इंपॉर्टेंस ऑफ रिटायरमेंट प्लानिंग रोल ऑफ एनपीएस' पर हुआ इंटरेक्टिव सेशन

० आशा पटेल ० 
जयपुर। पेंशन का लाभ पहले केवल सरकारी कर्मचारियों को ही मिलता था। लेकिन, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की शुरुआत के बाद अब यह लाभ सभी को मिल रहा है। भारत में जहां वर्कफोर्स की संख्या लगभग 468 मिलियन है, वहीं 90 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं तथा उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभों तक वैधानिक पहुंच भी उपलब्ध नहीं है। इस संदर्भ में, कर्मचारियों के जीवनसाथी और बच्चों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनपीएस एक महत्वपूर्ण साधन बन जाता है। 
यह बात पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) के चेयरपर्सन, डॉ. दीपक मोहंती ने कही। वे जयपुर में फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल द्वारा पीएफआरडीए के सहयोग से आयोजित कॉर्पोरेट्स के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) पर इंटरैक्टिव सेशन में संबोधित कर रहे थे।
डॉ. मोहंती ने कहा बाजार में रिटर्न काफी अनुकूल है, क्योंकि एनपीएस एक रेगुलेटेड, कम लागत वाला प्रोडक्ट है। भारत की विकसित होती अर्थव्यवस्था और बढ़ती उम्र की आबादी के साथ, पेंशन की सुविधा होना एक समझदारी भरा फैसला है,
खासकर तब जब हमारी आय से कई जरूरतें पूरी करनी हों। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट्स को आगे से बढ़कर कर्मचारियों को एनपीएस के बारे में जानकारी देना चाहिए। पीएफआरडीए के चीफ जरनल मैनेजर, श्री सुमित कुमार ने एक विस्तृत प्रजेंटेशन के माध्यम से एनपीएस की विशेषताओं जैसे आकर्षक रिटर्न, पारदर्शी और ऑनलाइन पहुंच, पोर्टेबल यूनीक पीआरएएन, कम लागत, फ्लैक्सिबल विकल्प और कर दक्षता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कॉरपोरेट्स के लिए एनपीएस के लाभों पर भी प्रकाश डाला जैसे कि बिना किसी लागत के जॉइनिंग, ट्रस्ट बनाने की आवश्यकता नहीं, 

सरल प्रबंधन, कॉन्ट्रिब्यूशन में फ्लैक्सिबिलिटी, खाता संबंधी कोई बाध्यता नहीं और एम्पलॉई वेलफेयर और रिटेंशन, आदि। विलिस टावर्स वॉटसन के रिटायरमेंट हेड रितोब्रत सरकार ने 'रिटायरमेंट बेनिफिट प्लानिंग' पर एम्पलॉयर्स के साथ-साथ एम्पलॉइ के दृष्टिकोण के बारे में बताया। एक सर्वे से प्राप्त जानकारी पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि अधिकांश कर्मचारी मुख्य रूप से एम्पलॉयर रिटायरमेंट प्लान पर निर्भर हैं। रिटायरमेंट बेनिफिट्स एम्पलाइ रिटेंशन को बढ़ावा देते हैं। कर्मचारियों के लिए एनपीएस प्रोवीडेंट फंड (पीएफ) और सुपरएनुएशन के पूरक के रूप में एक बेहतरीन तरीका है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की जनरल मैनेजर श्रीमती रितु गौर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एनपीएस एक मुख्य रिटायरमेंट सेविंग प्रोडक्ट और दीर्घकालिक धन सृजन योजना है। उन्होंने बताया कि एसबीआई एनपीएस के लिए सबसे पुराना केंद्र है, जिसके पास इस स्कीम के लिए सबसे बड़ा सब्सक्राइबर बेस है और पूरे भारत में इसकी 20% बाजार हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि एसबीआई की मजबूती 22,500 शाखाओं का नेटवर्क है, जो पीएफआरडीए, कॉरपोरेट्स, सब्सक्राइबर्स और डेजिग्नेटेड एनपीएस मध्यस्थों को जोड़ने का काम करता है।

अपने भाषण में फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के मेम्बर और इनसोलेशन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन मनीष गुप्ता ने बताया कि एनपीएस किस तरह निजी क्षेत्र की वित्तीय सुरक्षा और भविष्य को आकार दे सकता है। उन्होंने कहा कि एनपीएस एम्पलॉयर्स और एम्पलाइ दोनों को लाभ पहुंचाता है और एक स्थिर रिटायरमेंट सुनिश्चित करता है।

इस अवसर पर फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के को-चेयरमैन और अक्षय इंफ्रासिस इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी अक्षय हाडा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि फिक्की और पीएफआरडीए द्वारा आयोजित सेशन से कॉरपोरेट्स और लोगों के बीच एनपीएस के बारे में बेहतर समझ विकसित हुई है। एमएसएमई भी रिटायरमेंट योजनाओं में एनपीएस की भूमिका बढ़ाने में महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकते हैं।

 फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के सलाहकार अजय सिंघा ने बताया कि वर्ष 2004 में पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) के माध्यम से नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की शुरुआत, परिभाषित अंशदान पेंशन प्रणाली की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। 1 मई, 2009 से स्वैच्छिक आधार पर एनपीएस को भारत के सभी नागरिकों के लिए विस्तारित किया गया तथा दिसंबर 2011 में निजी क्षेत्र के कॉरपोरेट्स को अपने कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति लाभ योजना के रूप में एनपीएस को अपनाने में सक्षम बनाने के लिए एनपीएस कॉरपोरेट सेक्टर मॉडल की शुरुआत की गई।

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