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मसूरी बादलों के बीच // उत्तराखंड का मनोरम स्थान

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एनएमएसीसी में पहली बार मंचित होगा विश्व प्रसिद्ध ‘द फैंटम ऑफ द ओपेरा’

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० आशा पटेल ०  मुंबई : विश्व प्रसिद्ध संगीत नाटक ‘द फैंटम ऑफ द ओपेरा’ का मंचन पहली बार मुंबई के नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र (एनएमएसीसी) में होगा। यह मंचन 5 मार्च 2025 से ग्रैंड थिएटर में शुरू होगा। एनएमएसीसी ने अब तक ‘द साउंड ऑफ म्यूजिक’, ‘मामा मिया’, ‘लाइफ ऑफ पाई’ जैसे अंतरराष्ट्रीय शोज़ का मंचन कर अपनी खास पहचान बनाई है। अब यह केंद्र ‘द फैंटम ऑफ द ओपेरा’ जैसी विश्व-प्रसिद्ध प्रेम कहानी को भारत में ला रहा है। एनएमएसीसी की संस्थापक और अध्यक्ष नीता अंबानी ने कहा, “एनएमएसीसी की स्थापना का हमारा सपना यही था कि भारत और दुनिया की श्रेष्ठतम कला को एक ही मंच पर लाकर दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जाए। ‘द फैंटम ऑफ द ओपेरा’ का प्रदर्शन हमारी इस सोच को और सशक्त बनाएगा। यह प्रेम और जुनून की अमर कहानी है, जो हर पीढ़ी को छूती है।” यह नाटक फ्रांसीसी लेखक गैस्टन लेरौक्स के उपन्यास पर आधारित है।

उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह ‘उत्तराखण्ड निवास’ का नई दिल्ली में मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह ‘उत्तराखण्ड निवास’ का लोकार्पण किया। इस उत्तराखण्ड निवास का निर्माण लगभग 120 करोड़ 52 लाख की लागत से किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सब उत्तराखण्ड निवास के लोकार्पण के ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रह हैं। उत्तराखण्ड निवास में राज्य की संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला का समावेश किया गया है। उत्तराखण्ड की अद्वितीय कला की छाप उत्तराखण्ड निवास संजोये हुए है।  इसकी दीवार पारंपरिक रूप से पहाड़ी शैली के सुंदर पत्थरों से निर्मित है, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत करने का का कार्य करती है। यह भवन हमारी समृद्ध सांस्कृतिक पंरपराओं को एक नई ऊंचाई प्रदान करने के साथ ही उत्तराखण्ड और देश-विदेश से आने वाले अतिथियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरामदायी आवास व्यवस्था तथा उत्तराखण्ड की संस्कृति की झलक को समेटे यह भवन राष्ट्रीय राजधानी में हमारे प्रदेश की गरिमा का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड निवास में हमारे पारंपरिक व्यंजनों की व्यवस्था की जाए।

शताब्दी साहित्यकार रामदरश मिश्र पर केन्द्रित दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली l हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार रामदरश मिश्र की जन्म शती के ऐतिहासिक अवसर को केंद्र में रखकर दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में 'साहित्य की शती उपस्थिति रामदरश' विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 12-13 नवंबर को किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में उद्घाटन एवं समापन सत्र के अतिरिक्त कुल 6 अकादमिक सत्र हैं जिसमें मिश्र के समग्र साहित्य को समझने में आसानी होगी। इसमें देश-विदेश के विद्वानों को आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम राजकमल प्रकाशन और हिंदी अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इसके उद्घाटन सत्र में रामदरश मिश्र के साथ पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार रमेश पोखरियाल निशंक ,पद्मश्री कवि सुरेंद्र शर्मा,हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद्मश्री हरमोहिंदर बेदी ,पद्मभूषण सरदार तरलोचन सहित अनेक गणमान्य अतिथि रहेंगे। इसमें पंजीकृत शोधार्थियों और प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। भारतीय साहित्य की यह ऐतिहासिक घटना है जब कोई रचनाकार स्वयं जीवित रूप में अपना शताब्दी वर्ष मनता हुआ देख र

ऑनलाइन शिक्षा में चुनौतियों एवं सम्भावनाओं पर कॉलेज विद्या ने किया रिपोर्ट जारी

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - ऑनलाइन शिक्षा के अवसरों को सुगमता से जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध संस्था कॉलेज विद्या ने "द डिजिटल एजुकेशन फ्रंटियर" नामक एक रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट विद्यार्थियों एवं कामकाजी व्यक्तियों के बीच ऑनलाइन शिक्षा के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं उनके बीच शिक्षा के इस नवीन स्वरूप की स्वीकार्यता के अध्ययन पर आधारित है। यह रिपोर्ट ऑनलाइन शिक्षा के फायदे, चुनौतियां एवं जन सामान्य में इसके विभिन्न आयामों के प्रति समझ पर आधारित है। इन तमाम पहलुओं के साथ-साथ इस अध्ययन में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पठन-पाठन के बदलते स्वरूप की भी चर्चा की गई है। इस अध्ययन में शामिल 5000 से भी अधिक प्रतिभागियों के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा के दो सबसे महत्वपूर्ण फायदे भौगोलिक सीमाओं का खत्म होना एवं समय की बचत है। लगभग 82% विद्यार्थियों एवं 66.2% कामकाजी व्यक्तियों ने अपनी सुविधा अनुसार किसी भी समय एवं किसी भी स्थान से पढ़ाई कर पाने के अवसर की सराहना की है। वही 81% विद्यार्थियों एवं 71.01% कामकाजी व्यक्तियों ने ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से समय के बेहतर प्रबंधन को वरीयता दी। ऑनलाइन

साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल एजुकेशन ग्रुप (OIEG) के साथ मिलकर नए कैंपस को संचालित करेगा

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली -- साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी भारत सरकार की ओर से जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत देश में कैंपस स्थापित करने का लाइसेंस प्राप्त करने वाली पहली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी बन गई है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि यूनिवर्सिटी की वैश्विक विस्तार की प्रतिबद्धता और इंटरनेशनल एकेडमिक कोलेबोरेशन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल एजुकेशन ग्रुप (OIEG) के साथ मिलकर इस नए कैंपस को संचालित करेगा, जिसमें प्रवेश और नामांकन सेवाएं शामिल हैं।  इस नए कैंपस में उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध होंगी और यह छात्रों के लिए एक बेहतरीन अनुभव प्रदान करेगा। पहले एप्लिकेशन राउंड की अंतिम तिथि 29 नवंबर है, और सफल छात्रों को जनवरी 2025 के मध्य तक परिणाम की सूचना मिलने की संभावना है। 2025 में प्रवेश के लिए दो और एप्लिकेशन राउंड आयोजित किए जाएंगे। सीटें सीमित हैं, और अधिक मांग के आधार पर प्रवेश पहले भी बंद हो सकता है। पहले एप्लिकेशन राउंड में 5000 रुपये की आवेदन शुल्क माफ की गई है। छात्रवृत्ति और आवास विकल्पों पर अधिक जानकारी जल्द ही घोषित की जाएगी।