कान्हा तेरी प्रीत मेंं
सुषमा भंडारी कान्हा तेरी प्रीत मेंं डूबी ऐसी कन्हाई तेरी प्रीत में खूबी ऐसी बिसर गई खुद से संवर गई खुद से ओ मेरे घनश्याम---- तू ही मेरा गहना भोले भाले हां तुझ संग रहना तू सम्भाले ओ मेरे घनश्याम ----- नैनों में तू ही है बिहारी हाँ देखे दुनिया देखे सारी ओ मेरे घनश्याम ------ तुम स्ंग गाउँ प्रीत के गाने आई हूं तुझ से रीत निभाने ओ मेरे घनश्याम------ कोई न दूजा तुमसा दीखे कह रहे नैना भीजे भीजे ओ मेरे घनश्याम --- मैं तुझमें तू मुझमें दीखे मोर पंख हैँ सौत सरीखे ==================== चाँद सा मुखडा देख के तेरा शरमाउँ घबराउँ उज्ज्वल- उज्ज्वल है जग तुझसे सब को मैं समझाऊँ 1) कभी त्रिपुरारी कभी तू बिहारी और कभी सुन्दर- नारी माटी के कण-कण में नीहित गोवर्धन बनवारी ऐसी बांकी छवि देख कर वारी वारी जाउँ शरमाउँ घबराउँ ------- 2) कभी बन जाउँ तेरी मुरलिया कभी गैया क...