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गोदरेज अप्लायंसेज आपके दरवाज़े तक लेकर आया अपना स्टोर ‘अप्लायंसेज ऑन व्हील्स’
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० संवाददाता द्वारा ० मुंबई : गोदरेज एंटरप्राइजेज समूह के गोदरेज एंड बॉयस के अप्लायंसेज व्यवसाय ने विभिन्न किस्म के उत्पादों को उपभोक्ताओं के करीब लाने के उद्देश्य से, अपनी ‘अप्लायंसेज ऑन व्हील्स’ पहल शुरू की है। महाराष्ट्र में 4 अक्टूबर को शुरू हुआ यह अभियान ब्रांड के एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट - ‘इंस्पायर हब’ को सीधे उपभोक्ताओं तक ले जाने के लिए तैयार किया गया है, जो महाराष्ट्र में 21 गंतव्यों में लगभग 2500+ किलोमीटर की दूरी तय करेगा और 4,000 घरों से जुड़ेगा। गोदरेज अप्लायंसेज के एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट, जिन्हें इंस्पायर हब के नाम से जाना जाता है। ग्राहकों को एक आकर्षक खरीदारी का अनुभव प्रदान करते हैं, जिसमें ब्रांड के विभिन्न किस्म के उत्पादों को एक ही जगह पर प्रदर्शित किया जाता है। अप्लायंस ऑन व्हील्स के माध्यम से, ब्रांड इस अनुभव को सीधे उपभोक्ताओं तक ले जा रहा है और इसका लक्ष्य है ब्रांड की पहचान का विस्तार करना और उपभोक्ता जुड़ाव को बढ़ाना है। गोदरेज अप्लायंसेज के उन्नत उत्पाद पोर्टफोलियो से सुसज्जित यह वाहन, उपभोक्ताओं को अपने घरेलू उपकरणों की पूरी रेंज - रेफ्रिजरेटर, वॉशिं
आई.आई.टी.एफ. राजस्थान मंडप में राजस्थानी मसालों और व्यंजनों के काउंटरों पर उमड़ी भीड़
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० आशा पटेल ० जयपुर- दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थानी व्यंजनों के स्वाद और मसालों की खुशबू ने मेला देखने आए आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित किया। राजस्थानी व्यंजनों के स्वाद के लिए मंडप में लगे काउंटरों पर भीड़ दिखी। मंडप में नागौर से आए बाबू लाल कैटरर्स के प्रतिनिधि ने बताया कि काउंटर पर राजस्थानी मसालों से बने भेलपूड़ी और चना जोर गर्म की बिक्री तेजी से बढ रही है। उन्होने बताया कि इसके अलावा राजस्थानी पापड़, मंगोड़ी और मसालों की खुशबू से दर्शक इनको खूब पसंद कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त श्री गंगा नगर के सूरतगढ़ के एस.के.फूड प्रोडक्ट्स के प्रतिनिधि ने बताया कि उनकी पैक्ड फूड आईट्म्स अचार, पापड़, नमकीन इत्यादि को लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। उनके उत्पादों की अच्छी बिक्री हो रही है। आईआईटीएफ की इस बार की मेला थीम के अनुसार राजस्थान पवेलियन में राजस्थान की प्रगति, नवाचार और सांस्कृतिक विरासत को बखूबी दिखाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि आगामी महीने में राजस्थान में होने वाली राइजिंग राजस्थान समिट -2024 में निवेशकों की अधिक से अधिक
आभूषण क्षेत्र में नवाचार को आगे बढ़ा रही हैं महिला उद्यमी : स्मृति ईरानी
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० आशा पटेल ० नई दिल्ली। जेम्स एंड ज्वेलरी प्रोमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के डिप्टी स्पीकर हॉल में "रत्न एवं आभूषण निर्यात व्यवसाय में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना" शीर्षक से एक आयोजन किया। इस कार्यक्रम में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में नवाचार एवं विकास को आगे बढ़ाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मुख्य अतिथि थीं। वह महिला सशक्तिकरण की वकालत के लिए जानी जाती हैं। श्रीमती ईरानी ने उद्योग में महिला उद्यमियों के लिए अधिक समावेशी और सहायक वातावरण बनाने के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया। उपस्थित जीजेईपीसी सदस्यों मे अशोक सेठ, उत्तर क्षेत्र के अध्यक्ष, अनिल संखवाल, संयोजक, स्टडेड ज्वेलरी पैनल, शौनक पारीख, संयोजक, बैंकिंग बीमा और कराधान, रेणु शर्मा, सदस्य स्टडेड ज्वेलरी पैनल, जीजेईपीसी और सब्यसाची रे, कार्यकारी निदेशक शामिल थे। श्रीमती ईरानी ने कहा, “रत्न और आभूषण उद्योग में महिलाओं के पास अपार संभावनाएं हैं और जीजेईपीसी महिलाओं की क्षमताओं के आधार पर उनकी प्रतिभा को पहचानने और उनका पोषण क
भारत का पहला संविधान संग्रहालय का होगा उद्घाटन
