ऊंट उत्सव प्रदेश की जीवंत विरासत और सांस्कृतिक धरोहर का जश्न -विजयपाल सिंह
० आशा पटेल ० जयपुर । बीकानेर ऊंट उत्सव का आयोजन 10 से 12 जनवरी तक किया जाएगा। इस फेस्टिवल के दौरान देशी व विदेशी पर्यटकों को राजस्थानी परम्परा, संस्कृति और रोमांच का खासा अनुभव होगा। पर्यटन विभाग के आयुक्त विजयपाल सिंह के अनुसार यह केवल ऊंट उत्सव नहीं है वरन यह राजस्थान की जीवंत विरासत और सांस्कृतिक धरोहर का जश्न है। यह ऊंट महोत्सव आवण री मनुहार के साथ शुरू होता है और प्रदेश के राज्यपशु ऊंट के सामाजिक. सांस्कृतिक व आर्थिक जीवन के महत्व को दर्शाने का सशक्त माध्यम भी है। यहां रेत के धोरों का रोमांच का अनुभव पर्यटकों को राजस्थान की आत्मा से जोड़ता है। उपनिदेशक बीकानेर अनिल राठौड़ के अनुसार महोत्सव का पहला कदम है “आवण री मनुहार”, जिसमें पारंपरिक रूप से पीले चावल बांटकर बीकानेर के निवासियों को आमंत्रित किया जाता है। यह रस्म 2 जनवरी से लक्ष्मीनाथ मंदिर से शुरू होगी और शहर में पीले चावल वितरित किए जाएंगे। यह सांस्कृतिक निमंत्रण बीकानेर की प्राचीन परंपराओं को जीवंत करता है। 10 जनवरी को महोत्सव की शुरुआत “हमारी विरासत” हेरिटेज वॉक से होगी। यह वॉक लक्ष्मीनाथ मंदिर से शुरू होकर रामपुरिय...