भारत की एकता व अखंडता को अक्षुण्ण बनाने हेतु आडवानी का महत्वपूर्ण योगदान : स्वामी चिदानन्द सरस्वती
० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवानी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़े जाने पर उन्हें बधाई दी और रूद्राक्ष की माला, रूद्राक्ष का पौधा एवं अंगवस्त्र देकर उनका अभिनन्दन किया। साथ ही उनकी बेटी प्रतिभा को आडवानी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने तथा हर श्वास पिता के स्वास्थ एवं सेवा को समर्पित करने वाली को भी आशीर्वाद दिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आडवानी ने कठिन से कठिन परिस्थितियों में पार्टी को ही नहीं बल्कि प्रजा और प्रजातंत्र को भी अपनी बुद्धिमानी से सहेज कर रखा और राष्ट्र भक्ति के संदेश को आगे बढ़ाया। मुझे याद है जब आडवानी परमार्थ निकेतन में आकर अपनी पुस्तक को अन्तिम स्वरूप प्रदान कर रहे थे, तब बड़ी ही निष्ठा के साथ उन्होंने इदम राष्ट्राय इदम-न-मम के भाव से किताब को पूर्ण किया। उन्होंने कहा कि पूरा जीवन अपने राष्ट्र के लिये ही समर्पित है। वे राष्ट्रनीति के अद्भुत पुरोधा हैं, उन्होंने जो पल जिया वह राष्ट्र के लिये ही जिया। अक्सर ही उनका परमार्थ निक