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अक्तूबर 26, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दिवाली और छठ पूजा के दौरान उत्तर रेलवे द्वारा किए गए विशेष इंतजाम

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० आनंद चौधरी ०   नई दिल्ली। उत्तर रेलवे, दिवाली और छठ पूजा पर अपने परिजनों के साथ त्यौहार मनाने के लिए अपने गांव, घर की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए इस वर्ष सर्वाधिक त्यौहार स्पेशल ट्रेनें चलाकर यात्रियों के साथ त्यौहारों की खुशियाँ साझा कर रही है । उत्तर रेलवे मुख्यालय,बड़ौदा हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, महाप्रबंधक उत्तर रेलवे अशोक कुमार वर्मा ने दिवाली और छठ पूजा के दौरान उत्तर रेलवे द्वारा की गई विशेष व्यवस्था के बारे में मीडिया को संबोधित किया। पहली अक्टूबर, 2024 से 30 नवंबर 2024 तक 3144 त्यौहार विशेष ट्रेनों के फेरे घोषित किये जा चुके हैं। लगभग 85% त्यौहार विशेष ट्रेनें पूर्व दिशा में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम जाने वाले यात्रियों के लिए चलाई जा रही हैं। दिवाली और छठ पूजा त्योहारों के दौरान सुगम और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए 26 अक्टूबर से 7 नवम्बर तक विशेष ट्रेनों के 195 फेरे ( इसी अवधि के दौरान 2023 में 138 फेरे चलाये गए थे ) की योजना बनाई गई है। इन तेरह दिनों में उत्तर रेलवे प्रत्येक दिन दिल्ली एरिया से 65 ट्रेनों का संचालन करेगी जबकि प

जयपुर डायलॉग 2024' में 'वसुधैव कुटुम्बकम' से भारत ने विश्व को समानता का पाठ पढ़ाया—राज्यपाल

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० आशा पटेल ०  जयपुर । राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि भारत जीवंत संस्कृति वाला राष्ट्र है। विश्व की बौद्धिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का मूल यही देश रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने ही विश्वभर को 'वसुधैव कुटुम्बकम' के जरिए सार्वभौमिक समानता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि आजादी के सौ साल पूर्ण होने का अवसर 'भारत के उस गौरव को पुनः प्राप्त' करने से जुड़ा है। उन्होंने देश की समृद्ध ज्ञान परम्परा और अद्वितीय इतिहास से जुड़ी संस्कृति पर चिंतन—मनन कर भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास किए जाने का आह्वान किया है। बागडे 'जयपुर डायलॉग 2024' के वार्षिक समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की आर्थिक और सांस्कृतिक महाशक्ति बनें। यह समय हमारी सांस्कृतिक और सभ्यतागत जड़ों की ओर लौटने से जुड़ा है। उन्होंने प्राचीन भारत के वैश्विक व्यापार के केंद्र रहने की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने 'आत्मनिर्भर भारत' की दृष्टि इसी संदर्भ में दी है। यह पंच प्रण—विकसित भारत, मानसिक उपनिवेशवाद के उन्मूलन, हमारी विरासत पर गर्व,

हिंगोनिया गौशाला की ईको फ्रेंडली दिवाली,गाय के गोबर से दीपो का उत्पादन

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० आशा पटेल ०  जयपुर - हिंगोनिया गौशाला गौसेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही है| गौशाला में 18,000 से ज्यादा गौवंश की देखभाल व रखरखाव किया जाता है| पर्यावरण संरक्षण के लिए भी हिंगोनिया द्वारा उचित कदम उठाये जाते है, इस बार ईको फ्रेंडली दिवाली के लिए गौ पुनर्वास केंद्र द्वारा गाय के गोबर से दीपो का उत्पादन किया जा रहा है| हिंदू धर्म में गाय के गोबर का विशेष महत्व है क्योंकि इसे पवित्र और शुभ माना जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय के गोबर में मां लक्ष्मी का वास होता है और इसीलिए कहा जाता है, “गोमय वसते लक्ष्मी” | हिंगोनिया गौशाला ने नगर निगम ग्रेटर और हेरीटेज के साथ मिलकर पर्यावरण के अनुकूल कदम उठाया है | गाय के गोबर से तैयार दीपक का पूजा में इस्तेमाल करना काफी शुभ माना जाता है साथ ही दीपक जलने के बाद इसका खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है जो हमारी वनस्पति और पर्यावरण के लिए बहुत ही लाभदायक है| हिंगोनिया गौशाला के कार्यक्रम समन्वयक रघुपति दास ने बताया है की नगर निगम ग्रेटर और हेरीटेज के साथ मिलकर जयपुर के 250 वार्डों में लगभग 2 लाख 50 हजार गोमय दीपक का वितरण किया जायेगा | साथ ही

दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स दिवस 5 नवंबर को आयोजन

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : ऑर्थोटिक्स एंड प्रोस्थेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ओपीएआई) के दिल्ली चैप्टर ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जो 5 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स दिवस के आयोजन करेगी। यह कार्यक्रम का उद्देश्य प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स क्षेत्र के पेशेवरों, समर्थकों, और हितधारकों को एक मंच पर लाना है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों, स्वास्थ्य पेशेवरों और मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया और उन समाधानों पर चर्चा की जो दिव्यांगजनों के जीवन को सुधारने में मदद कर रहे हैं।  इस आयोजन में जागरूकता, पहुंच, और सरकारी सहभागिता की आवश्यकता को प्रमुखता दी गई, साथ ही पैरालंपिक एथलीटों के लिए नीति-स्तर पर समर्थन का आग्रह किया गया।  ओपीएआई के दिल्ली चैप्टर के आयोजन सचिव, अगेंद्र कुमार ने संगठन की मंशा को साझा करते हुए कहा, "यह आयोजन केवल तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि उन पेशेवरों को भी सलामी है, जो अनगिनत लोगों के जीवन में गतिशीलता और स्वतंत्रता लाने में अहम भूमिका निभाते हैं। हमारा मानना है कि प्रत्येक व्य

छोटे ट्रांसपोर्टर्स की टोल टैक्स में 30% कटौती की मांग,लागत वसूल चुके टोल प्लाजाओं की हो जांच

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली: देशभर में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े छोटे कारोबारियों और सिंगल मोटर मालिकों की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। इसके चलते हजारों परिवार भूखमरी की कगार पर आ खड़े हुए हैं। इस विकट स्थिति को देखते हुए, देश के छोटे ट्रांसपोर्टर्स और सिंगल मोटर मालिकों के संगठन दिल्ली एनसीआर ट्रांसपोर्ट एकता मंच के महासचिव श्याम सुन्दर ने कहा कि मुख्य रूप से हम तीन प्रमुख मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे है। दिल्ली एनसीआर ट्रांसपोर्ट एकता मंच के अध्यक्ष हरीश ग्रोवर, सचिव दिनकर सिंह, कोषाध्यक्ष वेदप्रकाश एवं एडवोकेट डॉ चंद्रा राजन, एडवोकेट चरणजीत सिंह, डीसी कपिल आदि पदाधिकारी मौजूद रहे। श्याम सुंदर ने कहा कि पहला, छोटे ट्रांसपोर्टर्स की प्रमुख समस्याओं में टोल टैक्स एक बड़ी चुनौती बन गया है। संगठन की मांग है कि देशभर में टोल टैक्स की दरों को कम से कम 30% घटाया जाए। इसके अलावा, उन टोल प्लाजाओं की जांच की जाए, जिन्होंने अपनी लागत वसूल कर ली है। ऐसे टोल प्लाजा तुरंत बंद किए जाने चाहिए। इससे छोटे ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों पर आर्थिक बोझ कम होगा और उनका व्यवसाय

सामाजिक न्याय के लिए मंजू जोशी को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

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० संवाददाता द्वारा ०  जयपुर - सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए cecoedecon की सचिव मंजू जोशी को नेशनल एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल सोशल वर्कर्स इन इंडिया (एनएपीएसडब्ल्यूआई) द्वारा 12वें इंडियन सोशल वर्क कॉन्फ्रेंस में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस प्रतिष्ठित सम्मान ने न केवल मंजू जोशी की सामाजिक न्याय के प्रति समर्पित भावना को पहचाना, बल्कि cecoedecon की स्थायी विकास और अधिकार आधारित समुदाय सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता को भी प्रमाणित किया। मंजू जोशी का कार्य राजस्थान में वंचित समुदायों के उत्थान और कमजोर आबादी के अधिकारों की वकालत में महत्वपूर्ण रहा है। उनके जल संसाधन प्रबंधन के प्रयासों ने जल संरक्षण के लिए समुदाय आधारित दृष्टिकोण को फिर से परिभाषित किया है, जिससे जल विहीन क्षेत्रों में स्वच्छ और विश्वसनीय जल तक पहुंच सुनिश्चित हुई है और लंबे समय तक कृषि और आर्थिक स्थिरता को समर्थन मिला है। उनकी पहलों से परिवारों और समुदायों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। मंजू जोशी का कार्य महिला किसानों के सशक्तिकरण और लिंग समानता को बढ़ावा देने पर केंद्रित रहा है। सीईसीओडी