नए साल के पहले दिन हुआ " समाजवादी मिलन समारोह "
० आशा पटेल ०
नई दिल्ली | गत 5 दशकों से लगातार आयोजित होते आ रहे उत्सव को परम्परा अनुसार "समाजवादी समागम" के तत्वावधान में मनाया गया.|."इस परम्परा के जनक हिन्द मजदूर सभा के पूर्व महासचिव एवं समाजवादी आंदोलन के नेता स्व० बृजमोहन तूफ़ान" थे..उत्सव की श्रृंखला को आज भी "हिन्द मजदूर सभा के वर्तमान महासचिव कॉमरेड सरदार हरभजन सिंह सिद्दू जारी रखे हुए है..जिसकी अध्यक्षता सदैव पूर्व विधायक व दिल्ली सदन के पूर्व नेता, वरिष्ठ समाजवादी प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन की रही | वहीँ कार्यक्रम का संचालन डॉ० अनिल ठाकुर ने संभाला.|.कार्यक्रम के प्रबंधन की जिम्मेदारी पूर्व पार्षद राकेश कुमार की रही..|
हिन्द मजदूर सभा के महेंद्र शर्मा , पूर्व विधायक प्रो० हरीश खन्ना , विजय प्रताप , रमेश , मंजू मोहन , पार्षद किरणबाला , कुमारी रीता , राधारानी , तिब्बत आंदोलन के नेता आचार्य यशी पन्टोक , शशिभूषण (धोबी) ,डॉ० अरमान अंसारी , सुशील खन्ना ने भी अपने अपने विचार रखे. कॉमरेड हरभजन सिंह सिद्दू ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सभी सरकारी और पी.एस.यू संस्थानों को बेचकर नौकरियों के अवसर ध्वस्त कर डाले, जिसके कारण बेरोजगारी में युवाओं का भविष्य संकट में आ गया है | वहीँ नेशनल मिनिमम-वेज पर अपनी चिंता को व्यक्त कर विस्तार से सभी साथियों को समझाया.|
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रो. राजकुमार जैन ने कहा कि खून का रिश्ता तो फिर भी किसी न किसी बहाने टूट जाता है लेकिन विचार का रिश्ता सदैव अटूट रहता है| यही रिश्ता ही तो है की 1948 में हम सब के नेता लोकनायक जय प्रकाश नारायण ने हिन्द मजदूर सभा को बनाया था..जिसकी आज एक करोड़ की मेंबरशिप हो चुकी है जिसका श्रेय कॉमरेड हरभजन सिंह सिद्दू को जाता है.|.प्रो. राजकुमार जैन ने समाजवाद क्या है पर वक्तव्य दिया | उन्होंने कहा समता, समानता , बराबरी का सिद्धांत ही समाजवाद की परिभाषा है..|एक तरफ अम्बानी की पत्नी डेढ़ सो करोड़ का हार पहनकर बेशर्मी दिखाती है
कार्यक्रम में महिलाओं और युवाओं की उपस्थिति सराहनीय रही. कांता देवी , विमलेश जाटव, कु० आरती कश्यप , राजकुमार कनौजिया , चमन लाल नागर , विजय गौतम , एडवोकेट एस एस नेहरा , मो. शहीद गंगोई , एम.एल चंचल , वीरू धोबी , नन्द कुमार , पी.सी बैठा आदि उपस्थित हुए.|
नई दिल्ली | गत 5 दशकों से लगातार आयोजित होते आ रहे उत्सव को परम्परा अनुसार "समाजवादी समागम" के तत्वावधान में मनाया गया.|."इस परम्परा के जनक हिन्द मजदूर सभा के पूर्व महासचिव एवं समाजवादी आंदोलन के नेता स्व० बृजमोहन तूफ़ान" थे..उत्सव की श्रृंखला को आज भी "हिन्द मजदूर सभा के वर्तमान महासचिव कॉमरेड सरदार हरभजन सिंह सिद्दू जारी रखे हुए है..जिसकी अध्यक्षता सदैव पूर्व विधायक व दिल्ली सदन के पूर्व नेता, वरिष्ठ समाजवादी प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन की रही | वहीँ कार्यक्रम का संचालन डॉ० अनिल ठाकुर ने संभाला.|.कार्यक्रम के प्रबंधन की जिम्मेदारी पूर्व पार्षद राकेश कुमार की रही..|
सभी वक्ताओं ने अपने अपने विचार आज की बिगड़ी हुई राजनीतिक-सामाजिक हालातों पर रखे मजदूर, किसान, दस्तकार, लघु उद्यमी, दलित, पिछड़े, शोषित, उपेक्षित, वंचित, महिला, युवा, छात्रों सहित संगठन की मजबूती और सदस्यता अभियान और भविष्य के कार्यक्रमों पर सभी के सुझाब सराहनीय रहे.|.प्रो. अजीत झा ने संगठन के नव-स्वरुप पर व कार्यक्रमों पर बल दिया,..पूर्व पार्षद राकेश कुमार ने दिल्ली में सभी दलों द्वारा लोकलुभावन घोषणाओं को रेबड़ी बांटने के समान कहते हुए विरोध किया. अरुण श्रीवास्तव ने चुनावों में चुनाव आयोग द्वारा खर्चे की राशि को अत्यधिक बताकर लोकतंत्र में गरीब और योग्य उम्मीदवारों का मजाक बनवाने पर बल दिया.|
