तम्बाकू उन्मूलन के लिए सिर्फ नियंत्रण पर्याप्त नहीं,तंबाकू का पूर्णतः उन्मूलन हो - राजतोफा
जयपुर | राजस्थान तम्बाकू मुक्त एलायंस (राजतोफा) एसआरकेपीएस, वाइटल स्ट्रेटिजिज व गांधी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में राज्य स्तरीय एनजीओ कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में राज्य की 25 स्वयंसेवी संस्थाओं सहित शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला आने वाले तिमाही में राजस्थान में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को और अधिक करने तथा तंबाकू मुक्त राजस्थान बनाने की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई।
विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि डॉ. ओपी कुलहरि, मंगला शर्मा, ईवादीप, हीरालाल शास्त्री, कुलदीप वर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि हमारी संस्थाएं राजस्थान में स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण व आजीविका के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर कार्यरत हैं तथा इन्हें राज्य सरकार तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने तंबाकू नियंत्रण में महा प्रशिक्षण दिया। राज्य सरकार से मांग की गई कि जिलों में तम्बाकू नियंत्रण हेतु कार्य करने के लिए इन प्रशिक्षित संस्थाओं को भी शामिल किया जाए।
राजतोफा के चेयरमेन डाॅ. रमेश गांधी ने बताया कि दिल्ली मेट्रो ट्रेन प्लेटफॉर्म पर तंबाकू उपयोग करने पर 1 लाख रूपये तक का जुर्माना या 6 माह की सजा का प्रावधान है। इसलिए वहां तंबाकू उपयोग पूर्णत: बंद है, जबकि राजस्थान में जुर्माना अधिकतम रूपये 200 तक ही है, इसलिए तंबाकू उपयोग रोकने में प्रभावी नहीं है। अंत में एसआरकेपीएस प्रतिनिधि हिरेंद्र सेवदा ने सभी का आभार प्रकट किया।
‘राजतोफा‘ के चेयरमैन व गांधी फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. रमेश गांधी, ने तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थानश् तथा श्तंबाकू उपचार केंद्रोंश् को और अधिक प्रभावी बनाए जाने हेतु अपने विचार रखें। राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि युवाओं को तंबाकू जनित उत्पादों के सेवन से दूर रखने हेतु तंबाकू मुक्त पीढ़ी का निर्माण किया जाना चाहिए। ‘राजतोफा‘ के समन्वयक व एसआरकेपीएस के सीईओ राजन चौधरी ने तम्बाकू मुक्त ग्राम पंचायत व तम्बाकू वेंडर लाइसेंस प्रणाली लागू करने हेतु अपने विचार व्यक्त किए।‘राजतोफा‘ के वाइस-चेयरमैन धर्मवीर कटेवा ने राजस्थान में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि डॉ. ओपी कुलहरि, मंगला शर्मा, ईवादीप, हीरालाल शास्त्री, कुलदीप वर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि हमारी संस्थाएं राजस्थान में स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण व आजीविका के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर कार्यरत हैं तथा इन्हें राज्य सरकार तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने तंबाकू नियंत्रण में महा प्रशिक्षण दिया। राज्य सरकार से मांग की गई कि जिलों में तम्बाकू नियंत्रण हेतु कार्य करने के लिए इन प्रशिक्षित संस्थाओं को भी शामिल किया जाए।
‘राजतोफा‘ द्वारा राज्य सरकार से अपील की गई कि राजस्थान में लगभग 1.5 करोड़ तंबाकू व्यसनियों की संख्या को देखते हुए अब ‘तंबाकू नियंत्रण‘ पर्याप्त नहीं हैं। अतः अभियान को ‘तंबाकू मुक्त राजस्थान‘ बनाकर सन् 2030 तक इस लक्ष्य को हासिल करना चाहिए। तंबाकू उपभोग की न्यूनतम आयु 18 से बड़ा कर 21 वर्ष की जाए, साथ ही तम्बाकू नियंत्रण कानून में जुर्माना राशि 200 रूपये से बढ़ाकर 1000 रूपये की जाए।
राजतोफा के चेयरमेन डाॅ. रमेश गांधी ने बताया कि दिल्ली मेट्रो ट्रेन प्लेटफॉर्म पर तंबाकू उपयोग करने पर 1 लाख रूपये तक का जुर्माना या 6 माह की सजा का प्रावधान है। इसलिए वहां तंबाकू उपयोग पूर्णत: बंद है, जबकि राजस्थान में जुर्माना अधिकतम रूपये 200 तक ही है, इसलिए तंबाकू उपयोग रोकने में प्रभावी नहीं है। अंत में एसआरकेपीएस प्रतिनिधि हिरेंद्र सेवदा ने सभी का आभार प्रकट किया।
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