उपनिवेशवाद के साये में भाषा विषय पर कराया ऐतिहासिक तथ्यों से रुबरु
० आशा पटेल ०
जयपुर । दर्शन प्रतिष्ठान, जयपुर एवं दर्शन विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के संयुक्त तत्त्वावधान में तृतीय श्री यशदेव शल्य स्मृति में उपनिवेशवाद के साये में भाषा' विषय पर व्याख्यान का आयोजन एच आर. डी. सी. भवन, राजस्थान विश्वविद्यालय में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे पत्रकार आचार्य अभय कुमार दुबे एवं सभापति डॉ. के. के. पाठक (आई.ए.एस.)।
जयपुर । दर्शन प्रतिष्ठान, जयपुर एवं दर्शन विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के संयुक्त तत्त्वावधान में तृतीय श्री यशदेव शल्य स्मृति में उपनिवेशवाद के साये में भाषा' विषय पर व्याख्यान का आयोजन एच आर. डी. सी. भवन, राजस्थान विश्वविद्यालय में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे पत्रकार आचार्य अभय कुमार दुबे एवं सभापति डॉ. के. के. पाठक (आई.ए.एस.)।
डॉ. अनुभव वार्षनेय, डॉ. मनीष सिनसिनवार, प्रोफेसर सर्वदमन मिश्र व प्रोफेसर राजवीर सिंह शेखावत ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रोफेसर सर्वदमन मिश्र ने अतिथियों का परिचय दिया। डॉ. कमलनयन ने अपने विषय प्रवेश व स्वागत भाषण में उपनिवेशवाद और भाषा के सम्बन्ध में भूमिका प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में मुख्यवक्ता आचार्य अभय कुमार दुबे ने अपने व्याख्यान में ऐतिहासिक सन्दर्भों के साथ विषय को विस्तार से स्पष्ट किया। उन्होने यह स्थापित किया कि किस प्रकार हम अपने व्यवहार और विचार में उपनिवेशन से ग्रस्त हैं। हमें स्वयं को अपनी दृष्टि से देखने के लिए औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आना होगा। दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अरविन्द विक्रम सिंह ने धन्यवाद किया। मंच संचालन प्रोफेसर राजकुमार ने किया। इस अवसर पर पूर्व दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर के एल शर्मा तथा अन्य प्रबुद्ध जन व छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।
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