टैक्स और कानून के पेशे से जुड़े लोगों को सक्षम बनाने के लिए लीगल AI प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली, Lexlegis.ai देश में लीगल-टेक सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने के मामले में सबसे आगे है, जिसने भारत के पहले लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) के लॉन्च की घोषणा की, जिसे विशेष रूप से लीगल-टेक क्षेत्र के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह AI टूल अपने आप में बेमिसाल है, जो अव्वल दर्जे की सटीकता और विश्वसनीयता के साथ कानूनी मामलों पर रिसर्च में जबरदस्त बदलाव लाने के लिए तैयार है। यह प्लेटफ़ॉर्म हर प्रकार के मुद्दे से संबंधित विशिष्ट निर्णय और सटीक संदर्भ प्रदान करके कानूनी पेशे से जुड़े लोगों की मदद करता है, जिससे बड़े पैमाने पर मौजूद केस दस्तावेज़ों को मैन्युअल तरीके से एक जगह इकट्ठा करने में भारतीय अदालतों को लगने वाले समय में काफी कमी आएगी।

 भारत की न्यायिक व्यवस्था में 44.9 मिलियन से अधिक मामले लंबित हैं, और Lexlegis.ai इसी समस्या के समाधान की पेशकश करता है जो बड़े पैमाने पर बदलाव लाने वाला है। यह प्लेटफ़ॉर्म एडवांस्ड एल्गोरिदम की मदद से कानूनी मामलों पर रिसर्च की प्रक्रिया को गति देता है, जिससे हफ़्तों के काम को कुछ ही सेकंड में पूरा किया जा सकता है। विविध कानूनी क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के मामलों से जुड़े दस्तावेज़ों के विशाल भंडार पर आधारित है, जो अधिवक्ताओं, वकीलों एवं कानूनी टीमों को कानूनी परिदृश्य की जटिलताओं से अधिक कुशल तरीके से निपटने में सक्षम बनाता है।

AI की क्षमताएँ रिसर्च के दायरे से भी आगे तक फैली हुई हैं; यह कानूनी दस्तावेज़ों को स्कैन करके उनका विश्लेषण कर सकता है, मामले से संबंधित जानकारी का पता लगा सकता है, और इसमें भिन्नता की पहचान कर सकता है। इस प्रकार, मैन्युअल तरीके से हर दस्तावेज़ पर गौर करने में लगने वाला समय काफी कम हो जाता है। Lexlegis.ai एक बहु-उपयोगी टूल है, जिसे कानूनी कंपनियों, सरकारी विभागों, कॉर्पोरेट कानूनी टीमों, SMEs तथा कानूनी पेशे से जुड़े लोगों द्वारा उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है।

भारत की अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित मामलों की वजह से कानूनी मामलों पर रिसर्च करने के पारंपरिक तरीके अब कारगर नहीं रह गए हैं। Lexlegis.ai का 'Ask' फीचर इस प्लेटफ़ॉर्म का सबसे अहम घटक है, जो कानूनी मामलों का कुछ ही सेकंड में सटीक उत्तर प्रदान करता है, और इस तरह रिसर्च में लगने वाला समय काफी कम हो जाता है। AI पर आधारित यह टूल अधिवक्ताओं की कार्यक्षमता बढ़ाने, अधिक महत्वपूर्ण कार्यों के लिए समय निकालने तथा कानूनी व्यवस्था पर असर डालने वाली अक्षमताओं को दूर करने के लिए तैयार है।

लॉन्च के मौके पर संस्थापक एवं सीईओ साकार एस. यादव ने कहा, "भारत में लंबित कानूनी मामलों की संख्या 44.9 मिलियन से अधिक है, जो इनोवेटिव सॉल्यूशंस की मदद से इस संकट से निपटने की तात्कालिक जरूरत को उजागर करता है। न्यायपालिका और कानूनी पेशे से जुड़े लोगों को AI-संचालित टूल्स की मदद से सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो रिसर्च को सरल और बेहतर बनाते हैं। हमारे आने वाले फीचर्स में इंटरैक्ट एवं ड्राफ्ट शामिल हैं, जो कानूनी प्रक्रियाओं को और अधिक सुव्यवस्थित करेंगी, जिससे इस पेशे से जुड़े लोगों के समय की बचत होगी और सटीकता में सुधार होगा। 

आने वाले समय में, हम भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में भी प्रैक्टिस मैनेजमेंट प्लेटफ़ॉर्म पर और ज़्यादा वर्कफ़्लो एवं प्रक्रियाओं की शुरुआत करना चाहते हैं।" कानूनी क्षेत्र में AI की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हुए, इकोनॉमिक लॉज़ प्रैक्टिस (ELP) के मैनेजिंग पार्टनर, श्री सुहैल नैथानी ने कहा, "सूचना का क्षेत्र काफी जटिल और विशाल है, जिसमें Lexlegis ने उच्च गुणवत्ता वाले AI टूल की पेशकश करके एक नई शुरुआत की है। यकीनन वे नॉलेज इंडस्ट्री के भविष्य में सबसे आगे हैं। उनके साथ इस शानदार सफर का हिस्सा बनना ELP के लिए गौरव की बात है।"

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