एईईडीयू ने एजीएम और हितधारकों की बैठक का आयोजन किया
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली, अलीयांस फॉर इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट ऑफ द अंडरप्रिविलेज्ड (AEEDU) ने अपनी वार्षिक (एजीएम) और हितधारकों की बैठक का आयोजन किया। यह आयोजन समाज के वंचित वर्गों को शिक्षा, अनुसंधान, कौशल विकास और उद्यमशीलता के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हितधारकों, दानदाताओं और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने भाग लिया। एईईडीयू के सीईओ सैयद महमूद अख्तर द्वारा स्वागत के साथ शुरू हुई। एईईडीयू के अध्यक्ष डॉ. एस.वाई. क़ुरैशी ने संगठन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने शिक्षा और कौशल निर्माण के क्षेत्र में AEEDU की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और संगठन की वित्तीय चुनौतियों को साझा किया।डॉ. क़ुरैशी ने बताया कि AEEDU वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद पूरे भारत में अध्ययन केंद्रों का संचालन कर रहा है। उन्होंने दाऊदी बोहरा समुदाय से प्राप्त 12 लैपटॉप्स और रोटरी क्लब व आईआईएलएम विश्वविद्यालय द्वारा 100 कंप्यूटर और लैपटॉप की प्रतिबद्धता जैसी सकारात्मक प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने ₹15 लाख की कोष निधि की स्थापना का भी उल्लेख किया और सदस्यों व हितधारकों से AEEDU के मासिक खर्चों को पूरा करने के लिए योगदान की अपील की।
एईईडीयू के कोषाध्यक्ष सईद शेरवानी ने वार्षिक लेखा-जोखा प्रस्तुत किया, जिसे सीए सुदीर गुप्ता द्वारा प्रमाणित किया गया था। उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में ₹19 लाख के घाटे की भरपाई की गई है और वर्तमान में AEEDU के खाते में ₹2 लाख शेष हैं। इस दौरान, प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने के लिए सीए गुप्ता मंच पर मौजूद थे। आम सभा ने सर्वसम्मति से पिछले एजीएम के मिनट्स के साथ-साथ वार्षिक खातों को भी स्वीकृति दी।
एजीएम ने संस्थापक सदस्यों को संचालन समिति के पुनर्गठन का अधिकार दिया, ताकि संगठन की स्थिरता और निरंतरता सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, AEEDU के लेखा परीक्षकों के पुनर्नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई। एजीएम में कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। लेफ्टिनेंट जनरल ज़मीरुद्दीन शाह ने AEEDU के प्रयासों की प्रशंसा की और कार्यवाहक अध्यक्ष से अपने पद पर बने रहने का अनुरोध किया। शाहिद सिद्दीकी ने AEEDU की गतिविधियों को पुनर्संगठित करने और इसे गैर-लाभकारी संगठनों के बीच एक मजबूत मध्यस्थ के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए। ममून अख्तर ने कोलकाता के टिकिया पाड़ा में अपनी परिवर्तनकारी यात्रा का उल्लेख किया, जहां उन्होंने 6 छात्रों से शुरुआत कर 6,000 छात्रों तक स्कूलों का विस्तार किया। प्रोफेसर फुरकान क़मर ने AEEDU के प्रयासों को और बेहतर बनाने के लिए उपयोगी सुझाव दिए, जबकि इकरा क़ुरैशी ने पूरे भारत में पर्सनैलिटी डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव दिया और स्वेच्छा से योगदान देने की इच्छा व्यक्त की। दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधि मुफद्दल शाकिर, जिन्होंने AEEDU की पहल की सराहना की, और डॉ. रैहान अख्तर, जिन्होंने अपने गृहनगर जौनपुर में ₹10 करोड़ की परियोजना की सफलता की जानकारी दी। श्री समर आलम ने AEEDU के तहत दो सामान्य अध्ययन केंद्र स्थापित करने की चर्चा की।
इन्हीं के साथ आसिफ हबीब, हिमांशु गुप्ता, हुमा खान, अमीर अहमद, डॉ. चंद्र शेखर प्रण और अन्य वक्ताओं ने AEEDU के प्रभावशाली कार्यों की सराहना की और इसे और सशक्त बनाने के लिए उपयोगी सुझाव साझा किए। कार्यक्रम के दौरान दो महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन किया गया। AEEDU के अनुसंधान प्रमुख प्रोफेसर बी. एस. बुटोला ने संगठन के प्रभाव और भविष्य की रणनीतियों पर एक शोध रिपोर्ट जारी की और शोध में डेटा की कमी, विशेष रूप से जनगणना डेटा की अनुपलब्धता, को चुनौती बताया। एएमयू की प्रोफेसर असीया चौधरी ने “BEST” नामक एक उद्यमिता मॉड्यूल पेश किया, जिसका उद्देश्य हितधारकों और बेरोजगार युवाओं में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
AEEDU के सामान्य अध्ययन केंद्रों के बच्चों को मंच पर बुलाया गया। उन्होंने AEEDU द्वारा उनकी शिक्षा और कौशल वृद्धि में किए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इन केंद्रों में पढ़ाने वाले शिक्षकों, जैसे मोहम्मद अमान हुसैन और सुश्री मुस्कान, ने केंद्रों में हो रही प्रगति का उल्लेख किया। AEEDU का यह आयोजन शिक्षा और सशक्तिकरण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और वंचित वर्गों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास है।
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