संजय कनौजिया ने अपने सम्बोधन में देश के कई अन्य राज्यों में समाजवादी विचारधारा की विलुप्ति पर चिंता प्रकट करते हुए संगठन की मजबूती और सदस्यता अभियान को शुरु करने पर बल दिया और कहा की एक साधारण कार्यकर्ता सदस्यता अभियान की अधिकतम कॉपियों में सदस्य बनवाकर सक्रिय कार्यकर्ता होता है, तो एक साधारण कार्यकर्ता अपने कार्यक्रमों के आधार पर भी सक्रिय कार्यकर्ता होता है.|.कॉपियों के शुल्क और कार्यक्रमों के अंक भी, पूँजी समान होते है..हमें समाजवाद को बचाने की चुनौती ही नहीं मिली बल्कि देशभर में कैसे समाजवाद को धरातल पर मजबूत किया जाए उसके बारे में सोचने की जरुरत है.| श्याम गंभीर ने भी अपने वक्तव्यों में वर्ष 2024 के समागम के आयोजित कार्यक्रमों को क्रमबद्ध रखा.|
हिन्द मजदूर सभा के महेंद्र शर्मा , पूर्व विधायक प्रो० हरीश खन्ना , विजय प्रताप , रमेश , मंजू मोहन , पार्षद किरणबाला , कुमारी रीता , राधारानी , तिब्बत आंदोलन के नेता आचार्य यशी पन्टोक , शशिभूषण (धोबी) ,डॉ० अरमान अंसारी , सुशील खन्ना ने भी अपने अपने विचार रखे. कॉमरेड हरभजन सिंह सिद्दू ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सभी सरकारी और पी.एस.यू संस्थानों को बेचकर नौकरियों के अवसर ध्वस्त कर डाले, जिसके कारण बेरोजगारी में युवाओं का भविष्य संकट में आ गया है | वहीँ नेशनल मिनिमम-वेज पर अपनी चिंता को व्यक्त कर विस्तार से सभी साथियों को समझाया.|
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रो. राजकुमार जैन ने कहा कि खून का रिश्ता तो फिर भी किसी न किसी बहाने टूट जाता है लेकिन विचार का रिश्ता सदैव अटूट रहता है| यही रिश्ता ही तो है की 1948 में हम सब के नेता लोकनायक जय प्रकाश नारायण ने हिन्द मजदूर सभा को बनाया था..जिसकी आज एक करोड़ की मेंबरशिप हो चुकी है जिसका श्रेय कॉमरेड हरभजन सिंह सिद्दू को जाता है.|.प्रो. राजकुमार जैन ने समाजवाद क्या है पर वक्तव्य दिया | उन्होंने कहा समता, समानता , बराबरी का सिद्धांत ही समाजवाद की परिभाषा है..|एक तरफ अम्बानी की पत्नी डेढ़ सो करोड़ का हार पहनकर बेशर्मी दिखाती है
वही हमारी गरीब महिलाओं को पहनने के लिए धोती भी नसीब नहीं होती| समाजवाद का यही सिद्धांत है कि वह गरीब नारी भी अम्बानी की पत्नी की तरह हार पहनने की स्थिति में आये ,वही समानता होगी उसी को समाजवाद कहा जाता है .|.समाजवाद हर मजहब-जाति में भी बराबरी चाहता है.|.आज से 60 वर्ष पूर्व हमारे समाजवादी परिवार के मुखिया स्व० राजनारायण, जो जाति से भूमिहार थे, लेकिन उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में दलितों का प्रवेश निषिद्ध था ,उन्होंने अपने दलित लोगो को लेकर संघर्ष किया और कहा की मंदिर में सभी जायेगें तभी समानता आएगी..प्रो. जैन साहब ने धर्म के प्रति केंद्र सरकार के उन्माद की कड़ी आलोचना करते हुए मोदी सरकार को ललकारा..!
कार्यक्रम में महिलाओं और युवाओं की उपस्थिति सराहनीय रही. कांता देवी , विमलेश जाटव, कु० आरती कश्यप , राजकुमार कनौजिया , चमन लाल नागर , विजय गौतम , एडवोकेट एस एस नेहरा , मो. शहीद गंगोई , एम.एल चंचल , वीरू धोबी , नन्द कुमार , पी.सी बैठा आदि उपस्थित हुए.|
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