इको फ्यूल सिस्टम्स ने वाराणसी में इको-फ्रेंडली बोटिंग को दिया बढ़ावा
मुंबई, इको फ्यूल सिस्टम्स, ऑटोमोटिव्स के लिये वैकल्पिक ईंधन समाधान प्रदान करने में अग्रणी कंपनी, ने डीजल से चलने वाली 350 बोट्स को कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) में सफलतापूर्वक बदलने की घोषणा की है। कंपनी को स्वच्छ गंगा परियोजना के तहत डीजल बोट्स को सीएनजी में बदलने का यह ऑर्डर वाराणसी नगर निगम के लिये मीकॉन से मिला था। इको फ्यूल सिस्टम्स ने 643 बोट्स पर सीएनजी किट्स को लगाना शुरू किया था, जिससे लगभग 2565 टन CO2 बचाने में मदद मिली। हाल में आए डेटा से पता चला है कि डीज़ल से सीएनजी में बदलने पर CO2 का उत्सर्जन 20% तक कम हो सकता है। इसके साथ ही पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) भी काफी कम हो जाता है।
डीज़ल की तुलना में सीएनजी अधिक शुद्ध और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन है। यह न केवल उत्सर्जन कम करता है, बल्कि ईंधन क्षमता भी बढ़ाता है और लंबे समय में परिचालन का खर्च कम करता है।एनजी से चलने वाले इंजन बहुत कम आवाज करते हैं और इस तरह डीजल इंजन की आवाज से पानी में रहने वाले जानवरों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं। वाराणसी अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिये प्रसिद्ध है और यह दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है।इस शहर में परंपरा का मिलन आधुनिकता से होता है और अब पारंपरिक डीजल बोट्स को सीएनजी में बदलकर संवहनीयता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है।
डीज़ल की तुलना में सीएनजी अधिक शुद्ध और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन है। यह न केवल उत्सर्जन कम करता है, बल्कि ईंधन क्षमता भी बढ़ाता है और लंबे समय में परिचालन का खर्च कम करता है।एनजी से चलने वाले इंजन बहुत कम आवाज करते हैं और इस तरह डीजल इंजन की आवाज से पानी में रहने वाले जानवरों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं। वाराणसी अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिये प्रसिद्ध है और यह दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है।इस शहर में परंपरा का मिलन आधुनिकता से होता है और अब पारंपरिक डीजल बोट्स को सीएनजी में बदलकर संवहनीयता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है।
यह सिर्फ तकनीकी अपग्रेड नहीं है,बल्कि भारत के सबसे बेहतरीन इकोसिस्टम में से एक को बचाने का इरादा भी दिखाता है। इस बदलाव से पर्यावरण को लाभ मिलेगा और स्थानीय लोगों तथा आगंतुकों की सेहत बेहतर होगी और उन्हें एक खूबसूरत अनुभव भी मिलेगा। इको फ्यूल सिस्टम्स के फाउंडर और चेयरमैन वीरेन्द्र वोरा ने कहा, ‘’इस हरित पहल का हिस्सा बनने पर हमें गर्व है। यह परियोजना स्पष्ट रूप से बदलाव करने के लिये हमारी प्रतिबद्धता को दिखाती है। गंगा नदी को पर्यावरण के अनुकूल बोट्स देकर हम उसका संरक्षण ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि भविष्य की पीढि़यों के लिये एक विरासत की सुरक्षा
कर रहे हैं।
कर रहे हैं।
वोरा ने कहा, ‘’सीएनजी से चलने वाली हर बोट से हर साल बहुत बड़े पैमाने पर CO2 का उत्सर्जन कम करने में मदद मिलती है और बोटमैन के काफी पैसे भी बचते हैं। इस बदलाव से वाराणसी अधिक शुद्ध भविष्य के और नजदीक आया है और साथ ही इसकी आध्यात्मिक धरोहर को भी सम्मान मिला है।‘’
इको फ्यूल सिस्टम्स ने विभिन्न उद्योगों को ईंधन के अभिनव एवं पर्यावरण-हितैषी समाधान प्रदान करने का समर्पण दिखाने की पहल की है।क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजीज को बढ़ावा देने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता के साथ, इको फ्यूल सिस्टम्स वैकल्पिक ईंधन प्रणालियों का विकास करने, उन्हें इंस्टॉल करने एवं उनके रख-रखाव में विशेषज्ञ है।
इको फ्यूल सिस्टम्स ने विभिन्न उद्योगों को ईंधन के अभिनव एवं पर्यावरण-हितैषी समाधान प्रदान करने का समर्पण दिखाने की पहल की है।क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजीज को बढ़ावा देने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता के साथ, इको फ्यूल सिस्टम्स वैकल्पिक ईंधन प्रणालियों का विकास करने, उन्हें इंस्टॉल करने एवं उनके रख-रखाव में विशेषज्ञ है।
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