुए इस्त्राइल की इस हत्यारी मुहिम के समर्थन में खड़ी है। केन्द्र सरकार की शह पर देश की निजी हथियार निर्माता कंपनीज इजरायल को चोरी छिपे हथियारों का निर्यात कर रही है।

कोमल श्रीवास्तव, प्रियाक्षी और निशा सिद्धू ने अमन के हम रखवाले, हम सब एक हैं एक है आदि ने क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किये । का.बाबूलाल लुगारिया,का.लक्ष्मण सेन, का.हरेन्द्र सिंह, का.निशा सिद्धू , प्रियाक्षी ने क्रांतिकारी नारे लगाये। आमसभा में फिलीस्तीन में हुए नरसंहार में मारे गए लोगों के लिए 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आमसभा के अंत में सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता कॉ.रविन्द्र शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापित किया। सभा में इजरायली शासक वर्गीय पूंजीपतियों के
प्रभुत्व वाली कम्पनियों के उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया ।

हम क्या चाहते आज़ादी - फिलिस्तीन की आज़ादी, फिलिस्तीन जिन्दाबाद, हत्यारे इस्राइल की समर्थक मोदी सरकार मुर्दाबाद, इस्राइल को हथियारों की सप्लाई बन्द करो, फिलिस्तीन का साथ दो, अमेरिकन सरकार फिलिस्तीन का समर्थन करना बंद करो, फिलिस्तीन में नरसंहार बंद करो।

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