स्कून्यूज़ ग्लोबल एजुकेटर्स फेस्ट' में शरीक हुए 3000 स्कूल लीडर्स

० आशा पटेल ० 
जयपुर, । हमारा देश अप्रयुक्त क्षमता और संसाधनों से समृद्ध है, विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में। शिक्षा की गुणवत्ता को सही मायने में बढ़ाने के लिए, हमें न केवल बड़े संस्थानों बल्कि छोटे स्कूलों को भी बदलने पर ध्यान देने की आवश्यकता है। शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण में निवेश करना महत्वपूर्ण है, जिससे उन्हें पारंपरिक, थियोरी-आधारित शिक्षण से अधिक प्रैक्टिकल, क्रियाशील एप्रोच अपनाने में सक्षम बनाया जा सके। 
आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस की वृद्धि के साथ, भविष्य के बारे में अनिश्चितता बढ़ती जा रही है। यह आवश्यक है कि हम अपने बच्चों को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने और उनमें सफल होने के लिए तैयार करें। यह बात काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन के सीईओ एवं सचिव, डॉ. जोसेफ इमैनुएल ने कही। वह राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में 9 से 10 अगस्त तक आयोजित स्कून्यूज़ ग्लोबल एजुकेटर्स फेस्ट के छठे सीजन के उद्घाटन सत्र में संबोधित कर रहे थे। इस सीजन फेस्ट का आयोजन 'कम्पेन्टेनसीस बियॉन्ड कंटेंट: अलाइनिंग टूडेज करिक्यूलम विथ टुमॉरोज अननोन' थीम पर किया गया ।
स्कून्यूज के संस्थापक एवं सीईओ रवि संतलानी ने बताया कि इस फेस्ट में 3000 से ज़्यादा स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1000 से ज़्यादा डेलिगेट्स ने भाग लिया। साथ ही, 500 से ज़्यादा स्कूल लीडर्स, 400 शिक्षक और 400 हाई स्कूल के छात्र एसजीईएफ 2024 का हिस्सा बने । उन्होंने बताया कि कॉन्फ्रेंस में सभी चर्चाओं का पूरी बारीकी से डॉक्यूमेंटेशन किया जा रहा है। 'वाइट पेपर' तैयार करने के लिए एआई और टेक्नोलॉजी का लाभ उठाया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस आयोजन से प्राप्त अंतर्दृष्टि का उपयोग शिक्षा क्षेत्र में अतिरिक्त स्टेकहोल्डर्स को प्रशिक्षित करने और लाभान्वित करने के लिए किया जा सके।
नर्चर के सह-संस्थापक अक्षल अग्रवाल ने किंडरगार्टन से हार्वर्ड तक की अपनी उल्लेखनीय यात्रा को साझा करते हुए, स्कूल में निर्धारित पाठ्यक्रम से परे छात्रों को अन्य गतिविधियों में इंगेज करने के महत्व के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मुख्य क्षेत्रों के साथ-साथ 21वीं सदी के नए क्षेत्रों जैसे 'ग्लोबल डाइमेन्शन', 'एथिकल थिंककिंग', 'सोश्यो-इमोशनल डेवलपमेंट', 'फाइनेंशियल लिटरेसी', 'यंग एन्टरप्रिन्योरशिप' आदि को भी शामिल किया जाना चाहिए।

एमएसएमएस ट्रस्ट, सिटी पैलेस की ट्रस्टी रमा दत्त ने एसजीईएफ के क्यूरेटर्स को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इतने विविध अनुभवों को एक जगह लाना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन एसजीईएफ ने बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कहा कि जयपुर और देशभर के स्कूल लीडर्स भाग्यशाली हैं, जो उन्हें इस विशेष अवसर का हिस्सा बनने का मौका मिला। इससे पहले दिशा स्कूल के स्टूडेंट्स ने विशेष प्रस्तुति दी। इस दौरान ग्रेट इंडियन स्कूल टूर का लॉन्च और एक्सपो स्पेस का उद्घाटन, जिसमें 40 एग्जीबिटर्स भाग ले रहे हैं, भी फेस्ट के पहले दिन मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे।

फेस्ट के अंतर्गत 'S.L.E.A.K' (स्कूल लीडर्स एक्सचेंजिंग एक्शनेबल नॉलेज) समिट का आयोजन किया गया। यह समिट विशेष रूप से हेड ऑफ स्कूल्स, डायरेक्टर्स और चेयरपर्सन जैसे एजुकेशनल लीडर्स के लिए डिज़ाइन किया गया, जिसमें 6 अनुरूपित ट्रैक -‘एआई इन एजुकेशन’, ‘अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन’, 'वोकेशनल एंड स्किल ड्रिवन एजुकेशन’, ‘पीबीएल: प्रोजेक्ट, प्लैसेस एंड बियॉन्ड’, ‘इनोवेटिव लर्निंग: स्टेम , स्टीम , स्ट्रीम और 'मेकरस्पेस एंड टीचर ट्रेनिंग फॉर ए फ्यूचर अननोन’ शामिल थे। दूसरी कॉन्फ्रेंस 'टीचकैम्प' है, जिसे अनिश्चित भविष्य के लिए शिक्षकों को तैयार करने की तत्काल आवश्यकता के महत्व को समझते हुए डिज़ाइन किया गया है।

 फेस्ट के दो दिनों के दौरान, देश के टॉप 6 टीचर ट्रेनर्स ने महत्वपूर्ण विषयों पर 2 घंटे की मास्टर क्लास ली। इसी प्रकार, तीसरी कॉन्फ्रेंस, 'फ्यूचरस्केप फोरम', 9वीं से 12वीं कक्षा के हाई स्कूल के छात्रों को भविष्य के लिए नई दुनिया का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया । इसी तरह, फेस्ट के दूसरे दिन, 10 अगस्त को सुपर 30 के आनंद कुमार और करियर 360 के माहेश्वर पेरी जैसे प्रख्यात वक्ता शामिल हुए। यह दिन पहले दिन के प्लेनेरी सेशंस के रिवीजन, कॉन्करेंट ट्रैक और ओपन हाउस पर केंद्रित था। फेस्ट का समापन 'ग्लोबल एजुकेशन अवार्ड्स' के साथ हुआ।

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