23 से 26 जनवरी तक जोधपुर में होगा मेगा हस्तशिल्प प्रदर्शनी
जोधपुर | एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स हस्तशिल्प एक्सपो (आर्टिफैक्ट्स), जोधपुर-2025 का 23 से 26 जनवरी तक जोधपुर के ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर (टीएफसी), बोरानाडा में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन जोधपुर सहित देश के अन्य हिस्सों के निर्माताओं के उत्पादों का प्रदर्शन करेगा, जिससे भारतीय हस्तशिल्प विरासत का उत्सव मनाने के साथ-साथ व्यापार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। यह मेला बी2सी और बी2बी आयोजन होगा, जो मौके पर बिक्री को प्रोत्साहित करेगा और घरेलू वॉल्यूम खरीददारों को नए अवसर प्रदान करेगा। मेले में खुदरा खरीदारों के साथ-साथ होटल मालिकों, वास्तुकारों, डिजाइनरों, ई-टेलर्स और अन्य कई प्रमुख हस्तियों के आगमन की भी संभावना है।
इस आयोजन में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ विविध प्रकार के व्यंजन और खाद्य सामग्री भी उपलब्ध होंगी। अपनी कला, शिल्पकला, विरासत और पाककला के लिए प्रसिद्ध जोधपुर अब कलात्मक फर्नीचर और जातीय/पारंपरिक हस्तशिल्प का भी एक बड़ा केंद्र है और कलात्मक लकड़ी के फर्नीचर, जीवन शैली के सामान, सजावट, उपहार, धातु के सामान, लकड़ी के सामान आदि के अपने व्यापक-स्पेक्ट्रम रचनात्मक उत्पादों के साथ दुनिया के लगभग सभी देशों को निर्यात कर रहा है, जिससे यह आगंतुकों का पसंदीदा गंतव्य बन गया है।
इस अवसर पर ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा, "हस्तशिल्प एक्सपो (आर्टिफैक्ट्स), जोधपुर-2025 भारतीय हस्तशिल्पों को बढ़ावा देने के ईपीसीएच के मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है। जोधपुर अपनी अद्वितीय विरासत और बढ़ते आर्थिक अवसरों के कारण इस तरह की परिवर्तनकारी पहल के लिए एक आदर्श मेजबान है।" ईपीसीएच के महानिदेशक व प्रमुख सलाहकार डॉ. राकेश कुमार ने कहा, "चार दिवसीय यह आयोजन कारीगरों, निर्माताओं और आगंतुकों को सार्थक संवाद का एक मजबूत मंच प्रदान करेगा। बी2बी और बी2सी अवसरों को संयोजित करके यह एक्सपो प्रदर्शकों को अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने, अपने नेटवर्क को मजबूत करने और नए विपणन मार्ग तलाशने का अवसर देगा।"
ईपीसीएच के उपाध्यक्ष नीरज खन्ना ने कहा, "यह एक्सपो हस्तशिल्प क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ईपीसीएच की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। परंपरा और आधुनिक बाजार के अवसरों को जोड़कर कारीगरों को आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाया जाएगा।" ईपीसीएच के दूसरे उपाध्यक्ष सागर मेहता ने कहा, "इस मेले का सांस्कृतिक महत्व भी है। यह केवल एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि जोधपुर के कारीगरों की लगन और कलात्मकता का उत्सव है। यह आयोजन जोधपुर के हस्तशिल्प पारिस्थितिकी तंत्र और इसकी प्रतिष्ठा पर दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा।"
ईपीसीएच की प्रबंधन समिति के सदस्य हंसराज बाहेती ने कहा, "यह मेला निर्माताओं के लिए पहचान प्राप्त करने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। साथ ही यह जोधपुर की अनोखी हस्तशिल्प परंपराओं की मांग को पुनर्जीवित करेगा और भविष्य की पीढ़ियों की रुचि को संरक्षित करने में मदद करेगा।"ईपीसीएच के प्रमुख सदस्य निर्यातक निर्मल भंडारी ने कहा, "आर्टिफैक्ट्स 2025 में उपभोक्ताओं की भागीदारी से आगंतुकों को उच्च गुणवत्ता वाले हस्तनिर्मित उत्पाद खरीदने का अवसर मिलेगा। साथ ही प्रदर्शकों को उपभोक्ताओं की मांग को सीधे समझने और पूरा करने का अवसर मिलेगा।"
