भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति ने मणिपुर में जयपुर फुट शिविर का आयोजन किया
० आशा पटेल ०
जयपुरः| अशान्त और उपद्रवग्रस्त मणिपुर राज्य के विकलांगों के पुर्नवास के लिए इम्फाल में आयोजित दो दिवसीय शिविर में विकलांगों को जयपुर फुट के अलावा कृत्रिम हाथ भी लगाए गए। इसके अलावा 114 श्रवण यंत्र, 35 व्हीलचेयर्स, 11 ट्राई साईकिल, 14 बैसाखियाँ तथा बीस वाकिंग स्टिक विकलांगों को निःशुल्क बाँटे गए । भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति की कार्यकारिणी के सदस्य और पूर्व महाअधिवक्ता गिरधारी सिंह बापना के नेतृत्व में बी.एम.वी.एस.एस. का एक दल विकलांगों को कृत्रिम अंग और उपकरण उपलब्ध करा रहा हैं।
जयपुरः| अशान्त और उपद्रवग्रस्त मणिपुर राज्य के विकलांगों के पुर्नवास के लिए इम्फाल में आयोजित दो दिवसीय शिविर में विकलांगों को जयपुर फुट के अलावा कृत्रिम हाथ भी लगाए गए। इसके अलावा 114 श्रवण यंत्र, 35 व्हीलचेयर्स, 11 ट्राई साईकिल, 14 बैसाखियाँ तथा बीस वाकिंग स्टिक विकलांगों को निःशुल्क बाँटे गए । भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति की कार्यकारिणी के सदस्य और पूर्व महाअधिवक्ता गिरधारी सिंह बापना के नेतृत्व में बी.एम.वी.एस.एस. का एक दल विकलांगों को कृत्रिम अंग और उपकरण उपलब्ध करा रहा हैं।
बापना ने बताया कि इम्फाल का शिविर मणिपुर सरकार के निःशक्तजन आयुक्त विभाग, इन्टरफेम फोरम, विकलांग कल्याणार्थ संघ, मणिपुर सुमंग लीला परिषद, ब्रह्म सभा, श्री गोविन्द मन्दिर और राजीव भाग्य चन्द्र सांस्कृतिक फाउण्डेशन के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इम्फाल के शिविर के बाद दो दिवसीय शिविर चुरचन्द्रपुर में आरम्भ हुआ। इस के बाद 9 और 10 सितम्बर को कंगपोकपी में शिविर आयोजित किया जाएगा । इन शिविरों को मितई और कुकी आबादी वाले क्षेत्रों में आयोजित किया जा रहा हैं ताकि विकलांगों को लाभ मिल सके।
मणिपुर के उपद्रवों में अंग गंवा चुके महिला और पुरूषों के अलावा ऐसे विकलांगों को भी लाभान्वित किया जा रहा है जो दुर्घटना या अन्य कारणों से अपने अंग गंवा चुके हैं। विकलांग समिति के संस्थापक और मुख्य संरक्षक डी. आर. मेहता ने बताया कि मणीपुर के शिविर से विकलांगों को बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर अशान्त क्षेत्र हैं और यहाँ ऐसे शिविरों का आयोजन करना बहुत कठिन काम हैं। लेकिन बी.एम.वी.एस.एस. जैसी विश्व प्रसिद्ध संस्था ने शिविर के आयोजन के लिए पहल की तो ई मणिपुर संस्थाएँ सहयोग के लिए आगे आ गई और इम्फाल के शिविर की सफलता से आयोजकों का हौसला बढ़ा।
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