आरसीडीएफ को मिली राष्ट्रीय पहचान,भरतपुर,नाथद्वारा,बांसवाड़ा को नए साल पर तोहफ़ा

० आशा पटेल ० 
जयपुर। नाथद्वारा जिले में 48 करोड़ रुपये और बांसवाड़ा जिले में 31 करोड़ रुपये की लागत से 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता के नवीन दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना का कार्य पूर्ण हो जायेगा और मार्च, 2025 के अन्त तक इनका लोकार्पण भी हो जायेगा। इससे जनजाति बाहुल्य जिलों के लाखों दुग्ध उत्पादकों के साथ-साथ आम उपभोक्ता भी लाभान्वित होंगे। भरतपुर में भी 45 करोड़ रु की लागत से 50 हजार
ली. प्रतिदिन क्षमता का नया डेयरी प्लान्ट लगेगा
राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज ने बताया कि साल 2025 में ही कोटा जिले में 150 मैट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का नवीन पशु आहार संयंत्र और पाली में 30 मैट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का नवीन अत्याधुनिक पाउडर प्लान्ट लगाया जायेगा। भीलवाड़ा जिले में 65 करोड़ रुपये की लागत से नवीन यूएचटी प्लान्ट की स्थापना की जायेगी जिससे दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों को लम्बी अवधि तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा में 150 मैट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के नवीन अत्याधुनिक बाईपास प्रोटीन संयंत्र की स्थापना भी वर्ष 2025 में ही पूरी कर ली जावेगी। वर्ष 2025 में ही बीकानेर में चीज के उत्पादन के लिये नवीन चीज प्लान्ट की स्थापना भी पूरी कर ली जावेगी। साल के अन्त तक जयपुर, जोधपुर, अलवर, उदयपुर और गंगानगर के दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों के विस्तारीकरण और आरसीडीएफ द्वारा वर्तमान में संचालित पशु आहार संयंत्रों की क्षमता के विस्तार करने की भी योजना है।

फैडरेशन की प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज ने बताया कि आरसीडीएफ द्वारा पिछले तीन माह में किये गये नवाचारों को आशातीत सफलता मिली है। इन नवाचारों में सरस घी के लिये क्यूआर कोड, सरस अमृतम अभियान, एक जिला एक उत्पाद के अन्तर्गत राज्यभर में सरस मिठाईयों की बिक्री और सरस स्व-रोजगार योजना 2024 शामिल हैं। आरसीडीएफ द्वारा सरस घी की बिक्री में पिछले केवल तीन माह में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में आरसीडीएफ एवं सम्बद्ध जिला दुग्ध संघों द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक वित्तीय लाभ अर्जित किया है।

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