अहिंसा पर्व वर्ष 2551' का राज्यपाल ने किया शुभारंभ
जयपुर । राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि भगवान महावीर ने अहिंसा, अपरिग्रह और मानव मात्र ही नहीं जीव जंतुओं तक के प्रति करूणा रखते हुए कार्य करने का जो संदेश दिया वह आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने 'अहिंसा' पर्व पर उनके जिएं और जीने दो के संदेश से सीख लेते हुए सभी को मानवता के लिए कार्य किए जाने पर जोर दिया। राजस्थान जैन सभा द्वारा आयोजित 'अहिंसा पर्व वर्ष 2551' के शुभारंभ समारोह में उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव को आगामी 1 नवम्बर को 2500 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। यह समय उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाते हुए भारत के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करने का है।
राज्यपाल ने जैन धर्म में तीर्थंकरों की परम्परा की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान महावीर ने युगीन संदर्भों में जीवन के आदर्श की राह दिखाई। उन्होंने कहा कि उनके अहिंसा, अपरिग्रह एवं अनेकांत के आचरण को अपनाने, सभी के प्रति मन—वन कर्म से शुद्ध रहते जीवन जीने की उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।इससे पहले राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष श्री सुभाष चन्द जैन ने 'अहिंसा पर्व' मनाए जाने की कार्ययोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने भगवान महावीर के निर्वाणोत्सव को 'अहिंसा पर्व' रूप में मनाने की पहल की सराहना की।
राज्यपाल ने जैन धर्म में तीर्थंकरों की परम्परा की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान महावीर ने युगीन संदर्भों में जीवन के आदर्श की राह दिखाई। उन्होंने कहा कि उनके अहिंसा, अपरिग्रह एवं अनेकांत के आचरण को अपनाने, सभी के प्रति मन—वन कर्म से शुद्ध रहते जीवन जीने की उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।इससे पहले राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष श्री सुभाष चन्द जैन ने 'अहिंसा पर्व' मनाए जाने की कार्ययोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने भगवान महावीर के निर्वाणोत्सव को 'अहिंसा पर्व' रूप में मनाने की पहल की सराहना की।
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