जेएलएफ 2025 के 18वें एडिशन के वक्ताओं की पहली सूची की घोषणा
० आशा पटेल ०
जयपुर । भारत के जाने-माने फेस्टिवल क्यूरेटर एवं प्रोडक्शन हाउस टीमवर्क आर्ट्स ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 18वें एडिशन के वक्ताओं की पहली सूची जारी कर दी है। साहित्य की दुनिया के इस समारोह का आयोजन 30 जनवरी से 3 फरवरी, 2025 के दौरान, जयपुर स्थित होटल क्लार्क्स आमेर में किया जाएगा। आयोजित होने वाले सबसे बड़े साहित्योत्सव’ के तौर पर प्रतिष्ठित इस फेस्टिवल के मंच पर एक बार फिर लेखकों, विचारकों और पाठकों की महफिलें जुटेंगी जो साहित्य के हालातों और विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के साथ जुड़ाव कायम करने की इसकी अनूठी क्षमता के बारे में मिल-जुलकर विचार-मंथन करेंगे।
नमिता गोखले, जानी मानी लेखक और फेस्टिवल की सह-निदेशक, का कहना है “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल हमेशा से ही कहानियों, नए विचारों और संस्कृतियों का संगम रहा है। अब जबकि हम 18वें एडिशन की तैयारी में जुटे हैं, तो हम वास्तव में, प्रेरित करने, चुनौती देने और एकजुट करने की साहित्य की ताकत का जश्न मना रहे हैं। इस साल, हम लेखकों, कवियों और विचारकों की ऐसी अविश्वसनीय पंक्तियों का स्वागत करने जा रहे हें जो दर्शकों के साथ कभी न भुलाए जा सकने वाले संवाद-सत्रों का नेतृत्व करेंगे और लिखित शब्दों के प्रति परस्पर स्नेहभाव को भी साझा करेंगे।”
विलियम डैलरिंपल, जाने माने इतिहासकार, लेखक और फेस्टिवल के सह-निदेशक, का कहना है “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल शुरुआत से ही लिखित शब्दों का उत्सव रहा है, यह विविध किस्मों की आवाजों का संगम साबित होता आया है और प्रेरित करने तथा जुड़ाव कायम करने की कहानियों की ताकत का भी जीता-जागता सबूत है। इस साल, जबकि हम एक बार फिर गुलाबी नगरी में जुड़ेंगे, हम दुनियाभर से यहां आने वाले दिग्गज लेखकों, विचारकों और स्वप्नदर्शियों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। यह एक ऐसी जगह हैं जहां विचारों की चिंगारी फूटती है, जहां संस्कृतियों का समागम होता है और जहां आपसी संवादों को फलने-फूलने की जगह मिलती है – यह सही मायने में साहित्य का उत्सव है।”
साहित्य से परे, यह फेस्टिवल कला और संस्कृति की दुनिया का भी उत्सव है, जिसमें विरासतों पर केंद्रित संध्याएं शामिल होती हैं और जयपुर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में उपस्थित प्रतिभागियों को राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का स्वाद दिलाती हैं। जयपुर म्युजिक स्टेज, जो कि फेस्टिवल के समानांतर अपनी स्वरलहरियां बिखेरता है, के मंच पर जाने माने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय संगीतकारों की जोरदार प्रस्तुतियां देखी जा सकती हैं, जो इस पूरे आयोजन को सुर-ताल की मधुरता से भरती हैं।
विश्व के सर्वाधिक पसंदीदा साहित्यिक जमावड़े के तौर पर अपनी पहचान बना चुके जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने एक लोकतांत्रिक, निर्गुट मंच की अपनी छवि में और निखार लाते हुए बीते वर्षों के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा समावेशिता को भी स्वर दिया है। हर साल, यह फेस्टिवल ऐसी आवाजों को एकजुट करता है जो यथास्थिति को ध्वस्त करती हैं, नवाचार को प्रेरित करती हैं और साथ ही, विविधता का उत्सव मनाते हुए, इस मेले को बौद्धिकता एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान की मशाल के रूप में और चमक प्रदान करती हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टवल 2025 केवल आयोजन नहीं है, यह वास्तव में, विचारों, संस्कृतियों तथा कहानी कहने की कला के प्रति सार्वभौमिक प्रेम को दर्शाने वाला उत्सव है।