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली : भारत के पहले संविधान संग्रहालय के उद्घाटन और राष्ट्रीय संविधान सम्मेलन 23 नवंबर को ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत में आयोजित होगा। यह आयोजन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय राज्य मंत्री (कानून और न्याय) अर्जुन राम मेघवाल और ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चांसलर एवं सांसद नवीन जिंदल की उपस्थिति में संपन्न होगा। JGU के चांसलर नवीन जिंदल ने कहा, "हम इस संविधान संग्रहालय को राष्ट्र को समर्पित करते हैं, ताकि भारत के युवाओं को संविधान को ज्ञान के प्रकाश स्तंभ के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके, जो हमारे देश के भविष्य को दिशा देता है। यह अनोखी और महत्वाकांक्षी परियोजना भारतीय संस्थानों द्वारा पहले कभी नहीं की गई है। यह संग्रहालय हमारे लोकतांत्रिक ढांचे और हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों का जीवंत प्रमाण है, जिसने भारत को समानता, विकास और संतुलन की ओर अग्रसर किया है।" JGU ने भारत का पहला संविधान संग्रहालय स्थापित किया है, जो संविधान की गहन समझ को समृद्ध करेगा। संग्रहालय में 75 वर्षों की संवैधान
यात्रा और पर्यटन बना महिला समूहों का आधार 'यात्रा आउटलेट्स' के जरिए अक्तूबर तक ₹91.75 लाख की बिक्री
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० योगेश भट्ट ० देहरादून। चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियां, महिला स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी का आधार बनते जा रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में अक्तूबर माह तक महिला समूहों ने यात्रा मार्ग और प्रमुख पर्यटन केंद्रों पर खुले यात्रा आउटलेट्स के जरिए कुल ₹91.75 लाख की बिक्री करते हुए, ₹29.7 लाख का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। ग्राम्य विकास विभाग के अधीन संचालित उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा और संस्कृति से परिचित कराने के साथ ही ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक में सुधार के लिए प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर 110 'यात्रा आउटलेट्स' स्थापित किए गए हैं। जो स्थानीय ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं । सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा के मुताबिक, यात्रा आउटलेट्स पर हस्तनिर्मित ऊनी वस्त्र, पहाड़ी मसाले, जैविक अचार, स्मृति चिन्ह, मिलेट-आधारित खाद्य पदार्थ बिक्री के लिए उपलब्ध रहते हैं। 'यात्रा आउटलेट्स' न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में कारगर साबित हुए हैं, बल्क
सरस आजीविका मेला : 31 राज्यों के उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री
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० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली। सरस आजीविका मेला 2024 में जहां एक तरफ ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया गया है वहीं दूसरी तरफ लोग सरस पवेलियन में भरपूर मनोंरंजन भी कर रहे हैं। यही कारण है कि सरस में कहीं लोग जहां मस्कट (सुभंकर) के साथ फोटो और सेल्फी ले रहे हैं वहीं लोग सरस में मौजूद बिग पाइप बैंड का भी आनंद ले रहे हैं। बिग पाइप बैंड के सुखविंदर सिंह बताते हैं कि समय समय पर सरस में आने वाले आगंतुकों के लिए उनकी टीम विभिन्न गानों के धुनों पर बैंड बजाते हैं जिससे कि दर्शकों की थकान मिट जाता है और लोग झूम उठते हैं। ज्ञात हो कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित सरस आजीविका मेला 2024 का आयोजन भारत मंडपम में 43वें विश्व व्यापार मेले में किया गया है। इस उत्सव में 31 राज्यों की 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, 150 से अधिक स्टॉलों पर अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन व बिक्री कर रही हैं। सरस आजीविका मेला भारत मंडपम के हॉल नंबर– 9 और 10 में लगाया गया है। सरस आजीविका मेला के दौरान द
फेडएक्स ने लघु व्यवसाय वाली महिलाओं और LGBTQIA+ उद्यमियों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण पहल की
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० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली : फेडरल एक्सप्रेस कॉरपोरेशन (फेडएक्स) ने यूनाइटेड वे मुंबई की "सक्षम" पहल के साथ जुड़कर एक जिम्मेदार कॉरपोरेट के रूप में अपनी भूमिका को और मजबूत किया है। कंपनी छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने में हर वर्ग के लोगों को समान अवसर देने के लिए सहयोग कर रही है। स्थानीय मानवीय साझेदार के सहयोग से, फेडएक्स भारत की विविध और गतिशील अर्थव्यवस्था में आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए अल्पसंख्यक उद्यमियों को संसाधन, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान कर रही है। वर्ष 2021 से सक्षम पहल, स्थानीय बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए सिलाई, खाद्य सेवाओं, और सौंदर्य सेवाओं जैसे विभिन्न क्षेत्रों में छोटे व्यवसाय मालिकों को विशेष रूप से तैयार की गई व्यावसायिक किट प्रदान कर रही है। ये किट लाभार्थियों को स्थायी कारोबार स्थापित करने में मदद करती हैं। 38%—जिनके पास पहले आय का कोई स्रोत नहीं था—अब उनकी औसत वार्षिक आय 61,176 रुपये है। सालाना 15,000 रुपये से कम कमाने वालों में से 19% की कमाई औसतन 66,782 रुपये तक बढ़ गई है। इस पहल ने LGBTQIA+ समुदाय के लिए गैर सरकारी संगठनों क
