12 देशों के अप्रवासी छात्रों ने किया श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ

० आनंद चौधरी ० 
कुरुक्षेत्र हरियाणा। गीता ज्ञान के अवतरण की पवित्र और दिव्य भूमि कुरुक्षेत्र तीर्थ स्थित पंजाबी धर्मशाला में संपूर्ण श्रीमद्भगवद्गीता परायण यज्ञ का आयोजन किया गया। लगभग पचास देशों से आए अप्रवासी भारतीयों ने श्रीमद्भगवद्गीता के संपूर्ण 700 श्लोकों का समवेत स्वर में पाठ किया। इस गीता परायण यज्ञ का नेतृत्व संत अवधूत गणपति सच्चिदानंद स्वामी ने किया। मैसूर स्थित अवधूत दत्त पीठम के पीठाधीश्वर गणपति सच्चिदानंद के विश्व भर के पचास से अधिक देशों में फैले हुए भक्त समुदाय ने पहली बार भारत आकर कुरुक्षेत्र की धरा पर श्रीमद् भगवत गीता के श्लोकों का पाठ किया।
इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने इस आयोजन पर गीता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गीता सिर्फ हिंदुओं का धर्मग्रंथ नहीं है बल्कि ये समूचे विश्व का मार्गदर्शन कराने वाला महाग्रंथ है। इससे पहले गणपति सच्चिदानंद स्वामी ने इसी वर्ष गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिकागो में भी दस हजार लोगों के साथ श्रीमद् भगवद्गीता परायण यज्ञ का आयोजन किया था। पिछले कई वर्षों से संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के कई देशों में सनातन धर्म के मूल्यों का प्रचार प्रसार करने के लिए स्वामी ने हनुमान चालीसा और गीता परायण यज्ञों का सफल आयोजन किया। स्वामी के करोडों भक्त विश्व के अलग अलग देशों में सनातन धर्म के मूल्यों का प्रचार कर रहे हैं।
गणपति सच्चिदानंद स्वामी के आयोजनों की विशालता और प्रभाव का आकलन इसी से लगाया जा सकता है कि साल 2015 में तेनाली जिले में 1 लाख से भी ज्यादा लोगों ने हनुमान चालीसा का समवेत पाठ कर गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था। स्वामी जी संगीत और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विश्व के अलग अलग देशों में कार्य करते रहते हैं। साल 2015 में ही सिडनी स्थित ओपेरा हाउस में स्वामी जी के म्यूजिक हिलिंग समारोह को भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया गया। अमेरिका के टेक्सास राज्य के फ्रिस्कों में साल 2015 में लगातार 24 घंटे से ज्यादा समय तक समवेत मंत्रोच्चारण का गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड भी स्वामी के टेक्सास स्थित कार्य सिद्धि हनुमान मंदिर के नाम दर्ज है।

श्री गणपति सच्चिदानंद स्वामी, जिन्हें स्वामी जी के नाम से भी जाना जाता है, एक आध्यात्मिक नेता और भारत के मैसूर में अवधूत दत्त पीठम के प्रमुख हैं। वह अपनी गहन आध्यात्मिक शिक्षाओं, संगीत चिकित्सा और मानवीय सेवाओं के प्रति समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। अवधूत दत्त पीठम स्वामी जी द्वारा स्थापित एक प्रमुख आध्यात्मिक संगठन है। यह प्राचीन वैदिक परंपराओं और प्रथाओं के संरक्षण और प्रचार के लिए समर्पित है।

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