अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर "अटल जन्म शताब्दी काव्यांजलि"
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर खुशहाली फाउंडेशन द्वारा एक कार्यक्रम,"अटल जन्म शताब्दी काव्यांजलि" का आयोजन किया गया l खुशहाली फाउंडेशन द्वारा आयोजित और इस्कॉन द्वारा संचालित अटल जन्मशताब्दी काव्यांजलि कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. भीमसेन सिंह द्वारा लिखित पुस्तक "सनातन संघ और संस्कृति" एवं अटल भारत के अटल महापुरुष अटल के लोकार्पण के साथ हुआ l
कार्यक्रम में कवि गजेंद्र सोलंकी के संचालन में कवि सम्मेलन में पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा, वसीम बरेलवी, प्रो. अशोक चक्रधर, डॉ. हरिओम पंवार , अरुण जैमिनी, शंभू शिखर, डॉ. विष्णु सक्सेना सरदार प्रताप फौजदार, डॉ. सुरेश अवस्थी, युवा कवि सूरज मणि जैसे कवियों में अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम को यादगार बना दिया l कवि गजेंद्र सोलंकी के मंच संचालन एवं प्रस्तुति ने कवि सम्मेलन में चार चांद लगा दिया l
फाउंडेशन के अध्यक्ष सोनू सिंह ने कहा कि सनातन संस्कृति हमारी पहचान है l मेरे आदर्श अटल जी के जन्म शताब्दी पर मेरे गुरु डॉ. भीम सेन सिंह के पुस्तक का लोकार्पण के आयोजन करने का अवसर खुशहाली फाउंडेशन को मिला इससे अभिभूत हूं l डॉ. भीमसेन सिंह ने कहा कि अटल जन्म शताब्दी पर उनके दृष्टिकोण और योगदान का यह उत्सव एक मजबूत और एकजुट भारत को आकार देने में अमूल्य प्रयासों के लिए श्रद्धांजलि है l यह आयोजन कविता और साहित्य के सशक्त माध्यम के उनके आदर्शों को प्राप्त करने का एक मजबूत कदम है l
नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर खुशहाली फाउंडेशन द्वारा एक कार्यक्रम,"अटल जन्म शताब्दी काव्यांजलि" का आयोजन किया गया l खुशहाली फाउंडेशन द्वारा आयोजित और इस्कॉन द्वारा संचालित अटल जन्मशताब्दी काव्यांजलि कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. भीमसेन सिंह द्वारा लिखित पुस्तक "सनातन संघ और संस्कृति" एवं अटल भारत के अटल महापुरुष अटल के लोकार्पण के साथ हुआ l
पुस्तक का लोकार्पण विशिष्ट अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय महासिचव व राज्य सभा सांसद अरुण सिंह,गीता मनीषी महामंडलेश्वर ज्ञानानंद महाराज, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि उत्तरप्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह , फिजी के पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र पाल चौधरी, पूर्व सांसद एवं समाजसेवी आर के सिंहा, इस्कॉन कम्युनिकेशन इंडिया के निदेशक व्रजेंद्र नंदन दास,राजस्थान सरकार के राज्यमंत्री के के विश्नोई , शार्क विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. केके अग्रवाल, पंजाब हरियाणा के उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विजेंद्र जैन , गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्व विद्यालय के कुलपति महेश वर्मा ने अन्य अतिथियों के उपस्थित में किया l
इस अवसर पर खुशहाली फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक डॉ. भीम सेन सिंह, फाउंडेशन के अध्यक्ष सोनू सिंह , कार्यक्रम के संकल्पनाकार एवं संयोजक कवि गजेंद्र सोलंकी, खुशहाली फाउंडेशन दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष डॉ.प्रभांशु ओझा , प्रवासी भारतीय आर के महतो ने अतिथियों का स्वागत किया l इस अवसर पर भाजपा नेता विजय जौली, प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं दिल्ली प्रदेश शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. वेद प्रकाश टंडन सहित देश विदेश से आए कई व्यक्ति मौजूद थे l
कार्यक्रम में कवि गजेंद्र सोलंकी के संचालन में कवि सम्मेलन में पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा, वसीम बरेलवी, प्रो. अशोक चक्रधर, डॉ. हरिओम पंवार , अरुण जैमिनी, शंभू शिखर, डॉ. विष्णु सक्सेना सरदार प्रताप फौजदार, डॉ. सुरेश अवस्थी, युवा कवि सूरज मणि जैसे कवियों में अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम को यादगार बना दिया l कवि गजेंद्र सोलंकी के मंच संचालन एवं प्रस्तुति ने कवि सम्मेलन में चार चांद लगा दिया l
फाउंडेशन के अध्यक्ष सोनू सिंह ने कहा कि सनातन संस्कृति हमारी पहचान है l मेरे आदर्श अटल जी के जन्म शताब्दी पर मेरे गुरु डॉ. भीम सेन सिंह के पुस्तक का लोकार्पण के आयोजन करने का अवसर खुशहाली फाउंडेशन को मिला इससे अभिभूत हूं l डॉ. भीमसेन सिंह ने कहा कि अटल जन्म शताब्दी पर उनके दृष्टिकोण और योगदान का यह उत्सव एक मजबूत और एकजुट भारत को आकार देने में अमूल्य प्रयासों के लिए श्रद्धांजलि है l यह आयोजन कविता और साहित्य के सशक्त माध्यम के उनके आदर्शों को प्राप्त करने का एक मजबूत कदम है l
भीमसेन सिंह ने कहा कि मै अटल जी को काफी करीब से देखा एवं जाना है l अटल जी से हमें अपनी बात रखने की निर्भीकता आई l मैं अपनी पुस्तक अटल भारत के अटल महापुरुष अटल जी में मैंने अटल विराट व्यक्तित्व सुलझे नेतृत्व एवं आधुनिक भारत के शिल्पकार एवं भारत के सनातन एवं संस्कृति के सच्चे संरक्षक के रूप में जो मैंने जाना उसे प्रस्तुत करने की कोशिश की है l उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय भारत के संस्कृति एवं सनातन की खुशबू को पूरे विश्व में फैला रहे हैं l
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