क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सरकारी योजनाओं का आमजन को लाभ दें - वित्त मंत्री सीतारमण

० आशा पटेल ० 
उदयपुर। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के 9 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कार्य-प्रदर्शन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। वित्तमंत्री सीतारमण ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सरकारी योजनाओं के बारे में विशेष रूप से आकांक्षी जिलों में जागरूकता पैदा करने के लिए अपनी सहभागिता निभाएं। बुंदेलखंड क्षेत्र में मुद्रा योजना में निश्चित अवधि के दौरान कम निकासी के मद्देनजर उन्होंने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) को निर्देश दिया कि राज्य सरकार के अधिकारियों, 
प्रायोजक बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के साथ विशेष रूप से बैठकें आयोजित की जाएं ताकि बुंदेलखंड क्षेत्र और आकांक्षी जिलों में वित्तीय समावेशन की अन्य योजनाओं के साथ-साथ मुद्रा योजना के प्रदर्शन में भी सुधार किया जा सके। बैठक में ग्रामीण बैंकों के व्यावसायिक प्रदर्शन, डिजिटल प्रौद्योगिकी से जुड़ी सेवाओं को उन्नत करने, एमएसएमई समूहों में व्यापार को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को और मजबूत बनाने पर विचार विमर्श किया गया। केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण ने गुजरात और राजस्थान की पीएम सूर्य घर योजना के लिए प्राकृतिक क्षमता को रेखांकित किया और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से आग्रह किया कि वह आमजन में योजना के प्रति जागरूकता उत्पन्न करें। उन्होंने योजना के तहत कर्ज भी उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
इस मौके पर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा ऋण की पहुंच बढ़ाने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) कार्यक्रम पर भी प्रकाश डाला गया। इसी तरह, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उनके अपने परिचालन क्षेत्रों में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत संभावित ट्रेडों की पहचान करने और ऋण प्रदान करने के लिए भी निर्देशित किया गया था। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को जमीनी स्तर के कृषि ऋण वितरण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने और प्राथमिकता वाले क्षेत्र में कर्ज के घोषित उद्देश्यों को हासिल करने के लिए भी निर्देशित किया गया था। वर्ष 2022 में नियमित समीक्षा शुरू होने के बाद से पश्चिमी मध्य क्षेत्र के इन 9 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रौद्योगिकी उन्नयन में आए संतोषजनक सुधार पर वित्तमंत्री ने संतोष व्यक्त किया।

उल्लेखनीय है कि समेकित सीआरएआर (पूंजी-से-जोखिम भारित संपत्ति अनुपात) जो वित्तवर्ष 2021 में 7.8 फीसद था, वह वित्तवर्ष 2024 में 13.7 फीसद तक पहुंच गया है और लाभप्रदता रुपए के घाटे से बेहतर हुई है। सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (जीएनपीए) 3.9 फीसद के अनुपात के साथ अपेक्षाकृत कम है। उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से भविष्य में भी इसी तरह गति बनाए रखने का आग्रह किया। वित्तमंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों यह भी निर्देशित किया कि वह ज्यादा कर्ज बांटने के लिए अपने स्वस्थ चालू खाता बचत खाता अनुपात का लाभ उठाएं। केंद्रीय वित्तमंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लंबित बकाए के समाधान में रिजर्व बैंक से हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया।

समीक्षा बैठक के दौरान, वित्तमंत्री ने निर्देश दिया कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और अधिक ग्राहक अनुकूल बनें, अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए अपने स्थानीय संपर्क का लाभ उठाएं। प्रायोजक बैंकों की यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है कि वे तकनीकी सहायता प्रदान करने, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में समर्थ हैं और यह भी सुनिश्चित करना कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सफल होने के लिए आवश्यक संसाधनों तक उनकी पहुंच हो। वित्तमंत्री ने छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को कर्ज सुनिश्चित करने के लिए एमएसएमई समूहों में मौजूद ग्रामीण बैंक की सक्रिय पहुंच पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने क्लस्टर गतिविधियों के अनुरूप अनुकूलित एमएसएमई उत्पाद तैयार किए हैं। हालांकि, उन्हें उस सेगमेंट में अपने क्रेडिट पोर्टफोलियो की नियमित समीक्षा करने की जरूरत है।

वित्तमंत्री ने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि प्रायोजक बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अपने समक्ष आने वाली चुनौतियों की पहचान करनी चाहिए। संपत्ति की गुणवत्ता बनाए रखना, डिजिटल सेवाओं का विस्तार करना और मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन सुनिश्चित करना ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर लगातार ध्यान देने की जरूरत है। बैठक में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अध्यक्ष और प्रायोजक बैंकों के सीईओ ने भाग लिया। बैठक में डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियस सर्विसेज (डीएफएस) के सचिव, अतिरिक्त सचिव, डीएफएस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, रिजर्व बैंक, सिडबी और नाबार्ड के प्रतिनिधि और 5 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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