भारत का पहला संविधान संग्रहालय का होगा उद्घाटन
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली : भारत के पहले संविधान संग्रहालय के उद्घाटन और राष्ट्रीय संविधान सम्मेलन 23 नवंबर को ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत में आयोजित होगा। यह आयोजन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय राज्य मंत्री (कानून और न्याय) अर्जुन राम मेघवाल और ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चांसलर एवं सांसद नवीन जिंदल की उपस्थिति में संपन्न होगा।
JGU के चांसलर नवीन जिंदल ने कहा, "हम इस संविधान संग्रहालय को राष्ट्र को समर्पित करते हैं, ताकि भारत के युवाओं को संविधान को ज्ञान के प्रकाश स्तंभ के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके, जो हमारे देश के भविष्य को दिशा देता है। यह अनोखी और महत्वाकांक्षी परियोजना भारतीय संस्थानों द्वारा पहले कभी नहीं की गई है। यह संग्रहालय हमारे लोकतांत्रिक ढांचे और हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों का जीवंत प्रमाण है, जिसने भारत को समानता, विकास और संतुलन की ओर अग्रसर किया है।"
JGU ने भारत का पहला संविधान संग्रहालय स्थापित किया है, जो संविधान की गहन समझ को समृद्ध करेगा। संग्रहालय में 75 वर्षों की संवैधानिक यात्रा को प्रदर्शित करने वाली आकर्षक और इंटरैक्टिव प्रदर्शनियां होंगी। यह संग्रहालय संविधान के हर भाग और उसकी प्रासंगिकता को समझाने का केंद्र होगा। टेक्स्ट, ऑडियो-विज़ुअल और अनुभवात्मक प्रारूपों के माध्यम से संग्रहालय आगंतुकों की संविधान में रुचि को प्रज्वलित करेगा।
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार, ने कहा, "साल 2024 भारतीय संविधान के अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। संविधान ने भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया। यह संग्रहालय और 'राइट्स एंड फ्रीडम्स अकादमी' इस अद्वितीय दस्तावेज़ को समर्पित है, जो 1.4 अरब लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।"संग्रहालय अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, एआई आधारित इंटरैक्टिव अनुभवों, 3डी इंस्टॉलेशन्स और प्रगतिशील प्रदर्शनों से सुसज्जित होगा। IIT मद्रास के तकनीकी विशेषज्ञता केंद्र के सहयोग से S.A.M.V.I.D. प्रोजेक्ट एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा, जिसमें संविधान सभा के सदस्यों की प्रोफाइल और उनके योगदान का गहन विवरण भी शामिल होगा।
संविधान संग्रहालय और अधिकार एवं स्वतंत्रता अकादमी का समर्पण समारोह मंगलवार, 26 नवंबर को आयोजित होगा। इसी दिन संविधान दिवस व्याख्यान प्रोफेसर गोपालकृष्ण गांधी, पूर्व राजदूत और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल, द्वारा दिया जाएगा। संग्रहालय में प्रदर्शित कला, संविधान के मूल हस्तलिखित दस्तावेज़ और उससे प्रेरित कलाकृतियों को शामिल करेगी। प्रमुख आकर्षणों में ‘व्ही, द पीपल ऑफ इंडिया’, ‘इंसाफ की देवी’, और ‘त्रायड ऑफ यूनिटी’ जैसी मूर्तियां हैं, जो भारतीय संविधान के मूल्यों को दर्शाती हैं।
संविधान संग्रहालय की क्यूरेटर और संस्कृति विभाग की प्रमुख, सुश्री अंजचिता बी. नायर ने कहा, "यह संग्रहालय पारंपरिक संग्रहालयों की एकतरफा शैली से हटकर नई कहानी कहने के माध्यमों का उपयोग करता है। इसका उद्देश्य संविधान को जनसामान्य के लिए सुलभ बनाना और उसमें गर्व की भावना उत्पन्न करना है।"यह संग्रहालय बच्चों के लिए एक इंटरएक्टिव कॉर्नर और एक निरंतर विकसित होती आर्काइव भी प्रस्तुत करेगा, जो संविधान और मौलिक अधिकारों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।
