आरईसी ने चौथे री-इन्वेस्ट के दौरान 1.12 लाख करोड़ के लिए आरई डेवलपर्स के साथ समझौता किए

० योगेश भट्ट ० 
गुरुग्राम : एनबीएफसी आरईसी लिमिटेड ने गांधीनगर में चौथे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो (री-इन्वेस्ट 2024) के दौरान आरई डेवलपर्स के साथ लगभग 1.12 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसे 5 वर्षों की अवधि में कार्यान्वित किया जाएगा। समझौता ज्ञापनों में सौर और पवन हाइब्रिड परियोजनाओं, सौर और पवन राउंड द क्लॉक (आरटीसी) परियोजना, फर्म और डिस्पैचेबल आरई (एफडीआरई) बिजली, फ्लोटिंग सोलर प्लांट, अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क, हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बेस), 

पंप स्टोरेज, हाइड्रोपावर, ग्रीन अमोनिया/हाइड्रोजन, सोलर सेल/मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग और अन्य अभिनव तकनीकों पर आधारित परियोजनाएं शामिल हैं। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर, विंड टर्बाइन मैन्युफैक्चरिंग, ईवी इकोसिस्टम सहित संबंधित चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के वित्तपोषण के लिए भी चर्चा चल रही है। इसके अलावा, आरईसी शीर्ष रेटेड ऑफटेकर वाले सीएंडआई सेगमेंट के लिए डेवलपर्स द्वारा रिन्यूएबल परियोजनाओं पर विचार करने के लिए भी खुला है।

 आरईसी की योजना 2030 तक देश की स्थापित गैर जीवाश्म आधारित उत्पादन क्षमता को 200 गीगावाट से 500 गीगावाट तक पहुंचाने की यात्रा में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने का है। आरईसी ने 2030 तक अपनी अक्षय ऊर्जा ऋण पुस्तिका को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक तक बढ़ाने के लिए 'शपथ पत्र' के माध्यम से वित्तीय प्रतिबद्धता जताई है। इससे 2030 तक अक्षय ऊर्जा का हिस्सा मौजूदा 8% से बढ़कर 30% हो जाएगा, क्योंकि आरईसी की ऋण पुस्तिका 2030 तक 10 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। यह शपथ पत्र आरईसी के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन, आईएएस द्वारा प्रहलाद जोशी, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा कैबिनेट मंत्री को सौंपा गया।

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