ब्लड बैंक्स में अनियमितताओं और मॉल प्रैक्टिस पर रोक के लिए सख्त कदम उठाएगी सोसाइटी
जयपुर। ब्लड बैंक सोसायटी राजस्थान की ओर से राजस्थान में ब्लड ट्रांस्फयूजन और उससे जुडे विभिन्न पहलुओं विशेषकर शैक्षणिक तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में बडे सुधार करवाये गये हैं। इसी क्रम में सोसायटी, राज्य में रक्त की जांच शुल्क को NBTC के अनुसार लागू करवाने, ब्लड बैग को जीएसटी से मुक्त करवाने, ई-रक्तकोष पोर्टल पर रक्तदाता की डिटेल सार्वजनिक होने से रोकने, Diploma in Blood Bank Technicians dks Drugs & Cosmetics act में 1 साल के अनुभव की सीमा को हटवाने या DMLT के मुकाबले कम करवाने की कवायद में लगी है।
समिति के सचिव डॉक्टर हिमांशु शर्मा ने बताया कि समिति की ओर से जारी एसओपी, प्रोसीजर और सोशल रिस्पांसिबिलिटी के साथ-साथ गलत प्रेक्टिस को रोकने और जांच दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए प्रभावी प्रयास किया जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार ड्रग डिपार्टमेंट केंद्र की तर्ज पर दालों में संशोधन करे तो कुछ ब्लड बैंकों द्वारा की जा रही मॉल प्रैक्टिस पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है।
सेमीनार में पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर डॉ जी आर आर्य एवं डॉ वी पी गुप्ता ने की।
सोसायटी के कोषाध्यक्ष आनन्द अग्रवाल ने बताया कि दूसरे सत्र में पैनल डिस्कशन का संचालन डॉ. हिमांशु शर्मा ने किया। इस सत्र में डॉ. विक्रम गोयल, डॉ. ए डी माथुर, डॉ. अभिषेक पारीक, डॉ. विक्रम अरोडा, डॉ. दिवेश गोयल एवं डॉ. गीतेश मंगल पेनलिस्ट थे। सत्र की अध्यक्षता एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अमित शर्मा और कोटा ब्लड बैंक सोसायटी के डायरेक्टर डॉ. पी एस झा ने की। इस अवसर पर पूल्ड प्लेटलेट्स और एसडीपी पर डॉ. उर्मिल धुरिया और मैनेजमेंट ऑफ मेसिव ट्रांस्फ्यूजन पर डॉ. अंशिका यादव ने पत्र वाचन किया।
ब्लड बैंक सोसायटी, राजस्थान एवं प्लाजमाजीन, बैंगलौर द्वारा आयोजित आज के इस एकेडमिक कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष डा वेदप्रकाश गुप्ता, विष्णु पुरोहित के अलावा राजस्थान की ट्रांसफयूजन मेडिसिन जगत की नामचीन हस्तियां मुख्यतः डा राजाराम बसेरा, राजीव गांधी केंसर इंस्टीट्यूट, दिल्ली से डा अमरदीप पाठक सहित अन्य मौजूद रहे।
यह जानकारी जयपुर में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन से जुडे चिकित्सा के एडवान्स पहलुओं पर सोसायटी की ओर से आयोजित राज्यस्तरीय सेमीनार के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए एम्स जोधपुर के अध्यक्ष एवं स्वास्थ्य कल्याण समूह तथा राजस्थान हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. एस एस अग्रवाल ने दी। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी सोसायटी की ओर से Bulk Blood Transfer, रक्तदान शिविर परमिशन लाईसेंस की वैद्यता तक कराना,
Diploma in Blood Bank Technology को Drugs & Cosmetics Act में include कराना, रक्तदाताओं को दिये जाने वाले प्रलोभन गिफ्ट पर रोक, स्नाताकोतर विद्यार्थीयों को रक्तदान करने पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त अंक, कोविड के समय रक्तदान शिविरों की अनुमति, आदि कार्य इस संस्था द्वारा राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार से करवाए गए हैं जो कि राजस्थान में इस क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुए हैं।
समिति के सचिव डॉक्टर हिमांशु शर्मा ने बताया कि समिति की ओर से जारी एसओपी, प्रोसीजर और सोशल रिस्पांसिबिलिटी के साथ-साथ गलत प्रेक्टिस को रोकने और जांच दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए प्रभावी प्रयास किया जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार ड्रग डिपार्टमेंट केंद्र की तर्ज पर दालों में संशोधन करे तो कुछ ब्लड बैंकों द्वारा की जा रही मॉल प्रैक्टिस पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है।
सेमीनार में पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर डॉ जी आर आर्य एवं डॉ वी पी गुप्ता ने की।
इस सत्र में मुम्बई के डॉ. चन्द्रा विश्वनाथन ने प्लाज्मा फ्रैक्शनेशन पर ऑनलाइन चर्चा की। उनके साथ राजीव गांधी केंसर इंस्टीटयूट नई दिल्ली के हैड ट्रांस्फ्यून मेडिसिन डॉ. अमरदीप पाठक ने स्टेमसैल हार्वेस्टिंग सैल पर बात की। वही डॉ. हिमांशु शर्मा ने एनएबीएच एक्रीडियशन और डॉ. रिचा गुप्ता ने ग्रैन्यलोसाइटिस कब क्यो और कैसे पर अपनी बात कही।
सोसायटी के कोषाध्यक्ष आनन्द अग्रवाल ने बताया कि दूसरे सत्र में पैनल डिस्कशन का संचालन डॉ. हिमांशु शर्मा ने किया। इस सत्र में डॉ. विक्रम गोयल, डॉ. ए डी माथुर, डॉ. अभिषेक पारीक, डॉ. विक्रम अरोडा, डॉ. दिवेश गोयल एवं डॉ. गीतेश मंगल पेनलिस्ट थे। सत्र की अध्यक्षता एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अमित शर्मा और कोटा ब्लड बैंक सोसायटी के डायरेक्टर डॉ. पी एस झा ने की। इस अवसर पर पूल्ड प्लेटलेट्स और एसडीपी पर डॉ. उर्मिल धुरिया और मैनेजमेंट ऑफ मेसिव ट्रांस्फ्यूजन पर डॉ. अंशिका यादव ने पत्र वाचन किया।
ब्लड बैंक सोसायटी, राजस्थान एवं प्लाजमाजीन, बैंगलौर द्वारा आयोजित आज के इस एकेडमिक कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष डा वेदप्रकाश गुप्ता, विष्णु पुरोहित के अलावा राजस्थान की ट्रांसफयूजन मेडिसिन जगत की नामचीन हस्तियां मुख्यतः डा राजाराम बसेरा, राजीव गांधी केंसर इंस्टीट्यूट, दिल्ली से डा अमरदीप पाठक सहित अन्य मौजूद रहे।
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