केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने आकाशवाणी और दूरदर्शन द्वारा निर्मित महाकुंभ गीतों को लॉन्च किया
नई दिल्ली। प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के लिए दूरदर्शन द्वारा निर्मित एवं कैलाश खैर की आवाज में थीम गीत " महाकुंभ है " को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री द्वारा लॉन्च किया गया। पद्मश्री कैलाश खेर द्वारा गाया गया यह गीत भक्ति, उत्सव और प्रतिष्ठित महाकुंभ की जीवंत सांस्कृतिक भावना को दर्शाता है। लेखक आलोक श्रीवास्तव द्वारा लिखे गए इस गीत के बोल और क्षितिज तारे द्वारा रचित और संगीतबद्ध किया गया यह गीत, महाकुंभ की पहचान कराने वाली आस्था, परंपरा और उत्सव के संगम को खूबसूरती से दर्शाता है। पारंपरिक धुनों और आधुनिक व्यवस्थाओं का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण, "महाकुंभ है" भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और महाकुंभ मेले के कालातीत महत्व के प्रति एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि है।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ को समर्पित आकाशवाणी की एक विशेष रचना का भी लोकार्पण किया। यह अनूठा गीत संगीत और गीतात्मक प्रस्तुति के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण के माध्यम से महाकुंभ के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को दर्शाता है। यह गीत प्रयागराज में पवित्र त्रिवेणी संगम पर आयोजित होने वाले महाकुंभ की भव्यता को समर्पित है। एक भक्त के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह संगीतमय कृति विश्व प्रसिद्ध समागम का सार दर्शाती है। महाकुंभ का आगमन प्रयागराज की धरती के लिए गौरव का क्षण है, जो लाखों भक्तों के जयकारों से गूंजता है।
संतोष नाहर और रतन प्रसन्ना के संगीत के साथ रतन प्रसन्ना की भावपूर्ण आवाज़ ने इस गाने को जीवंत कर दिया है। अभिनय श्रीवास्तव द्वारा लिखे गए प्रेरक बोल, आध्यात्मिक और दिव्य संबंध को खूबसूरती से पिरोते हैं। त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने के पवित्र कृत्य को इस गीत में एक पवित्र अनुष्ठान के रूप में मनाया गया है, जो सदियों से आध्यात्मिक तृप्ति प्रदान करता है। आकाशवाणी द्वारा यह मधुर श्रद्धांजलि महाकुंभ की कालातीत परंपराओं और पवित्रता का सम्मान करती है, तथा श्रोताओं में भक्ति और गर्व की भावना को बढ़ावा देती है।
संतोष नाहर और रतन प्रसन्ना के संगीत के साथ रतन प्रसन्ना की भावपूर्ण आवाज़ ने इस गाने को जीवंत कर दिया है। अभिनय श्रीवास्तव द्वारा लिखे गए प्रेरक बोल, आध्यात्मिक और दिव्य संबंध को खूबसूरती से पिरोते हैं। त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने के पवित्र कृत्य को इस गीत में एक पवित्र अनुष्ठान के रूप में मनाया गया है, जो सदियों से आध्यात्मिक तृप्ति प्रदान करता है। आकाशवाणी द्वारा यह मधुर श्रद्धांजलि महाकुंभ की कालातीत परंपराओं और पवित्रता का सम्मान करती है, तथा श्रोताओं में भक्ति और गर्व की भावना को बढ़ावा देती है।
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