अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस स्वयं व समाज के लिए योग-हर घर योग

०  किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया ० 
गोंदिया- वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियां को अब विश्वास हो गया है कि भारत जो रणनीति बनाकर पूरी दुनियां में क्रियान्वयन करता है तो उसकी सफलता केदूरगामी परिणामों से सफलता के झंडे गढ़ जाते हैं,जिसकी उम्मीद कोई विकसितदेश भी नहीं कर सकता जिसका सटीक उदाहरण अंतरिक्ष के दक्षिणी ध्रुव में यान,भारत का मोटा अनाज यानें अन्नश्री व योग के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक परिणाम दिखे हैं।हम अगरपिछले 4 महीनों से देखें तो, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून की युद्ध स्तरपर तैयारीयां चल रही थी बैक टू हंड्रेड डेस, बैकटू 50 डेस की रणनीति से पूरे देश में गतिविधियां हो रही थी।

  आम से खास व्यक्तियों में योग दिवस का कितना उत्साह देखा जा सकता है।वैसे योग दिवस पर सोने पर सुहागा यह भी है कि उस दिन अंतरराष्ट्रीय संगीत दिवस भी मनाया जाता है, यानें योग और संगीत का अनोखा योगदान मानवीय स्वास्थ्य को सकारात्मक लाभ पहुंचता है,क्योंकि आज हम देख रहे हैं कि संगीत पर योग का प्रचलन काफी बढ़ गया है,
अलग-अलग म्यूजिक बजाकर योग किया जाता है, यानेंआधुनिक डिजिटल युग का प्राचीन योग प्रणाली को आधुनिक संगीत एक और एक मिलकर ग्यारह बन गए हैं और पूरे विश्व को स्वास्थ्य लाभ पहुंचा रहे हैं, जो न केवल भारत के हर गांव से लेकर शहर और मेट्रोसिटी तक गूंज रहा है, बल्कि करीब करीब 190 से अधिक देशों में इसकी झंकार सुनाई दे रही है। चूंकि भारत एक बार फिर योगगुरु व विश्वगुरु की भूमिका में दिखाई दे रहा है।

 भारत में योग दिवस मनाने की करें तो,पीएम 21 जून को श्रीनगर में 10 वें अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस समारोह में रहेंगे। इस वर्ष अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस का विषय है- स्वयं और समाज के लिए योग। केंद्रीय आयुषमंत्री कहा कि इस वर्ष का विषय- व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में योग की दोहरी भूमिका के महत्‍व को दर्शाता है। हाल के वर्षों में लाखों लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी से समुदायों पर योग के गहरे प्रभाव का पता चलता है।इस अवसर पर, दृष्टिबाधित लोगों की सुविधा के लिए ब्रेल लिपि में एक सामान्य योग प्रोटोकॉल पुस्तक का विमोचन किया। 

उन्होंने योग पर प्रोफेसर आयुष्मान कॉमिक का लोकार्पण भी किया। यह पुस्तक बच्चों को रुचि और मनोरंजन के साथ योग सीखने और अभ्यास करने में मदद करेगी।एक विशेष पहल के रूप में, इस वर्ष भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस पर एक अनूठी पहल अंतरिक्ष के लिए योग का आयोजन कर रहा है। इसरो के सभी वैज्ञानिक और अधिकारी सामान्य योग प्रोटोकॉल दिशानिर्देशों के अनुसार एक साथ योग करेंगे। गगनयान मिशन के सदस्‍य भी योगाभ्यास करके अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के वैश्विक अभियान में शामिल होंगे।

योग के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय ने माई गॉव पोर्टल और माई भारत पोर्टल पर योगा टेक चैलेंज शुरू किया है।केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री ने इस बात पर बल दिया है कि इस वर्ष का विषय स्वयं और समाज के लिए योग व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में योग की दोहरी भूमिका को परिलक्षित करता है।उन्होंने कहा,योग शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक विकास के साथसाथ सामाजिक सद्भाव को भी बढ़ावा देता है।

