जैसे महात्मा गांधी ने करेंगे या मरेंगे का नारा दिया था,उसी तरह का संकल्प फिर से लेना होगा
० आशा पटेल ०
वाराणसी। न्याय के दीप जलाएं-100 दिन के सत्याग्रह के अंतिम दिन सत्याग्रहियों को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के प्रपौत्र एवं जाने-माने लेखक तुषार गांधी ने कहा कि सत्ता में बैठे हुए लोग कायर हैं और गांधी से डरते हैं। ये गांधी विचार के परिसरों को मिटाने की साजिश में लगे हुए हैं। अगर उनकी कोशिश कामयाब होती है तो यह देश पराया हो जाएगा। यह एक प्रकार से विचारधारा का युद्ध है। जैसे महात्मा गांधी ने 1942 में करेंगे या मरेंगे का नारा दिया था, उसी तरह का संकल्प आज फिर से लेना होगा।
वाराणसी। न्याय के दीप जलाएं-100 दिन के सत्याग्रह के अंतिम दिन सत्याग्रहियों को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के प्रपौत्र एवं जाने-माने लेखक तुषार गांधी ने कहा कि सत्ता में बैठे हुए लोग कायर हैं और गांधी से डरते हैं। ये गांधी विचार के परिसरों को मिटाने की साजिश में लगे हुए हैं। अगर उनकी कोशिश कामयाब होती है तो यह देश पराया हो जाएगा। यह एक प्रकार से विचारधारा का युद्ध है। जैसे महात्मा गांधी ने 1942 में करेंगे या मरेंगे का नारा दिया था, उसी तरह का संकल्प आज फिर से लेना होगा।
तुषार गांधी ने कहा अगर यहां कोई अवैध मंदिर होता तो क्या मोदी उसे बुलडोजर से गिराते ? परिसर को गिराने वाले इस देश की बुनियाद को गिरा रहे हैं, वे धर्म के आधार पर समाज को बांट रहे हैं। इस परिसर को जिन्होंने मलबे में बदल दिया है, उसी के कंकड़- पत्थर इनके विचारों के कब्र बनाने के काम आयेंगे I इसी हौसले के साथ यह सत्याग्रह आगे भी जारी रहेगा। इसे पूरे विश्व में फैलाया जाएगा और गांधी प्रतिमाओं के सामने शीश नवा कर पाखंड करने वाले वाली विचारधारा का पर्दाफाश किया जाएगा।सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रेरणा का स्थान है, गांधी विचार को चारों तरफ फैलाने का स्थान है, शांति के सैनिकों को तैयार करने का स्थान है,चंबल के बागियों को सही रास्ते पर ले आने के उद्यम का स्थान है, यह नागालैंड -मिजोरम में शांति प्रयासों का स्थान है। इस स्थान को नष्ट कर केंद्र की सरकार और उसकी पोषक सांप्रदायिक विचारधारा ने राष्ट्र की बुनियाद पर बुलडोजर चलाकर आघात किया है। जिस तरह चंबल के बागियों को सही रास्ते पर लाया गया उसी तरह सत्ता के अहंकारियों को भी दुरुस्त किया जाएगा। हमारे सत्याग्रह का यही उद्देश्य है।
गिरते तापमान और ऊंचे इरादों के बीच देशभर से जुटे गांधीजन एवं परिवर्तनवादी समाजकर्मी सर्व सेवा संघ, राजघाट परिसर के गेट के सामने इकट्ठा हो गए। हमेशा की तरह विद्याधर मास्टर की आवाज गूंजी महात्मा गांधी अमर रहें और सत्याग्रह प्रारंभ। सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष सुगन बरठ, नंदलाल मास्टर और अशोक भारत ने सर्वधर्म प्रार्थना का सूत्र संचालन किया। इसके बाद राजघाट से शास्त्री घाट तक की प्रभात फेरी शुरू हुई जो 6 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए समारोह स्थल पहुंची।
राजघाट से प्रारंभ प्रभात फेरी में महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, रंजू सिंह, जागृति राही, प्रबंधक ट्रस्टी शेख हुसैन,मंत्री अरविंदं कुशवाह,अरविंद अंजुम, सत्येंद्र सिंह, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार, लोकतांत्रिक जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के राष्ट्रीय समिति के सदस्य सुशील कुमार, समाजवादी नेता डॉ सुनीलम, भारत जोड़ो अभियान के शाहिद कमाल, ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल के अशोक मानव, यूसुफ मेहर अली केंद्र की गड्डी,
समग्र ग्राम सेवा संघ के सवाई सिंह किसान नेता दशरथ भाई, ईश्वर चंद्र त्रिपाठी, कर्नाटक के मल्लिकार्जुन, दयानंद पाटिल, मैग्सेसे सम्मान से सम्मानित संदीप पांडे, ऊषा विश्वकर्मा, महाराष्ट्र सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रमेश दाने, झारखंड सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष शंकर राणा, सर्वोदय समाज के पूर्व संयोजक प्रोफेसर सोमनाथ रोड़े, लोक समिति के संयोजक कौशल गणेश आजाद, अभिमन्यु भाई, फरीद आलम, सिराज अहमद, पूनम, सोनी, फादर जयंत, फादर आनंद, जोखन सिंह यादव, शिवजी सिंह, प्रदीप प्रियदर्शी, ईश्वर चंद्र, संजीव सिंह ,सतेंद्र सिंह आदि शामिल रहे।
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