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने इस पहल के व्यापक उद्देश्यों पर कहा, "ईपीसीएच में हम हस्तशिल्प क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता पर निरंतर ध्यान केंद्रित करते हैं। हस्तशिल्प एक्सपो (आर्टिफैक्ट्स), जोधपुर-2025 इस दृष्टि को दर्शाता है जो जोधपुर की हस्तशिल्प परंपराओं को एक आधुनिक, सतत व्यापार मॉडल में एकीकृत करता है, जिससे सभी हितधारकों को लाभ होगा।" ईपीसीएच देश से हस्तशिल्पों के निर्यात को बढ़ावा देने और देश के विभिन्न शिल्प समूहों में होम, लाइफस्टाइल, टेक्सटाइल, फर्नीचर, और फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज उत्पादों को बनाने में लगे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड छवि बनाने की एक नोडल संस्थान है।
इस अवसर पर ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा, "हस्तशिल्प एक्सपो (आर्टिफैक्ट्स), जोधपुर-2025 भारतीय हस्तशिल्पों को बढ़ावा देने के ईपीसीएच के मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है। जोधपुर अपनी अद्वितीय विरासत और बढ़ते आर्थिक अवसरों के कारण इस तरह की परिवर्तनकारी पहल के लिए एक आदर्श मेजबान है।" ईपीसीएच के महानिदेशक व प्रमुख सलाहकार डॉ. राकेश कुमार ने कहा, "चार दिवसीय यह आयोजन कारीगरों, निर्माताओं और आगंतुकों को सार्थक संवाद का एक मजबूत मंच प्रदान करेगा। बी2बी और बी2सी अवसरों को संयोजित करके यह एक्सपो प्रदर्शकों को अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने, अपने नेटवर्क को मजबूत करने और नए विपणन मार्ग तलाशने का अवसर देगा।"
ईपीसीएच के उपाध्यक्ष नीरज खन्ना ने कहा, "यह एक्सपो हस्तशिल्प क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ईपीसीएच की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। परंपरा और आधुनिक बाजार के अवसरों को जोड़कर कारीगरों को आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाया जाएगा।" ईपीसीएच के दूसरे उपाध्यक्ष सागर मेहता ने कहा, "इस मेले का सांस्कृतिक महत्व भी है। यह केवल एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि जोधपुर के कारीगरों की लगन और कलात्मकता का उत्सव है। यह आयोजन जोधपुर के हस्तशिल्प पारिस्थितिकी तंत्र और इसकी प्रतिष्ठा पर दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा।"
ईपीसीएच की प्रबंधन समिति के सदस्य हंसराज बाहेती ने कहा, "यह मेला निर्माताओं के लिए पहचान प्राप्त करने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। साथ ही यह जोधपुर की अनोखी हस्तशिल्प परंपराओं की मांग को पुनर्जीवित करेगा और भविष्य की पीढ़ियों की रुचि को संरक्षित करने में मदद करेगा।"ईपीसीएच के प्रमुख सदस्य निर्यातक निर्मल भंडारी ने कहा, "आर्टिफैक्ट्स 2025 में उपभोक्ताओं की भागीदारी से आगंतुकों को उच्च गुणवत्ता वाले हस्तनिर्मित उत्पाद खरीदने का अवसर मिलेगा। साथ ही प्रदर्शकों को उपभोक्ताओं की मांग को सीधे समझने और पूरा करने का अवसर मिलेगा।"
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने इस पहल के व्यापक उद्देश्यों पर कहा, "ईपीसीएच में हम हस्तशिल्प क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता पर निरंतर ध्यान केंद्रित करते हैं। हस्तशिल्प एक्सपो (आर्टिफैक्ट्स), जोधपुर-2025 इस दृष्टि को दर्शाता है जो जोधपुर की हस्तशिल्प परंपराओं को एक आधुनिक, सतत व्यापार मॉडल में एकीकृत करता है, जिससे सभी हितधारकों को लाभ होगा।" ईपीसीएच देश से हस्तशिल्पों के निर्यात को बढ़ावा देने और देश के विभिन्न शिल्प समूहों में होम, लाइफस्टाइल, टेक्सटाइल, फर्नीचर, और फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज उत्पादों को बनाने में लगे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड छवि बनाने की एक नोडल संस्थान है।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने बताया कि साल 2023-24 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 32,759 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 9.13% और डॉलर के संदर्भ में 6.11% की वृद्धि को हुई और साल 2023-24 में जोधपुर से वुडवेयर का निर्यात 8038.17 करोड़ रुपये का है जो कुल हस्तशिल्प निर्यात का 28.19% है।
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