पुस्तक 'पत्रकारिता की व्यवहारिक गुर' नई पीढ़ी के पत्रकारों के लिए व्यावहारिक
नई दिल्ली ! इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने कहा कि अमलेश राजू की पुस्तक 'पत्रकारिता की व्यवहारिक गुर' नई पीढ़ी के पत्रकारों के लिए बहुत व्यावहारिक सामग्री लेकर आई है/ राय साहित्य अकादमी सभागार में 'पत्रकारिता की व्यवहारिक गुर' का विमोचन करते हुए यह बात कही! उन्होने कहा कि पत्रकारिता के व्यावहारिक गुर अमलेश राजू की वह पुस्तक है जिसमें ज्यादा से ज्यादा प्रिंट मीडिया को उन्होंने केन्द्रित किया है! प्रिंट से जुड़े जो लोग पत्रकारिता कर रहे हैं उनके लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी साबित होगी!
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, शिक्षाविद के जी सुरेश ने कहा कि जिस तरह से छात्र जनसंचार के लिए पढ़ाई करते हैं, और जिस तरह से संस्थाएं पढ़ा रही है, उसमें दो चीज सामने आ रही है! पत्रकारिता जो संस्थानों में पढ़ाई जाती है और व्यवहारिक दुनिया में जब वही छात्र आते हैं तब उन्हें कहा जाता है कि पुरानी चीज भूल जाइए और नए सिरे से सीखिए, यही नई चीज अमलेश की पत्रकारिता के व्यावहारिक गुर पुस्तक में मिलेगी! सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता की व्यावहारिक और शैक्षणिक चीजों में बहुत ज्यादा खाई बनी हुई है, वह खाई यह किताब पूरा करने की कोशिश करती है!
कार्यक्रम में संधीस पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक हरे कृष्णा यादव ने स्वागत भाषण और वरिष्ठ पत्रकार राकेश सिंह ने संचालन किया! इस मौके पर हिंदुस्तान समाचार के मनोज मिश्रा, यूएआई के मनोहर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव, प्रमोद द्विवेदी, चारु तिवारी, मनोज सिन्हा, हितेंद्र संगल, जितेंद्र तिवारी, अनिल पांडे, अनुराग पुनेठा, दिल्ली पत्रकार संघ के राकेश थपलियाक्, नरेश गुप्ता और सुशील देव् सहित अन्य लोग मौजूद थे!
एक जमाने में प्रिंट के सबसे बड़े आदर्श थे महात्मा गांधी, गांधी ने जो पाठ पढ़ाया वह आज तक प्रिंट मीडिया के लिए कोई नहीं बना पाया! आज की पत्रकारिता में महात्मा गांधी के जो गुण हैं वही लैंडमार्क है और उसी को पढ़ना देखना समझना बहुत जरूरी है! अमलेश राजू ने जो किताब लिखी है वह सचमुच में प्रिंट में जो काम कर रहे हैं उनके लिए व्यावहारिक पत्रकारिता के दृष्टिकोण से यह मार्गदर्शक साबित होगी!
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, शिक्षाविद के जी सुरेश ने कहा कि जिस तरह से छात्र जनसंचार के लिए पढ़ाई करते हैं, और जिस तरह से संस्थाएं पढ़ा रही है, उसमें दो चीज सामने आ रही है! पत्रकारिता जो संस्थानों में पढ़ाई जाती है और व्यवहारिक दुनिया में जब वही छात्र आते हैं तब उन्हें कहा जाता है कि पुरानी चीज भूल जाइए और नए सिरे से सीखिए, यही नई चीज अमलेश की पत्रकारिता के व्यावहारिक गुर पुस्तक में मिलेगी! सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता की व्यावहारिक और शैक्षणिक चीजों में बहुत ज्यादा खाई बनी हुई है, वह खाई यह किताब पूरा करने की कोशिश करती है!
कार्यक्रम में संधीस पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक हरे कृष्णा यादव ने स्वागत भाषण और वरिष्ठ पत्रकार राकेश सिंह ने संचालन किया! इस मौके पर हिंदुस्तान समाचार के मनोज मिश्रा, यूएआई के मनोहर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव, प्रमोद द्विवेदी, चारु तिवारी, मनोज सिन्हा, हितेंद्र संगल, जितेंद्र तिवारी, अनिल पांडे, अनुराग पुनेठा, दिल्ली पत्रकार संघ के राकेश थपलियाक्, नरेश गुप्ता और सुशील देव् सहित अन्य लोग मौजूद थे!
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