 इसका उद्देश्य योग अभ्यास के असंख्य लाभों के बारे में वैश्विक जागरूकता पैदा करना है।प्रस्ताव में व्यक्तियों और समुदायों द्वारा स्वस्थ विकल्प चुनने तथा अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली जीवनशैली अपनाने के महत्व को स्वीकार किया गया है।इसके अनुरूप, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सदस्य देशों से अपने नागरिकों को शारीरिक निष्क्रियता कम करने के लिए प्रोत्साहित करनेका आग्रह कियाहै, जो दुनिया भर में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है और हृदय संबंधी बीमारियों, कैंसर और मधुमेह जैसी गैर-संचारी बीमारियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है हालांकि योग में सिर्फ़ शारीरिक गतिविधि ही शामिल नहीं है।

 योग मन और शरीर का एक अभ्यास है जिसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।यह तनाव को कम करने, लचीलेपन में सुधार करने और ताकत बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह दुनिया भर में योग के अभ्यास को बढ़ावा देने का एक तरीका है।योग एक सार्वभौमिक अभ्यास है जिसका आनंद सभी आयु और क्षमताओं के लोग उठा सकते हैं।

यह आपके शरीर और मन से जुड़ने तथा आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने का एक तरीका है।योग की उत्पत्ति हजारों वर्ष पहले भारत में हुई थी और यह आज भी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इस परंपरा का सम्मान करने और इसे दुनिया के साथ साझा करने का एक तरीका है। यह शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने का एक तरीका है।योग एक अभ्यास है जो हमें वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करना और तनाव एवं नकारात्मकता को दूर करना सिखाता है।

यह हमें अपने भीतर से जुड़ने तथा अपने जीवन में शांति और सद्भाव पाने में मदद कर सकता है।केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री ने इस बात पर बल दिया है कि इस वर्ष का विषय स्वयं और समाज के लिए योग व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में योग की दोहरी भूमिका को परिलक्षित करता है।उन्होंने कहा,योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के साथ-साथ सामाजिक सद्भाव को भी बढ़ावा देता है।हाल के वर्षों में लाखों लोगों की उत्साही भागीदारी जन-समुदायों पर योग के गहन प्रभाव को दर्शाती है।उन्होंने यह भी घोषणा की कि पीएम ने प्रत्येक ग्राम प्रधान को पत्र लिखकर जमीनी स्तर पर भागीदारी और ग्रामीण क्षेत्रों में योग के प्रसार को प्रोत्साहित किया है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य समारोह श्रीनगर में आयोजित किया जा रहा है। समारोह की अध्यक्षता एक बार फिर पीएम करेंगे।

 दुनिया 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एकता और सद्भाव का समारोह मनाने वाली एक शाश्वत पद्धति है। योग ने सांस्कृतिक और भौगोलिक सीमाओं को पार कर लिया है और इसने समग्र कल्याण की तलाश में विश्‍व के लाखों लोगों को एकजुट किया है।इस वर्ष के योग दिवस के नजदीक आते ही, योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने और दूसरों को भी इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना ज़रूरी है। योग से हमें असीम शांति प्राप्‍त होती है, जिससे हम जीवन की चुनौतियों का सामना शांति और धैर्य के साथ कर सकते हैं।

 इस साल का प्रमुख कार्यक्रम श्रीनगर में होगा ब्रायन लिपि में सामान्य योग प्रोटोकॉल बुक को लांच किया गया दो संगठन भारतीय लोगों को और दो पुरस्कार विदेशी संस्थाओं को पुरस्कार दिया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय योग पुरस्कार 2024 की शुरुआत हो रही है।   समाज के लिए योग-हर घर योग।भारत एक बार फिर योग गुरु व विश्व गुरु की भूमिका में दिखाई दिया-प्रतिष्ठा में चार चांद लगे।योग दिवस 21 जून  का धरती से लेकर आसमान तक व देश से विदेश तक डंका-योग व संगीत दिवस का अभूतपूर्व संगम।

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