दिल्ली एनसीआर के बाजार में नंदिनी दूध और दही की बिक्री शुरू
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० आनंद चौधरी ० नई दिल्ली। चार दशक से कर्नाटक के ग्रामीण आर्थिक और सामाजिक विकास की आधारशिला रहा केएमएफ इस समय भारत में दूसरी सबसे बड़ी सहकारी डेयरी है। दूध खरीद और बिक्री के मामले में दक्षिण भारत में अग्रणी सहकारी डेयरी है। "हर दिन, केएमएफ 95 लाख लीटर दूध खरीदता है और उपभोक्ताओं से प्राप्त 80% धन सीधे किसानों को लौटा देता है। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) ने दिल्ली एनसीआर के बाजार में नंदिनी दूध और दही की अपनी प्रीमियम रेंज लॉन्च करने की घोषणा की । केएमएफ कर्नाटक में दूध उत्पादक सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था है। दूध और दही की रेंज लॉन्च करने का कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के साथ हुआ। इस मौके पर केएन राजन्ना सहकारिता मंत्री (कर्नाटक सरकार) के वेंकटेश पशुपालन मंत्री, एन चेलुवरायस्वामी कृषि मंत्री, सहित कई अन्य कैबिनेट मंत्री उपस्थित थे। इसके अलावा केएमएफ के चेयरमैन एलबीपी भीमा नाइक, मंड्या मिल्क यूनियन के चेयरमैन बी बोरेगौड़ा और केएमएफ व मंड्या मिल्क यूनियन के निदेशक मंडल तथा केएमएफ के प्रबंध निदेशक भी मौजूद थे। केएमए
एनटीपीसी ने IITF में ₹1.5 लाख में इको-हाउस ‘सुख’ का प्रदर्शन किया
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० नूरुद्दीन अंसारी ० नई दिल्ली : भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी,एनटीपीसी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF) 2024 में अपने नवीन पर्यावरण-अनुकूल और किफायती आवास समाधान, ‘सुख’ इको-हाउस का प्रदर्शन किया । यह इको-हाउस अपने निर्माण में थर्मल पावर प्लांटों से लगभग 80% राख और राख-आधारित उत्पादों का उपयोग करते हैं, जो ग्रामीण आवास के लिए एक नवीन दृष्टिकोण प्रदान करते हैं और कंपनी की पर्यावरण संरक्षण और शून्य-कार्बन उत्सर्जन के प्रति संकल्प को प्रदर्शित करते हैं। राख से बने इनोवेटिव इंटरलॉकिंग दीवार ब्लॉकों से निर्मित, इस इको-हाउस को किसी भी तरह की रेत, सीमेंट, स्टील या मोर्टार की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे लागत और निर्माण समय काफी कम हो जाता है। इन इको-हाउस में राख-आधारित निर्माण सामग्री के उपयोग से सीमेंट और प्राकृतिक समुच्चयों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, जिससे कम कार्बन उत्सर्जन और शीर्ष मिट्टी के कटाव की रोकथाम होती है। यह इको-हाउस, 30 वर्ग मीटर के दायरे में एक ड्राइंग रूम, बेडरूम, किचन और शौचालय के साथ, केवल 1,50,000 रुपये में 15-20 दिनों मे
मस्जिदों के प्रति अदालतों का रवैया हैरान करने वाला : दिल्ली मुस्लिम मजलिसे मुशावरत
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० संवाददाता द्वारा ० नई दिल्ली: दिल्ली मुस्लिम मजलिसे मुशावरत के अध्यक्ष डॉ. इदरीस क़ुरैशी ने कहा कि देश में 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के बावजूद अदालतों का बार-बार मस्जिदों के मामले में याचिकाएं स्वीकार करना और सर्वे का आदेश देना न केवल देश में नफरत को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अदालतों पर विश्वास को भी कमजोर कर रहा है। ऐसा होना चाहिए था कि अदालत ऐसी याचिका को स्वीकार ही न करती, क्योंकि बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद यह साफ हो चुका है कि 1947 के बाद जो भी मंदिर या मस्जिद हैं, वे वैसे ही रहेंगे, तो फिर सर्वे का क्या मतलब रह जाता है। अदालतों का यह कदम प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट की न केवल खुली उल्लंघन है, बल्कि देश की एक बड़ी आबादी के साथ सुनियोजित अन्याय भी है। डॉ. इदरीस क़ुरैशी ने कहा कि अदालतों का यह तरीका न केवल दो समुदायों के बीच नफरत बढ़ा रहा है, बल्कि देश को गृहयुद्ध की ओर धकेल रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को खुद-ब-खुद इस पर कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसी गाइडलाइन्स जारी करनी चाहिए जैसे कि बुलडोजर के मामले में की गई हैं। दिल्ली मुस्लिम मजलिसे मुशावरत के अध्यक्ष डॉ. इदरीस क़ुरैशी