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जुलाई 18, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Jaipur : Artist Sangeeta Gupta's Solo Art Exhibition आदियोगी शिव : ए जर्...

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संगीता गुप्ता की प्रदर्शनी आदियोगी शिव : ए जर्नी इन कॉस्मिक इंडिगो कलानेरी आर्ट गैलरी में

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० आशा पटेल ०  जयपुर। संगीता गुप्ता की एकल प्रदर्शनी, जिसका शीर्षक आदियोगी शिव : ए जर्नी इन कॉस्मिक इंडिगो के 12वें संस्करण का उदघाटन मुख्य अतिथि जगदीश चंद्र,सीईओ, भारत24 एवं विशिष्ट अतिथि के सुब्रमण्यम,आईएएएस, एवं विशेष अतिथि चित्रकार विद्यासागर उपाध्याय एवं समाजसेवी सुधीर माथुर ने किय  पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त और एक प्रसिद्ध अमूर्त कलाकार, कवि और फिल्म निर्माता के रूप में प्रसिद्ध, संगीता गुप्ता की जयपुर में वस्त्रों पर नील द्वारा तैयार की गई 18 कृतियों व 24 कैनवास पेंटिंग्स को कलानेरी आर्ट गैलरी प्रदर्शित किया गया। गैलरी की ओनर सौम्या विजय शर्मा ने बताया की सांगानेर-छापा कला तकनीक से प्रेरित प्राकृतिक इंडिगो पैलेट का उपयोग करके खादी कपड़े पर बनाई गई यह प्रदर्शनी, शिव-शक्ति के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करती है। अपनी क्रांतिकारी कलात्मक दृष्टि के माध्यम से, संगीता गुप्ता ने भगवान शिव को उनके कई प्रतीकात्मक रूपों - डमरू, त्रिशूल, तीसरी आंख, अर्धनारीश्वर रूप और विभिन्न तांडव - में अमूर्त और विचारोत्तेजक रचनाओं में प्रस्तुत किया है।  कलाकार संगीता गुप्ता ने बताया की हाल ही में उनके द्वारा त

सीएसयू की उपाधियों को डीयू के समकक्ष करने का निर्णय

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने दिल्ली विश्वविद्यालय , दिल्ली के कुलपति प्रो योगेश सिंह तथा इसके विद्वत् परिषद के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते कहा है कि उनके विश्वविद्यालय की समिति जिसने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के विविध उपाधियों को दिल्ली विश्वविद्यालय के समकक्ष मानने के लिए अपनी अनुशंसा की थी उसे विद्वत परिषद ने अपनी स्वीकृति दे दी है ।   वस्तुत: यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में एक भारत श्रेष्ठ भारत की दृष्टि से भी बहुत ही दूरगामी परिणाम वाला निकलेगा और संस्कृत के छात्र-छात्राओं को सबका साथ सबका विकास की भावना के लिए देश की शैक्षणिक गतिविधियों में काम करने का सुअवसर देगा ।  साथ ही साथ संस्कृत प्रतिभा के समान मूल्यांकन से भाषा की गुणवत्ता में भी वृद्धि भी होगी । संस्कृत पढ़ने वाले परम्परा के छात्र छात्राओं की यह एक चिर प्रतीक्षित मांग थी जो अब जाकर इसका पूरा किया जाना निश्चित रूप से संस्कृत के प्रति बढ़ती लोकप्रियता का भी सूचक है । इस निर्णय को लेकर यह भी विचार था कि अंग्रेजों ने फूट डालो और शासन करो की क

पुस्तक समीक्षा : मॉरीशस और फीजी : विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से

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पुस्तक :  मॉरीशस और फीजी : विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से लेखक :  कृपाशंकर चौबे, प्रकाशक :  प्रलेक प्रकाशन , मुम्बई,  प्रथम संस्करण : 2024, पृष्ठ :  112, कीमत :  200 रुपए । समीक्षक :  डॉ. सुभाषिनी लता कुमार प्रलेक, मुंबई ने हाल ही में पुस्तक ‘मॉरीशस और फीजी: विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से’ प्रकाशित की है । इसके लेखक हैं कृपाशंकर चौबे जो हिंदी साहित्य और पत्रकारिता में सुप्रतिष्ठित हैं। यह पुस्तक 2018 में मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन और 2023 में फीजी में आयोजित 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की गतिविधियों के साथ ही वहां के लोकरंग की विस्तृत जानकारी देती है। पुस्तक बेहद सहजता से पाठकों के अंतर्मन में दाखिल हो जाती है और आपको एक ऐसी ज्ञानवर्धक यात्रा पर ले जाती है जहाँ आप विश्व हिंदी सम्मेलन की व्यवस्था व उसके उद्देश्य को नजदीक से समझ पाते हैं  और उन सम्मेलनों में हुई चर्चाओं, पारित प्रस्तावों, अनुशंसाओं और सुझावों से भी परिचित हो जाते हैं। इस पुस्तक से मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई और फीजी के नादी शहर के पर्यटन स्थलों का रोचक परिचय भी मिलता है। पुस्तक के ‘खिदिरपुर घाट से आप्

