छत्तीसगढ़ के दन्तेवाड़ा क्षेत्र के दिव्यागों के पुनर्वास हेतु जयपुर फुट ने लगाया शिविर

० आशा पटेल ० 
जयपुर | छत्तीसगढ के दन्तेवाड़ा क्षेत्र के दिव्यागों के पुनर्वास के लिए जयपुर फुट की निर्माता संस्था भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति ने प्रयास किए है। छत्तीसगढ के दन्तेवाड़ा में आयोजित तीन दिवसीय जयपुर फुट कृत्रिम अंग पुर्नवास शिविर में कुल 147 दिव्यागों को लाभान्वित किया गया। भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक और मुख्य संरक्षक डी.आर. मेहता, अध्यक्ष सतीश मेहता और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एस.बिस्सा की उपस्थिति में आयोजित इस शिविर के प्रति विकलागों में बडा उत्साह देखा गया।
दन्तेवाड़ा के शिविर का आयोजन बी.एम.वी.एस.एस ने जिला प्रशासन के सहयोग से किया जिसका लाभ जिले के दूर दराज के क्षेत्रो से आए लोगों ने लिया। दन्तेवाड़ा जिले के एक दिव्यांग डूगांराम नक्सली हमले में हुए विस्फोट में अपने पैर खो चुके थे पेशे से किसान डुगांराम वर्षों से पैर खोने के बाद तकलीफ झेल रहे थे, लेकिन दंतेवाड़ा के शिविर में उन्हें जयपुर फुट लगाकर चलने फिरने योग्य बना दिया। दिव्यांग कुमारी कोसी जो चलने फिरने में असमर्थ है को शिविर में ट्राई साईकिल दी गई जिससे वह ट्राई साईकिल से आ जा सकेगीं। इस शिविर में जयपुर फुट के अलावा कृत्रिम हाथ, कैलीपर्स का वितरण किया गया।
व्हीलचेयर, ट्राई साईकिल, वॉकर, वैसाखी, छड़ी आदि स्थानीय विधायक चैतराम अटामी ने शिविर का निरीक्षण करने के बाद कहा कि ऐसे शिविर के आयोजन में दिव्यागों को बडा लाभ हुआ है।
 बी.एम.वी.एस.एस के संचालक और मुख्य संरक्षक डी. आर. मेहता को धन्यवाद देते हुए कहा कि बी.एम.वी.एस.एस ने दुर्गम क्षेत्र में शिविर लगाकर दिव्यागों की जो सेवा की है वह सराहनीय है।
डी. आर. मेहता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा शिविर के पहले सुकमा और जगदलपुर में शिविरों का आयोजन भारतीय जैन सगंठन के मदनलाल पारख और पंकज चौपड़ा के सहयोग से दो वर्ष पूर्व आयोजित किए गए थे जिसमें सुकमा में 688 और जगदलपुर में 682 विकलागों को लाभान्वित किया गया।
 डी.आर. मेहता ने कहा कि बी.एम.वी.एस.एस नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर ऐसे दिव्यागों के बीच पहुँचने का प्रयास कर रहा है जिससे उनका पुर्नवास किया जा सके। नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में जाना खतरे से खाली नही था लेकिन बी.एम.वी.एस.एस ने स्थानीय लोगों के बीच यह विश्वास पैदा किया कि वह उनके पुर्नवास के लिए कटिबद्ध है और उनके जीवन को सुधारने के उद्देश्य से शिविर का आयोजन करना चाहते है। बी.एम.वी.एस.एस और जिला प्रशासन के इस सयुक्त प्रयास से विश्वास जागृत हुआ और जिला प्रशासन के इस सयुक्त प्रयास से छतीसगढ़ राज्य में तीसरे शिविर का सफल संचालन किया गया।

 डी. आर. मेहता ने बताया कि नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में शिविर के आयोजन का सिलसिला महाराष्ट्र के गढ़चिरोली से शुरू किया गया था। बी.एम.वी.एस.एस की मुम्बई शाखा के नारायण व्यास के नेतृत्व में ऐसे 6 शिविरों का गढ़चिरोली में आयोजन किया गया और स्थानीय लोगों और प्रशासन के अपार सहयोग से 1000 दिव्यागों को लाभान्वित किया गया। नारायण व्यास का कहना था कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गढ़चिरोली मे उन्हें नक्सल नेताओं ने आगे आकर सहयोग दिया और शिविर के सफल संचालन में पूरा सहयोग दिया। इससे विश्वास की कडी जो गढ़चिरोली से शुरू हुई और छत्तीसगढ तक फैली।

 डी.आर. मेहता ने कहा कि बी.एम.वी.एस.एस महाराष्ट्र के गढ़चिरोली और उसके बाद छत्तीसगढ़ के सुकमा, जगदलपुर और दर्तेवाड़ा में शिविर आयोजित कर यह सिद्ध कर दिया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जान जोखिम में डालकर के स्थानीय लोगों का विश्वास जीतकर कार्य किया जा सकता हैं, उन्होने कहा कि इसी तरह के शिविर छत्तीसगढ़ के अन्य क्षेत्रों मे भी आयोजित किये जायेगें।

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