आसियान-इंडिया म्यूजिक फेस्टिवल 2024 ने रचा ऐतिहासिक समागम
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली : पुराना किला के ऐतिहासिक परिसर में आसियान इंडिया म्यूजिक फेस्टिवल के भव्य शुरुआत हुई। इस उत्सव ने संगीत प्रेमियों को रचनात्मकता व संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला। विदेश मंत्रालय (एमईए) और सहर द्वारा आयोजित यह महोत्सव भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और आसियान-भारत के 10 साल की मजबूत साझेदारी का प्रतीक है। अद्वितीय परफॉर्मेंस से सराबोर शान और रघु दीक्षित जैसे कलाकारों ने म्यांमार के एमआरटीवी, कंबोडिया के चेत कान्हचना और वियतनाम के बक टुओंग के साथ मिलकर ऐसा समां बांधा, जिसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इन प्रस्तुतियों ने यह दिखाया कि संगीत हर सीमा को पार करके दिलों को जोड़ सकता है।इस कार्यक्रम के दौरान भारत के विदेश मामलों के राज्यमंत्री पबित्रा मार्घेरिटा ने उत्सव के महत्व को समझाते हुए कहा, “आसियान इंडिया म्यूजिक फेस्टिवल केवल कला और संगीत का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह संगीत की उस ताकत का उदाहरण है जो लोगों को एक साथ लाती है। हम भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के दस वर्षों का जश्न मना रहे हैं, और यह उत्सव उन सांस्कृतिक संबंधों को उजागर करता है जो इन वर्षों में हमने बनाए हैं। यह संगीत की ताकत का उत्सव है, जो सीमाओं को पार कर दिलों को जोड़ता है। यह हमारा रिश्ता और भी मजबूत बनाता है और आसियान व भारत के साझे विकास के सफर को और आगे ले जाता है।”
सहर के संस्थापक निदेशक संजीव भार्गव ने इस उत्सव की भावना को खूबसूरती से समझाते हुए कहा, "संगीत में वह ताकत होती है, जो शब्दों से परे जाकर लोगों को जोड़ती है। यह उत्सव उन संबंधों का प्रतीक है, जो साझा अनुभवों से गहरे हुए हैं, वर्षों की दोस्ती से बने हैं और नए रिश्ते बनाने में मदद करते हैं। जब हम इस तरह के कार्यक्रमों में साथ आते हैं, तो हम अपनी संस्कृतियों के बीच के रिश्तों को मजबूत करते हैं और एक-दूसरे को बेहतर समझने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।"
शान ने भी अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, "पुराना किला की ऐतिहासिक दीवारें हमारे संगीत की गूंज से जीवंत हो उठीं और दर्शकों का उत्साह और प्यार वाकई जादुई था। ऐसे पल संगीत की असली ताकत को महसूस करने का मौका देते हैं। यह सिर्फ आनंद का जरिया नहीं है, बल्कि यह जोड़ने, साझा करने और उन भावनाओं को सराहने का तरीका है, जो हमें इंसान होने का अहसास कराती हैं।" यह उत्सव संस्कृतियों का असली संगम है, जहाँ आसियान और भारत की विविध आवाजों का जश्न मनाया जाता है। यहाँ संगीत, परंपरा और एकता को एक-दूसरे में पिरोया जाता है।
नई दिल्ली : पुराना किला के ऐतिहासिक परिसर में आसियान इंडिया म्यूजिक फेस्टिवल के भव्य शुरुआत हुई। इस उत्सव ने संगीत प्रेमियों को रचनात्मकता व संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला। विदेश मंत्रालय (एमईए) और सहर द्वारा आयोजित यह महोत्सव भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और आसियान-भारत के 10 साल की मजबूत साझेदारी का प्रतीक है। अद्वितीय परफॉर्मेंस से सराबोर शान और रघु दीक्षित जैसे कलाकारों ने म्यांमार के एमआरटीवी, कंबोडिया के चेत कान्हचना और वियतनाम के बक टुओंग के साथ मिलकर ऐसा समां बांधा, जिसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इन प्रस्तुतियों ने यह दिखाया कि संगीत हर सीमा को पार करके दिलों को जोड़ सकता है।इस कार्यक्रम के दौरान भारत के विदेश मामलों के राज्यमंत्री पबित्रा मार्घेरिटा ने उत्सव के महत्व को समझाते हुए कहा, “आसियान इंडिया म्यूजिक फेस्टिवल केवल कला और संगीत का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह संगीत की उस ताकत का उदाहरण है जो लोगों को एक साथ लाती है। हम भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के दस वर्षों का जश्न मना रहे हैं, और यह उत्सव उन सांस्कृतिक संबंधों को उजागर करता है जो इन वर्षों में हमने बनाए हैं। यह संगीत की ताकत का उत्सव है, जो सीमाओं को पार कर दिलों को जोड़ता है। यह हमारा रिश्ता और भी मजबूत बनाता है और आसियान व भारत के साझे विकास के सफर को और आगे ले जाता है।”
सहर के संस्थापक निदेशक संजीव भार्गव ने इस उत्सव की भावना को खूबसूरती से समझाते हुए कहा, "संगीत में वह ताकत होती है, जो शब्दों से परे जाकर लोगों को जोड़ती है। यह उत्सव उन संबंधों का प्रतीक है, जो साझा अनुभवों से गहरे हुए हैं, वर्षों की दोस्ती से बने हैं और नए रिश्ते बनाने में मदद करते हैं। जब हम इस तरह के कार्यक्रमों में साथ आते हैं, तो हम अपनी संस्कृतियों के बीच के रिश्तों को मजबूत करते हैं और एक-दूसरे को बेहतर समझने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।"
शान ने भी अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, "पुराना किला की ऐतिहासिक दीवारें हमारे संगीत की गूंज से जीवंत हो उठीं और दर्शकों का उत्साह और प्यार वाकई जादुई था। ऐसे पल संगीत की असली ताकत को महसूस करने का मौका देते हैं। यह सिर्फ आनंद का जरिया नहीं है, बल्कि यह जोड़ने, साझा करने और उन भावनाओं को सराहने का तरीका है, जो हमें इंसान होने का अहसास कराती हैं।" यह उत्सव संस्कृतियों का असली संगम है, जहाँ आसियान और भारत की विविध आवाजों का जश्न मनाया जाता है। यहाँ संगीत, परंपरा और एकता को एक-दूसरे में पिरोया जाता है।
आसियान इंडिया म्यूजिक फेस्टिवल 2024 में कलाकारों की बहार है और यह दर्शकों को दोनों क्षेत्रों की समृद्ध तथा विविध आवाजों का अनुभव लेने का दुर्लभ अवसर दे रहा है। इसके आगे, दूसरा दिन ज्यादा रोमांचक होने का वादा कर रहा है, क्योंकि उसमें भारत की सुकृति-प्रकृति और वेस्टर्न घाट्स, फिलिपिन्स के काइया, आदि की प्रस्तुतियाँ होंगी। उत्सव का समापन तीसरे दिन जसलीन रॉयल की प्रस्तुति से होगा। उनके साथ आसियान और भारत के कलाकारों की अन्य प्रस्तुतियाँ भी होंगी।
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