जयपुर । भारत के जाने-माने फेस्टिवल क्यूरेटर एवं प्रोडक्शन हाउस टीमवर्क आर्ट्स ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 18वें एडिशन के वक्ताओं की पहली सूची जारी कर दी है। साहित्य की दुनिया के इस समारोह का आयोजन 30 जनवरी से 3 फरवरी, 2025 के दौरान, जयपुर स्थित होटल क्लार्क्स आमेर में किया जाएगा। आयोजित होने वाले सबसे बड़े साहित्योत्सव’ के तौर पर प्रतिष्ठित इस फेस्टिवल के मंच पर एक बार फिर लेखकों, विचारकों और पाठकों की महफिलें जुटेंगी जो साहित्य के हालातों और विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के साथ जुड़ाव कायम करने की इसकी अनूठी क्षमता के बारे में मिल-जुलकर विचार-मंथन करेंगे।
दुनिया भर में पुस्तकों और विचारों के इस सबसे बड़े उत्सव के 2025 एडिशन के जरिए एक बार फिर दूरियों को घटाने, सहानुभूति जगाने और हमारे साझा मानवीय अनुभवों का उत्सव मनाने के लिए कहानियों की ताकत को दोहराया जाएगा। पर्यावरण अनुकूल व्यवहार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के चलते, 2025 के संस्करण में पर्यावरण के प्रति सजगता पर प्रमुखता से जोर रहेगा। उत्सव के दौरान वाद-विवाद, चर्चाएं और अभूतपूर्व प्रस्तुतियों का दौर जारी रहेगा। 2025 एडिशन में सांस्कृतिक समृद्धियों, दिग्गज साहित्यिक कृतियों और पर्यावरण अनुकूल भविष्य पर जोर दिया जाएगा, जो कुल-मिलाकर इस फेस्टिवल को अभूतपूर्व बनाएगा।जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के मूल में भाषायी विविधता है, और यही वजह है कि साहित्य का यह मेला विभिन्न भाषाओं को मंच प्रदान करता है। इस साल हिंदी, बांग्ला, राजस्थानी,कन्नड़, तमिल, तेलुगू, ओड़िया, संस्कृति, असमी, मलयालम, मराठी, पंजाबी और उर्दू समेत अनेक भाषाओं में कृतियों और चर्चाओं को परोसा जाएगा और इस प्रकार यह मेला समावेशिता के साथ-साथ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का परिचायक होगा। 18वें एडिशन में अलग-अलग क्षेत्रों के 300 से अधिक वक्ताओं को शामिल किया गया है, जो प्रतिभागियों को वैश्विक एवं भारतीय साहित्यिक हस्तियों से जुड़ने का मौका देगा। वक्ताओं की पहली सूची में शामिल हैं आंद्रे एचिमन,
अनिरुद्ध कनिसेट्टी, अन्ना फंडर, अश्वनी कुमार, कावेरी माधवन, क्लॉडिया डी राम, डेविड निकॉल्स, फियोना कारनारवन, इरा मुखौटी, आइरेनोसेन ओकोजी, जेनी एरपनबेक, जॉन वैलेंट, कलोल भट्टाचार्जी, मैत्री विक्रमसिंघे, मानव कौल, मिरियम मार्गोलिस, नसीम निकोलस तालेब, नाथन थ्राल, प्रयाग अकबर, प्रियंका मट्टू, स्टीफन ग्रीनब्लाट, टीना ब्राउन, वी वी गणेशनंदन, वेंकी रामाकृष्णन, और यरोस्लावा त्रोफिमोफ सरीखी साहित्यिक दुनिया की प्रतिभाएं जो उत्सव के दौरान विचारों से भरे साहित्यिक चर्चाओं का भरोसा दिलाती हैं।
नमिता गोखले, जानी मानी लेखक और फेस्टिवल की सह-निदेशक, का कहना है “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल हमेशा से ही कहानियों, नए विचारों और संस्कृतियों का संगम रहा है। अब जबकि हम 18वें एडिशन की तैयारी में जुटे हैं, तो हम वास्तव में, प्रेरित करने, चुनौती देने और एकजुट करने की साहित्य की ताकत का जश्न मना रहे हैं। इस साल, हम लेखकों, कवियों और विचारकों की ऐसी अविश्वसनीय पंक्तियों का स्वागत करने जा रहे हें जो दर्शकों के साथ कभी न भुलाए जा सकने वाले संवाद-सत्रों का नेतृत्व करेंगे और लिखित शब्दों के प्रति परस्पर स्नेहभाव को भी साझा करेंगे।”