नई दिल्ली : भारत के पहले संविधान संग्रहालय के उद्घाटन और राष्ट्रीय संविधान सम्मेलन 23 नवंबर को ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत में आयोजित होगा। यह आयोजन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय राज्य मंत्री (कानून और न्याय) अर्जुन राम मेघवाल और ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चांसलर एवं सांसद नवीन जिंदल की उपस्थिति में संपन्न होगा।
JGU के चांसलर नवीन जिंदल ने कहा, "हम इस संविधान संग्रहालय को राष्ट्र को समर्पित करते हैं, ताकि भारत के युवाओं को संविधान को ज्ञान के प्रकाश स्तंभ के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके, जो हमारे देश के भविष्य को दिशा देता है। यह अनोखी और महत्वाकांक्षी परियोजना भारतीय संस्थानों द्वारा पहले कभी नहीं की गई है। यह संग्रहालय हमारे लोकतांत्रिक ढांचे और हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों का जीवंत प्रमाण है, जिसने भारत को समानता, विकास और संतुलन की ओर अग्रसर किया है।"
JGU ने भारत का पहला संविधान संग्रहालय स्थापित किया है, जो संविधान की गहन समझ को समृद्ध करेगा। संग्रहालय में 75 वर्षों की संवैधानिक यात्रा को प्रदर्शित करने वाली आकर्षक और इंटरैक्टिव प्रदर्शनियां होंगी। यह संग्रहालय संविधान के हर भाग और उसकी प्रासंगिकता को समझाने का केंद्र होगा। टेक्स्ट, ऑडियो-विज़ुअल और अनुभवात्मक प्रारूपों के माध्यम से संग्रहालय आगंतुकों की संविधान में रुचि को प्रज्वलित करेगा।
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार, ने कहा, "साल 2024 भारतीय संविधान के अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। संविधान ने भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया। यह संग्रहालय और 'राइट्स एंड फ्रीडम्स अकादमी' इस अद्वितीय दस्तावेज़ को समर्पित है, जो 1.4 अरब लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।"संग्रहालय अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, एआई आधारित इंटरैक्टिव अनुभवों, 3डी इंस्टॉलेशन्स और प्रगतिशील प्रदर्शनों से सुसज्जित होगा। IIT मद्रास के तकनीकी विशेषज्ञता केंद्र के सहयोग से S.A.M.V.I.D. प्रोजेक्ट एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा, जिसमें संविधान सभा के सदस्यों की प्रोफाइल और उनके योगदान का गहन विवरण भी शामिल होगा।
संविधान संग्रहालय और अधिकार एवं स्वतंत्रता अकादमी का समर्पण समारोह मंगलवार, 26 नवंबर को आयोजित होगा। इसी दिन संविधान दिवस व्याख्यान प्रोफेसर गोपालकृष्ण गांधी, पूर्व राजदूत और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल, द्वारा दिया जाएगा। संग्रहालय में प्रदर्शित कला, संविधान के मूल हस्तलिखित दस्तावेज़ और उससे प्रेरित कलाकृतियों को शामिल करेगी। प्रमुख आकर्षणों में ‘व्ही, द पीपल ऑफ इंडिया’, ‘इंसाफ की देवी’, और ‘त्रायड ऑफ यूनिटी’ जैसी मूर्तियां हैं, जो भारतीय संविधान के मूल्यों को दर्शाती हैं।
संविधान संग्रहालय की क्यूरेटर और संस्कृति विभाग की प्रमुख, सुश्री अंजचिता बी. नायर ने कहा, "यह संग्रहालय पारंपरिक संग्रहालयों की एकतरफा शैली से हटकर नई कहानी कहने के माध्यमों का उपयोग करता है। इसका उद्देश्य संविधान को जनसामान्य के लिए सुलभ बनाना और उसमें गर्व की भावना उत्पन्न करना है।"यह संग्रहालय बच्चों के लिए एक इंटरएक्टिव कॉर्नर और एक निरंतर विकसित होती आर्काइव भी प्रस्तुत करेगा, जो संविधान और मौलिक अधिकारों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।
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