वरिष्ठ पत्रकार अशोक माथुर : पत्रकारिता के मजबूत स्तम्भ नहीं रहे

० आशा पटेल ० 
जयपुर | पिछले कई दिनों से चल रहे थे अस्वस्थ पत्रकार अशोक माथुर हम सब के दिलों में तो रहेंगे पर भोतिक रूप से नहीं रहेंगे 13 अक्टूबर जयपुर में उन्होंने अन्तिम सांस ली , खबर मिलते ही पत्रकार जगत में शोक की लहर छा गई ,वे पत्रकार ही नहीं सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। सामाजिक,आर्थिक और राजनैतिक मुद्दों पर वे सदैव मुखर रहे,उन्होंने निष्पक्ष पत्रकार के रूप में अपनी पहचान बनाई,वे पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों के लिए हमेशा समर्पित रहे , अशोक माथुर ने देहदान का संकल्प लिया था,मेडिकल कॉलेज को उनकी देह सोंप दी गई । राजस्थान के समस्त पत्रकारों ने अशोक जी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की हैं।

वाणिज्य सेतु संपादक आशा पटेल ने अशोक जी के निधन को सभी आन्दोलन से जुड़े साथियों की और पत्रकारिता जगत की क्षति बताया। उन्होंने कहा की अशोक जी से मेरा जे पी आन्दोलन के ज़माने से साथ रहा है। बाद में जब लंबे अर्से तक मै एसोसिएशन ऑफ़ स्माल एंड मिडीयम न्यूज पेपर्स ऑफ़ इंडिया की प्रदेश अध्यक्ष रही उन्होंने बीकानेर की कमान सम्भाले रखी और सदैव कंधे से कन्धा मिला कर पत्रकारों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया | उन्होेंने पत्रकारिता के मूल्यों को कभी नहीं छोड़ा और आज़ तक ईमानदारी की राह पर चलते रहे।

माथुर प्रसिद्ध समाचार पत्र लोकमत के संपादक रहे। वे हमेशा पत्रकारिता के मूल्यों के प्रति समर्पित रहे। बीकानेर के अनेक पत्रकारों ने उनके नेतृत्व में पत्रकारिता की शुरुआत की। निष्पक्ष पत्रकार के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई।  माथुर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों के जानकार और प्रखर वक्ता थे।

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