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भारत में लॉन्च होगी ऐरो इन-फ्लाइट कम्युनिकेशन सर्विस

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नयी दिल्ली   : टाटा उद्यम और वीसैट सुविधाएं प्रदान करने वाली भारत की अग्रणी कंपनी नेल्को ने भारत में ऐरो इन-फ्लाइट कम्युनिकेशन (आईएफसी) सेवाओं की शुरूआत की जाने की घोषणा की। देश में यह सेवा मुहैया करने वाली नेल्को पहली भारतीय कंपनी है। नेल्को ने उठाए हुए इस महत्वपूर्ण कदम से भारतीय आसमानों में एयरक्राफ्ट्स में वाईफाई के नए युग का प्रारंभ हुआ है। इन सेवाओं के लिए नेल्को ने पैनासोनिक एवियोनिक्स कॉर्पोरेशन के साथ साझेदारी की है।  इन सेवाओं के शुरू होने से अब भारत के ऊपर उड़ान भर रहे अंतर्राष्ट्रीय एयरक्राफ्ट्स  और देशीय एयरलाइन्स अपने यात्रियों को उड़ान के दौरान ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं प्रदान कर पाएंगे। ऐरो आईएफसी सेवाएं एयरलाइन यात्रियों के लिए आसमानों में उड़ान भरते हुए भी घर या कार्यालय में होने के अनुभव को सहज बनाएगी। साथ ही यह सेवाएं एयरलाइन्स को यात्रियों के लिए अनुभवों को और बेहतर बनाकर यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करने , ऑनबोर्ड रेवेन्यू के अतिरिक्त स्त्रोत प्राप्त करने और फ्लाइट ऑपरेशंस को अनुकूल बनाने और स्वयं को दूसरी कंपनियों से बेहतर बनाने के अवसर देती हैं। विस्तारा ने भी ऐरो आ

केजरीवाल का बीजेपी प्यार क्या दिल्ली की दशा और दिशा बदलने में एक नया कदम है ?

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का बीजेपी प्यार क्या दिल्ली की दशा और दिशा बदलने में एक नया कदम है।  आज तक के सारे उल्टे सीधे विवादों को ताक पर रख कर प्रधानमंत्री का आशीर्वाद और शाह से मुलाकात कर लगता है कि केजरीवाल "बुद्धम शरणं गच्छामि, धरमं शरणं गच्छामि" की उक्ति का प्रयोग करने जा रहे हैं। अच्छा भी है ताल में रहना ,मगर से क्या बैर करना। भविष्य की समस्त योजनाओं का प्रारूप और उनकी जिम्मेदारी केंद्र तथा उपराज्यपाल महोदय की  स्वीकृति के अभाव में नहीं सम्पन्न हो सकती है। विकास की प्रगति में विगत बर्षो यदि कोई अवरोध सामने आते रहे हैं अथवा गिने जाते रहे तो इसी ताल मेल का अभाव रहा है। केजरीवाल जी जिस हटधर्मी से शासन करने का काम कर रहे थे, वह अन्ना जी के मंच का प्रभाव मात्र माना जा सकता है वह राजनीति की अल्पावस्था माना जा सकता है। अब ऐसा लगता है केजरीवाल जी राजनीति की डोर पकड़ने लगे हैं। देखना होगा वे प्रधानमंत्री जी तथा गृहमंत्री मंत्री जी के स्नेहाशीर्वाद पाने में कितने सक्षम होते हैं। विनयशीलता शत्रु को भी बस में करने में समर्थ मानी गई है।अब मन भेद और मत भेद में कितनी असमा

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस : सभी लोगों,समुदायों,क्षेत्र व देशों की मातृभाषा को संरक्षण प्रदान करने के लिए

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लाल बिहारी लाल यूनेस्को ने 17 नवंबर 1999 को  अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस  मनाए जाने की घोषणा की थी क्योंकि  21 फरवरी 1952 को ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति का कड़ा विरोध जताते हुए अपनी मातृभाषा (बंगाली भाषा) के अस्तित्व बनाए रखने के लिए  आंदोलन शुरु किया। पाकिस्तान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी लेकिन लगातार विरोध जारी रहा आखिर सरकार को बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा देना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दुनिया में बोली जाने वाली कुल भाषाएं लगभग 6900 से  उपर  है। इनमें से 90 फीसद भाषाएं बोलने वालों की संख्या एक लाख से कम है यानी विलुप्ती के  कगार पर  है । दुनिया की कुल आबादी में तकरीबन 60 फीसद लोग 30 प्रमुख भाषाएं बोलते हैं, जिनमें से दस सर्वाधिक बोले जानी वाली भाषाओं में-जापानी, अंग्रेजी, रूसी, बांग्ला, पुर्तगाली, अरबी, पंजाबी, मंदारिन, हिंदी और स्पैनिश है। भारत में 29  भाषाएँ ऐसी है  उनको  बोलने वालों  की  संख्या दस  लाख से अधिक है। भारत  में 7 ऐसी  भाषाएँ  है जिनको  बोलने वालों  की संख्या

PM Modi ने हुनर हाट में लिया लिट्टी चोखा का स्वाद

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बनारसी साड़ी निर्माता अज़ीज़ुल हक़ ने कहा सरकार.

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राजस्थानी फुट वेयर के साथ मो०आसिफ़

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हुनर हाट में दूर दराज में काम कर रहे दस्तकारों को भी अवसर दें

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