ग्नार्ली ट्रूप ग्लोबल फेडरेशन का अभियान "पधारो म्हारे देश भारत" शुरू
जयपुर। जयपुर स्थित जवाहर सर्किल पर ग्नार्ली ट्रूप ग्लोबल फेडरेशन ने अपने "पधारो म्हारे देश भारत" अभियान का शुभारंभ किया। "मेरा देश, मेरी जिम्मेदारी, मेरा गौरव" थीम के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर, पर्यावरणीय स्थिरता और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना रहा। इसमें पांच हजार से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर उत्साह और एकता का प्रदर्शन किया, जिनमें छात्र, शिक्षक, गणमान्य व्यक्ति और अभिभावक शामिल रहे। सभी विद्यालयों ने ग्नार्ली ड्रूप फेडरेशन के अमरजीत और गोपिका श्री के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस कार्य में समुदाय की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित की। इस कार्यक्रम में सुबह से ही छात्र, शिक्षक व अभिभावक पत्रिका गेट को ऊर्जा और उत्साह के केंद्र में बदलने पहुंचे।
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम और सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। सद्गुरु ऋतेश्वर ने भारतीय मूल्यों को अपनाने, सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व करने और वैश्विक जिम्मेदारी के महत्व पर प्रेरणादायक संदेश दिया। जवाहर सिंह बेढम ने शिक्षकों और छात्रों से राष्ट्र के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। सुबोध पब्लिक स्कूल की शिक्षिका सुमन सक्सेना और माय एफएम की आरजे शिवांगी ने कार्यक्रम का संचालन किया, जिनकी ऊर्जावान मेजबानी ने दर्शकों को पूरे समय जोश से भरपूर बनाए रखा। इस कार्यक्रम में अल्फा इंटरनेशनल एकेडमी, सुबोध पब्लिक स्कूल, वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल,
सैनिक स्कूल, साइन इंटरनेशनल स्कूल और सरदार पटेल स्कूल जैसे प्रमुख विद्यालयों ने योगदान दिया। जयपुर के लगभग 20 स्कूलों ने इस कार्य में हिस्सा लिया। प्रधानाचार्यों और शिक्षकों रमा दत्त, कमलजीत यादव, सुनैना नागपाल, मनीषा सिंह और डॉ. मालिनी मलिक के प्रयास सराहनीय रहे।मुख्य आकर्षणों में सैनिक स्कूल के एनसीसी कैडेट्स द्वारा अनुशासित मार्च और सुबोध पब्लिक स्कूल की संगीत टीम का मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रदर्शन शामिल रहा। स्केटर्स टीम ने मैराथन के दौरान अद्भुत प्रस्तुति दी, जिसने सभी को मोहित कर लिया।
ड्रूप मैराथन पहल के तहत 50 हजार फलदार पौधे लगाए गए और पर्यावरणीय स्थिरता को बनाए रखने की शपथ ली। छात्रों और सभी प्रतिभागियों का उत्साह सभी के लिए प्रेरणादायक और आकर्षक रहा। जलवायु, समुदाय, संस्कृति और सहयोग के स्तंभ पर आधारित "पधारो म्हारे देश भारत" अभियान भारतीय पर्यटन और सांस्कृतिक समृद्धि में क्रांति लाने का वादा करता है, जो एक अधिक स्थायी और समावेशी भविष्य की दिशा में अग्रसर है।
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