सारेगामापा का प्रीमियर जल्द ही ज़ी टीवी पर होने जा रहा है

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली : टीवी का जाना माना सिंगिंग रियलिटी शो सारेगामापा एक नए सीज़न के साथ वापस लौट रहा है! पिछले साल के सफल सीज़न में हर हफ्ते टैलेंटेड सिंगर्स को ज़ी म्यूजिक कंपनी पर ओरिजिनल सिंगल्स रिलीज करने का मौका देकर उन्हें सिंगिंग सेंसेशंस बनाने के बाद, यह शो अब एक नए रोमांचक फॉर्मेट में लौट रहा है। इस बार कंटेस्टेंट्स को उनके मेंटर्स अच्छी तरह से ग्रूम करेंगे और अपने शिष्यों के म्यूज़िकल सफर में पूरी लगन से शामिल रहेंगे। जहां संगीत जगत के सबसे बड़े कंपोज़र्स इस प्रतिस्पर्धी माहौल में एक दूसरे के आमने-सामने नजर आएंगे, ऐसे में संगीत की उत्कृष्टता यकीनन अपनी चमक बिखेरेगी। सारेगामापा 2024 अपने ऑन-ग्राउंड ऑडिशन्स के लिए शनिवार 27 जुलाई को आपके शहर दिल्ली में आ रहा है। तो यदि आप 15 वर्ष या इससे अधिक उम्र के हैं, तो यह आपके लिए वेन्यू पर आकर अपना टैलेंट दिखाने का एक शानदार मौका है। ऑनलाइन ऑडिशन्स पहले ही शुरू हो चुके हैं जहां कई शहरों में ऑडिशन्स की शुरुआत हो चुकी है, वहीं आने वाले कुछ हफ्तों में ज़ी टीवी बाकी शहरों के अलावा मुंबई में भी ऑन-ग्राउंड ऑडिशंस आयोजित करेगा। यदि आप संगीत प्

बाल विवाह के लंबित मामलों के निपटारे में भारत को लग सकते हैं 19 साल

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस के अवसर पर इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन के अध्ययन दल की रिपोर्ट ‘टूवार्ड्स जस्टिस : इंडिंग चाइल्ड मैरेज’ ने बाल विवाह की रोकथाम में कानूनी कार्रवाइयों और अभियोजन की अहम भूमिका को उजागर किया है। असम और देश के बाकी हिस्सों से जुटाए गए आंकड़ों के अध्ययन के बाद तैयार की गई इस रिपोर्ट के नतीजे बताते हैं कि 2021-22 से 2023-24 के बीच असम के 20 जिलों में बाल विवाह के मामलों में 81 प्रतिशत की कमी आई है।  नई दिल्ली में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और बाल विवाह मुक्त भारत (सीएमएफआई) के संस्थापक और बाल अधिकार कार्यकर्ता भुवन ऋभु की मौजूदगी में बाल विवाह पीड़ितों द्वारा जारी की गई यह रिपोर्ट इस बात की ओर साफ संकेत करती है कि कानूनी कार्रवाई बाल विवाह के खात्मे के लिए सबसे प्रभावी औजार है। 2021-22 से 2023-24 के बीच असम के 20 जिलों में बाल विवाह के मामलों में 81 प्रतिशत की कमी आई है। इस अध्ययन में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) और असम के 20 जिलों के 1,132 गांवों से आंकड़े जुटाए गए जहां कुल आबादी

नाथद्वारा : 'विश्वास स्वरूपम' (स्टैच्यू ऑफ बिलीफ) ने 15 लाख पर्यटकों का आंकड़ा पार किया

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० योगेश भट्ट ०  नाथद्वारा : राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित 'विश्वास स्वरूपम', जिसे 'स्टैच्यू ऑफ बिलीफ' के नाम से भी जाना जाता है, ने नवंबर 2022 में उद्घाटन के बाद से अब तक 15 लाख से अधिक पर्यटकों का स्वागत किया है, जो एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भगवान शिव की यह 369 फीट ऊंची मूर्ति तेजी से भारत में एक प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थल बन गई है, जो देशभर के पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।  यह मूर्ति दुनिया में भगवान शिव की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है, जो 32 एकड़ में फैली हुई है और कुल ऊंचाई 112 मीटर (34 मीटर आधार सहित) है,  इसे 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट से बनाया गया है। मूर्ति लंबे समय तक टिकी रहे इसके लिए इस पर तांबे की एक परत लगाई गई है। इस मूर्ति का जीवनकाल लगभग २५० वर्ष अनुमानित किया गया है। इसे २५० किमी प्रति घंटे तक की हवाओं को आसानी से झेलने और भूकंपीय क्षेत्र IV में भी स्थिर रहने के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है। प्रतिमा में 270 फीट और 280 फीट की ऊंचाई पर दीर्घाएँ हैं, जो कांच के रास्ते से जुड़ी हुई हैं। पर्यटक ३५१ फीट की ऊंचाई पर जाकर जलाभिषेक और भू-स्