द्वारका एवं पालम में बने फूट ओवर ब्रिज बना उदासीनता का नमूना : रणबीर सिंह सोलंकी
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली : जनता के खून पसीने की कमाई द्वारा भरे टैक्स से करोड़ों रुपयों की लागत से मधु विहार बस स्टैंड (पालम विधानसभा) तथा द्वारका सेक्टर 5 के पास दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा बने फुट ओवर ब्रिज अब मात्र उदासीन नमूने की हालत में रह गया है क्योंकि जिस जनता किं सुविधा एवं सड़क दुर्घटना से बचने के लिए इसे बनाया गया था वह तो हो ही नहीं पा रहा है। ऐसा क्यों कह रहे हम, क्या जनता इसका उपयोग करना नहीं चाहती और जान जोखिम में डाल कर व्यस्त सड़क पार करना चाहती है? नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है लेकिन जिस उम्मीद से जनता इसके निर्माण पूरे होने का इंतजार कर रही थी वह आई लेकिन वह खुशी या कहे सहूलियत चंद दिनों तक ही रही
नई दिल्ली : जनता के खून पसीने की कमाई द्वारा भरे टैक्स से करोड़ों रुपयों की लागत से मधु विहार बस स्टैंड (पालम विधानसभा) तथा द्वारका सेक्टर 5 के पास दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा बने फुट ओवर ब्रिज अब मात्र उदासीन नमूने की हालत में रह गया है क्योंकि जिस जनता किं सुविधा एवं सड़क दुर्घटना से बचने के लिए इसे बनाया गया था वह तो हो ही नहीं पा रहा है। ऐसा क्यों कह रहे हम, क्या जनता इसका उपयोग करना नहीं चाहती और जान जोखिम में डाल कर व्यस्त सड़क पार करना चाहती है? नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है लेकिन जिस उम्मीद से जनता इसके निर्माण पूरे होने का इंतजार कर रही थी वह आई लेकिन वह खुशी या कहे सहूलियत चंद दिनों तक ही रही
क्योंकि इसमें लगाई लिफ्ट चंद दिनों के पश्चात से ही खराब/बंद है, साफ सफाई ऐसी की आप थूकना भी न चाहे।दिव्यांगजनो, स्कूली छात्र/छात्राएं, महिलाएं, बुजुर्गों, स्थानीय निवासियों एवं राहगीरों की खुशी की अब जान जोखिम में डाल कर सड़क पार नहीं करनी पड़ेगी चंद दिनों में खत्म हो गई लेकिन शासन प्रशाशन जिसमें उपराज्यपाल वी के सक्शन, दो तत्कालीन सांसदों रमेश बिधूड़ी एवं प्रवेश सिंह वर्मा एवं दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा ने वाह वाही भी लूट ली, अखबारों में फोटो भी छपवा ली और साथ वोट भी ले लिए लेकिन करोड़ों रूपये की लागत से बना यह फूट ओवर ब्रिज एक उदासीन नमूना बन कर रह गया है।
द्वारका एवं पालम विधानसभा में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा चार फुट ओवर ब्रिज का निर्माण करना था, प्रत्येक की लागत लगभग तीन करोड़ आई थी जो अब सब बेकार लग रहा है लोगों की आवश्यकता और मांग को लेकर काफी अर्से बाद एफ. ओ. बी. का निर्माण हुआ था लेकिन आलम ये है कि इसका पूरा ढांचा धूल फांक रहा है वहीं शाम को यह नशेड़ी, गंजेरी अवांछित तत्वों का अड्डा बन गया है।
फेडरेशन ऑफ साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर फोरम के चेयरमेन एवं राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के राष्ट्रीय
फेडरेशन ऑफ साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर फोरम के चेयरमेन एवं राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के राष्ट्रीय
अध्यक्ष रणबीर सिंह सोलंकी जो तन मन धन से गत चालीस वर्षों से समाजसेवा के कार्य से जुड़े है एवं कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके है ने बताया कि उदघाटन के मात्र तीन दिनों तक ही इसकी लिफ्ट चली फिर बंद हो गई जो दीपावली 2023 पर कई शिकायत दिल्ली विकास प्राधिकरण में करने एवं मीडिया द्वारा मुद्दा उठाने पर फिर चंद दिनों के लिए चलाई गई लेकिन उसके बाद से यह आज तक बंद है, इन ब्रिज के निर्माण का उद्देश्य लोगों को सहूलियत और सड़क दुर्घटना से बचाव के आधार पर हुआ था लेकिन डीडीए की उदासीनता एवं लापरवाही से इसका आधार उद्देश्यहीन हो गया है।
सोलंकी ने बताया बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, विकलांग आदि आज भी लिफ्ट के चलने व साफ सफाई का इंतजार कर रहे हैं लेकिन करोड़ों की लागत से दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा बनाए गए इन फुट ओवर ब्रिज की कोई सुध लेने वाला नहीं है। आए दिन यहां महिलाओं से स्नेचिंग, अभद्र व्यवहार आदि की घटनाएं होती रहती है क्योंकि यहां सन्नाटा पसरा रहता है एवं अवांछित तत्वों का अड्डा बन कर रह गया है। रणबीर सिंह सोलंकी ने दिल्ली के उपराज्यपाल, सांसदों, मुख्यमंत्री एवं दि. वि. प्रा. (डीडीए) उपाध्यक्ष से मांग की है
कि सरकार द्वारा जनता के करोड़ों रुपयों की लागत से बने ब्रिज का जनता लाभ उठा सके और किसी भी परिवार के सदस्य के साथ कोई अप्रिय सड़क दुर्घटना न हो इसलिए इसे चुनाव के दौरान ही नहीं बल्कि उसके उपरांत सदैव इसका संचालन सुचारू रूप से हो अतः तत्काल इसकी देख रेख सुनिश्चित कराई जाए और ऐसा न होने पर संबंधित अधिकारियों एवं संस्था पर सख्त से सख्त करवाई हो क्योंकि यह अभी भी संस्था की जिम्मेदारी है लेकिन विभाग के अधिकारियों की साठ गांठ से कोई कार्य नहीं हो रहा और जैसे ही संस्था का मैनेटेंस/गारंटी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो जाएगा विभाग (डीडीए) जनता के पैसों के साथ बंदर बांट करने के लिए तत्पर हो जाएगा।
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