‘राइजिंग राजस्थान’ में सेतु बना सीआईआई : मुख्यमंत्री

० आशा पटेल ० 
जयपुर । 
राज्य में पांच नवीन औद्योगिक क्षेत्रों सत्तासर जिला-बीकानेर, बलारिया जिला-सवाई माधोपुर, जटलाव जिला-सवाई माधोपुर, रामसर जिला-बाड़मेर एवं राजास जिला-नागौर का नामकरण श्रीराम जानकी औद्योगिक क्षेत्र कर इन्हें भूखंड आवंटन हेतु खोल दिया है। साथ ही 8 और औद्योगिक क्षेत्रों बिचुन-जयपुर, दुब्बी-बिदरखा-सवाई माधोपुर, चडुआल-आबूरोड, झाक-सेकेंड-जोधपुर, बबाई-झुंझुनूं, गणेश्वर-सीकर, पालरा विस्तार-अजमेर एवं रामनगर थोब-बालोतरा की स्थापना का कार्य भी प्रारंभ कर दिया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राजस्थान की औद्योगिक समृद्धि की आधारशिला है। राजस्थान में मिनरल्स, प्राकृतिक गैस, पर्यटन, शिक्षा, चिकित्सा, ऑटोमोबाईल सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। शर्मा ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की नेशनल काउंसिल के सदस्यों को इंटरेक्शन के दौरान संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट के आयोजन में सीआईआई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही निवेशकों और राज्य सरकार के बीच एक मजबूत सेतु का कार्य किया है।
 इन्होंने अपने संगठनात्मक कौशल से इस समिट को एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना दिया है, जहां विचारों का आदान-प्रदान, साझेदारी और भविष्य के विकास की एक मजबूत नींव रखी जा रही है। सीआईआई के सहयोग और समर्थन से निवेशकों के लिए एक समृद्ध एवं परिपक्व मंच तैयार हुआ है। राज्य सरकार के कार्यकाल के प्रथम वर्ष में इस समिट का आयोजन इसलिए किया जा रहा है, ताकि निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि इस समिट को राज्य में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीट के रूप में भी आयोजित किया जा रहा है। इससे राजस्थान के उद्योगों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार मिलने के साथ ही विभिन्न देशों के निवेशक राजस्थान में निवेश कर प्रगति को और बढ़ा सकेंगे।

 शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट में अब तक 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि के एमओयू किए जा चुके हैं, जो राज्य में निवेशकों के अद्वितीय एवं नवीन विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए पॉलिसी फ्रेमवर्क में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। कुछ समय पहले लांच की गई रिप्स 2024 के बाद नौ और नीतियां लांच की हैं। राजस्थान की आर्थिक प्रगति के लिए 53 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें, 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे तथा ऊर्जा के क्षेत्र में 30 गीगावाट से 5 वर्षों में 125 गीगावाट के लक्ष्य को सामने रखकर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। साथ ही राज्य के कोने-कोने में पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए व्यापक एवं महत्वाकांक्षी प्रयास प्रारंभ कर दिए गए हैं, जिसके नतीजे शीघ्र सामने आएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास, आधारभूत ढांचा, निवेश के लिए सकारात्मक वातावरण, पारदर्शी व्यवस्था, नवाचार और बदलती तकनीकों के साथ बदलाव के प्रत्येक पहलू पर काम किया जा रहा है, ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत और स्थिर होने के साथ ही निवेशकों का विश्वास कायम रहे। उन्होंने आह्वान किया कि राजस्थान को विकास, निवेश और रोजगार के नए युग में ले जाने के लिए साथ मिलकर काम करें और राज्य की अर्थव्यवस्था को 5 वर्षों में दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान दें।
नए औद्योगिक क्षेत्रों से उद्योगों को मिला बढ़ावा
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इस अवसर पर मुख्य आर्थिक सलाहकार भारत सरकार वी. अनंथा नागेश्वरन, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) शिखर अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव उद्योग अजिताभ शर्मा, संयुक्त सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय)  सिद्धार्थ सिहाग, सीआईआई अध्यक्ष संजीव पुरी, उद्योगपति अनिल अग्रवाल, आर. मुकुंदन, राजीव मेमनी, दीपक शेट्ठी, माधव सिंघानिया सहित अन्य उद्योगपति एवं सीआईआई के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।

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