उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

० इरफ़ान राही ० 
नई दिल्ली - कोरोना काल में पिछले पांच वर्षों से बंद पड़े उर्दू साक्षरता केंद्रों को आख़िरकार उर्दू अकादमी दिल्ली द्वारा बहाल करने पर अमल शुरू कर दिया गया है। इन्हें शुरू कराने की जद्दोजहद से जुड़े राजकीय सम्मान प्राप्त उर्दू भाषा और साहित्य से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार इरफ़ान राही ने इस पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए उर्दू अकादमी दिल्ली के सचिव मुहम्मद अहसन आबिद, वाइस चेयरमैन प्रोफेसर शहपर रसूल, उर्दू अकादमी दिल्ली के अधिकारियों , गवर्निंग काउंसिल के सभी सदस्यों और दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री सौरभ भारद्वाज के प्रति आभार व्यक्त किया है। 

उन्होंने कहा कि हम पांच सालों से लगातार सोशल मीडिया, उर्दू - हिंदी अख़बारात, यू ट्यूब चैनल्स के माध्यम से और व्यक्तिगत रूप से कार्यालयों में पहुंचकर उर्दू साक्षरता केन्द्रों को बहाल करने की दरख़्वास्त की थी । इस दौरान हम कई बार उर्दू अकादमी दिल्ली के सचिव मुहम्मद अहसन आबिद , तत्कालीन वाइस चेयरमैन हाजी ताज मुहम्मद वर्तमान वाइस चेयरमैन प्रोफेसर शहपर रसूल साहब से मुलाकात की , दिल्ली विधानसभा के कई विधायकों, खाद्य मंत्री इमरान हुसैन, महापौर शैली ओबेरॉय, उप महापौर आले मुहम्मद इक़बाल ख़ान को पत्र लिखा वहीं राज्यसभा सांसद माननीय संजय सिंह से मुलाकात की और पत्र सौंपे। दिल्ली सचिवालय में शिक्षा विभाग में पत्र प्रेषित किये।

 हमारे उर्दू साक्षरता केंद्र ग्रुप की कड़ी मेहनत रंग लाई और केंद्रों को बहाल करने की घोषणा हुई। ओखला की इंस्ट्रक्टर सफिया इरम, खजूरी की रब्बानी समरीन , करावल नगर की सोफिया खानम ने कहा कि इस दौरान कई महिला शिक्षिकाओं के पतियों की मौत हो चुकी है। कई प्रशिक्षकों की भी मृत्यु हो गई है। उर्दू ख़्वान्दगी मर्कज़ ग्रुप के नाम से व्हाट्सअप ग्रुप के एडमिन इरफ़ान राही द्वारा उर्दू अकादमी दिल्ली से अनुरोध किया है कि उर्दू साक्षरता केंद्रों के सिलेक्शन में विधवा महिला शिक्षिकाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए । हाल ही में कुछ इंस्ट्रक्टर्स ने वाइस चेयरमैन प्रो. शहपर रसूल से मुलाक़ात की और उनका आभार व्यक्त किया। इस मौक़े पर सोफिया ख़ानम, रब्बानी समरीन, मौलाना हिशामुद्दीन , सफिया इरम,ज़की ख़ान,इमराना सूरी महफूज आलम रूबीना कुरैशी आदि मौजूद थे।

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