बिहार के उपचुनाव में एनडीए का क्लीन स्वीप,चारों सीटों पर की जीत दर्ज

० योगेश भट्ट ० 
पटना। बिहार की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चारों सीट अपने नाम कर लिया। इससे विपक्षी इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। वहीं, पहली बार चुनाव मैदान में उतरी प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी की हवा निकल गई। उपचुनाव में मिली सभी चारों सीटों पर धमाकेदार जीत से एनडीए के नेता गदगद हैं। पार्टी दफ्तर में लगातार मिठाइयां बांटी गईं और पार्टी नेता खुशी जताते रहे। इस जीत से खुश एनडीए के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी। इस उपचुनाव में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा।

जिन चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं उनमें 2020 के चुनाव में सिर्फ एक इमामगंज सीट एनडीए के पास थी। जबकि तीन सीटों बेलागंज, रामगढ़ और तरारी पर महागठबंधन काबिज था। उस चुनाव में इमामगंज से हम के जीतनराम मांझी जीते थे। बेलागंज से राजद के सुरेन्द्र यादव और रामगढ़ से राजद के ही सुधाकर सिंह सिंह जीते थे। जबकि तरारी सीट पर माले के सुदामा प्रसाद ने जीत दर्ज की थी। इन चारों विधायकों के 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत कर सांसद बनने के कारण यह उपचुनाव हुआ था।

इस उपचुनाव में इमामगंज में केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी ने जीत दर्ज की है। उन्होंने राजद प्रत्याशी रौशन मांझी को करारी शिकस्त दे दी। इमामगंज में शुरुआत में पिछड़ने के बाद एनडीए ने बढ़त बना ली थी। वहीं, तरारी में भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत ने 10612 वोटों के अंतर से भाकपा-माले प्रत्याशी राजू यादव को हरा दिया है। तरारी में भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की है। 2020 के चुनाव में यहां भाकपा- माले के सुदामा प्रसाद जीते थे, दूसरे नंबर पर निर्दलीय सुनील पांडेय रहे थे,

 जबकि भाजपा को तीसरे नंबर पर ही संतोष करना पड़ा था। इस बार भाजपा ने सुनील पांडेय को अपने खेमे में लाकर तरारी में जीत की इबारत लिख दी। वहीं, राजद की गढ़ मानी जाने वाली रामगढ़ विधानसभा सीट पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे एवं बक्सर सांसद सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह तीसरे नंबर चले गए। वहीं, बेलागंज सीट पर राजद का तीन दशक पुराना किला ढह गया। यहां से सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वजीत सिंह को जदयू की मनोरमा देवी ने हरा दिया। यहां राजद नेता सुरेंद्र यादव का दबदबा रहा है। सुरेंद्र यादव सात बार यहां से चुनाव जीतकर विधायक बने। पिछले पांच चुनाव में लगाातर उन्हें इस सीट पर जीत मिली थी।

 बिहार चुनाव 2020 में भी उन्होंने ही यहां जीत का झंडा गाड़ा था। लोकसभा चुनाव 2024 में वो मैदान में उतरे और जहानाबाद के सांसद बने। जिसके बाद बेलागंज सीट खाली हुई और यहां उपचुनाव कराया गया। लेकिन अब यह सीट राजद से छीन ली गई। जदयू ने अपना झंडा यहां गाड़ दिया है। इसतरह महागठबंधन को सभी चार सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। उपचुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। लेकिन बसपा ने रामगढ़ में बढ़त लेकर सबको चौंका दिया है। रामगढ़ में बहुजन समाज पार्टी और भाजपा में कांटे का मुकाबला हुआ।

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