विलियम डैलरिंपल, जाने माने इतिहासकार, लेखक और फेस्टिवल के सह-निदेशक, का कहना है “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल शुरुआत से ही लिखित शब्दों का उत्सव रहा है, यह विविध किस्मों की आवाजों का संगम साबित होता आया है और प्रेरित करने तथा जुड़ाव कायम करने की कहानियों की ताकत का भी जीता-जागता सबूत है। इस साल, जबकि हम एक बार फिर गुलाबी नगरी में जुड़ेंगे, हम दुनियाभर से यहां आने वाले दिग्गज लेखकों, विचारकों और स्वप्नदर्शियों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। यह एक ऐसी जगह हैं जहां विचारों की चिंगारी फूटती है, जहां संस्कृतियों का समागम होता है और जहां आपसी संवादों को फलने-फूलने की जगह मिलती है – यह सही मायने में साहित्य का उत्सव है।”
संजय के रॉय, प्रबंध निदेशक, टीमवर्क आर्ट्स, का कहना है “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल आज ग्लोबल ब्रैंड है जो संस्कृति, रचनाशीलता और परस्पर सहयोग का पर्याय बन चुका है। इस साल, हम इसके प्रभाव को और बढ़ाना चाहते हैं, और इसे केवल साहित्य के उत्सव तक ही सीमित न रखकर दुनियाभर के दर्शकों को कहानी सुनाने (स्टोरीटेलिंग) वाले शक्तिशाली मंच के तौर पर और मजबूती देने का इरादा रखते हैं। यह फेस्टिवल अपने भागीदारों, प्रायोजकों और अन्य हितधारकों के लिए अभूतपूर्व अवसरों की पेशकश करते हुए उन्हें विस्तृत दर्शक वर्गों से जुड़ने का मौका देता है। साथ ही, सार्थक बातचीत के अवसर प्रदान कर वैश्विक स्तर पर उनकी पहचान बढ़ाता है। यह केवल आयोजन नहीं है – बल्कि संस्कृतियों की आपसी दूरियां मिटाने और नवाचारों को प्रेरित करने वाला आंदोलन है।”
साहित्य से परे, यह फेस्टिवल कला और संस्कृति की दुनिया का भी उत्सव है, जिसमें विरासतों पर केंद्रित संध्याएं शामिल होती हैं और जयपुर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में उपस्थित प्रतिभागियों को राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का स्वाद दिलाती हैं। जयपुर म्युजिक स्टेज, जो कि फेस्टिवल के समानांतर अपनी स्वरलहरियां बिखेरता है, के मंच पर जाने माने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय संगीतकारों की जोरदार प्रस्तुतियां देखी जा सकती हैं, जो इस पूरे आयोजन को सुर-ताल की मधुरता से भरती हैं।
विश्व के सर्वाधिक पसंदीदा साहित्यिक जमावड़े के तौर पर अपनी पहचान बना चुके जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने एक लोकतांत्रिक, निर्गुट मंच की अपनी छवि में और निखार लाते हुए बीते वर्षों के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा समावेशिता को भी स्वर दिया है। हर साल, यह फेस्टिवल ऐसी आवाजों को एकजुट करता है जो यथास्थिति को ध्वस्त करती हैं, नवाचार को प्रेरित करती हैं और साथ ही, विविधता का उत्सव मनाते हुए, इस मेले को बौद्धिकता एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान की मशाल के रूप में और चमक प्रदान करती हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टवल 2025 केवल आयोजन नहीं है, यह वास्तव में, विचारों, संस्कृतियों तथा कहानी कहने की कला के प्रति सार्वभौमिक प्रेम को दर्शाने वाला उत्सव है।
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