सीआईआई व आईजीबीसी ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट से रियल एस्टेट में हरित क्रान्ति लाने को लेकर गंभीर

० आशा पटेल ० 
जयपुर । क्रेडाई और टोडार के सहयोग से सीआईआई की इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) जयपुर चैप्टर ने जयपुर राजस्थान में ‘‘आवासीय विकास में सतत और हरित प्रथाओं को बढ़ाने‘‘ पर एक सेमीनार के आयोजन की मेजबानी की। इस कार्यक्रम में आवासीय परियोजनाओं में स्थिरता पर चर्चा करने और उसे बढ़ावा देने के लिए रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र के प्रमुख जानकारों को आमंत्रित किया गया।इस अवसर पर आईजीबीसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सी शेखर रेड्डी ने कहा, ‘‘भारत में ग्रीन बिल्डिंग आंदोलन, आईजीबीसी द्वारा 2001 में हैदराबाद में केवल एक इमारत के साथ शुरू किया गया था,
जो अब 11.92 बिलियन वर्ग फुट को कवर करने वाली 14,231 से अधिक परियोजनाओं के साथ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गया है। भारत को 32 अद्वितीय हरित रेटिंग और नेट जीरो पर आईजीबीसी मिशन की शुरूआत के साथ, हम 2070 तक भारत को नेट जीरो राष्ट्र में बदलने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ रहा है, हमारी प्रतिबद्धता, एक हरित, स्मार्ट भविष्य सुनिश्चित करेगी।‘‘ अमित कक्कड़, मुख्य अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, राजस्थान सरकार ने शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि के जवाब में हरित प्रथाओं के बढ़ते महत्व पर जोर दिया।
 विनय दलेला, निदेशक, टाउन प्लानिंग, जयपुर विकास प्राधिकरण, राजस्थान सरकार ने अपने संबोधन में कहा कि ‘राजस्थान सरकार राज्य भर में हरित विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीतियों पर सक्रिय रूप से काम कर रही है। हमारा विश्वास है कि हरित इमारतों के लिए प्रोत्साहन सभी को मौजूदा इमारतों और निर्मित वातावरणों के लिए हरित उपायों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में काफी मदद करेगा।‘‘

आईजीबीसी जयपुर चैप्टर के अध्यक्ष आनंद मिश्रा ने राजस्थान के ग्रीन फुटप्रिंट का विस्तार करने के लक्ष्य को रेखांकित किया, जिसका लक्ष्य आवासीय विकास में सस्टेनेबल प्रेक्टीसेज् को प्रोत्साहित करना है। राजस्थान में फिलहाल लगभग120 मिलियन वर्ग फुट से अधिक ग्रीन बिल्डिंग फुटप्रिंट की उपस्थिति है।

आईजीबीसी जयपुर चैप्टर के सह-अध्यक्ष धीरेंद्र मदान ने इस बात पर जोर दिया कि नवीन प्रौद्योगिकियां टिकाऊ विकास की कुंजी हैं और सेमिनार के हुई गंभीर चर्चा से ग्रीन आवासीय परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा, पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।इस कार्यक्रम में प्रजेन्टेशन और पेनल डिस्कशन भी 
शामिल थे। जिसमें सस्टेनेबल आवासीय विकास पर विशेषज्ञों ने विचार रखे थे, जिसमें रियल एस्टेट डेवलपर्स, आर्किटेक्ट्स, इंजीनियरों, नीति निर्माताओं और स्थिरता के प्रति उत्साही लोगों ने भाग लिया ।

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