राजस्थान : किसानों को सम्मान निधि देने के वादे से पलटी भारतीय जनता पार्टी

० संवाददाता द्वारा ० 
जयपुर- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा टोंक में राजकीय समारोह में 65 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत राशि जारी करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान के विधानसभा चुनाव में किसानों से रुपये 12000 प्रति वर्ष किसान सम्मान निधि देने का वादा किया गया था, किंतु हाल ही में मुख्यमंत्री ने इसे बढ़ाकर मात्र रुपये 8000 किया है। इस रुपये 2000 की बढ़ोतरी करने के बावजूद भी पूरी राशि किसानों को प्रदान नहीं की गई केवल रुपये 1000 की राशि ही किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदान कर किसानों के साथ वादा खिलाफी की गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा की राजस्थान सरकार ने बड़े-बड़े विज्ञापन समारोह आयोजित करवा दिए, किंतु किसानों के साथ किया गया वादा नहीं निभाया।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के जरिए अपने संकल्प पत्र में गेहूं के समर्थन मूल्य पर रुपये 300 बोनस देने का किसानों से वादा किया था, किंतु उस वादे को भी नहीं निभाया है और राजस्थान के किसानों के साथ वादा खिलाफी की। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने से पूर्व किसानों के कर्ज को लेकर खूब बयान दिए थे किंतु भाजपा ने सत्ता में आने के बाद किसान का एक पैसा भी माफ नहीं किया, उल्टा भाजपा सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा जी ने कहा कि कर्ज नहीं चुकाना किसान की आदत हो गई है, इतना ही नहीं बीजेपी सरकार ने श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के किसानों की जमीन कुर्की का आदेश दे दिया, जिसे कांग्रेस के दबाव में वापस लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि 19000 किसानों की जमीन कुर्की पर मुआवजा देने का वादा भी भाजपा ने चुनाव में किसानों से किया था किंतु इस वादे को भी भारतीय जनता पार्टी भूल गई।

डोटासरा ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 21 लाख किसानों का 14000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया था और किसानों को राहत प्रदान करते हुए घरेलू बिजली के अलावा 2000 यूनिट कृषि कनेक्शन पर बिजली निःशुल्क प्रदान की थी। उन्होंने कहा कि राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2020 में विधेयक लाकर 5 एकड़ तक कृषि भूमि नीलामी से रोकने के लिए कानून पारित किया था जो आज भी केंद्र सरकार के समक्ष अनुमोदन हेतु लंबित है। इससे स्पष्ट है कि किसानों की जमीन नीलामी रोकने को लेकर भाजपा की मंशा साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा जो कहा वह करके दिखाया, किंतु भाजपा का काम सिर्फ झूठ बोलकर जनता को भ्रमित करते हुए सत्ता हासिल करने का ही उद्देश्य रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव से पूर्व जारी घोषणा पत्र में किसानों को लागत से डेढ़ गुना एमएसपी देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं किया उसके पश्चात् प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दुगुनी करने का वादा किया था, किंतु आय की बजाय किसानों की लागत दुगुनी कर दी और किसानों के हितों पर कुठाराघात करते हुए तीन काले कृषि कानून थोप दिए, जिसे किसानों के आंदोलन के पश्चात वापस लिया गया। 

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में 750 से अधिक किसानों की शहादत हुई किंतु समझौते में एमएसपी को कानून बनाने का वादा केंद्र की भाजपा सरकार ने नहीं निभाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कि मोदी सरकार में मंत्री रहे अजय मिश्रा टेनी के पुत्र ने किसानों को गाड़ी से कुचला, भाजपा नेताओं ने किसानों को अपशब्द कहे, इसे अन्नदाता कभी भूलेगा नहीं।

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