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ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत दिल्ली चैप्टर के नए पदाधिकारियों का चुनाव

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत दिल्ली चैप्टर की एक बैठक दिल्ली के अबुल फज़ल एन्क्लेव में संपन्न हुई, जिसमें नई कार्यकारिणी का चुनाव किया गया। इस चुनाव में सैयद मोहम्मद नुरुल्लाह को अध्यक्ष, डॉ. एम. रहमतुल्लाह को उपाध्यक्ष, और डॉ. मोहम्मद अली जौहर को महासचिव के पद के लिए निर्वाचित किया गया। इनके अलावा, मोहम्मद तैयब को वर्किंग जनरल सेक्रेटरी, एडवोकेट सरफराज हुसैन को सचिव और मोहम्मद मारूफ को कोषाध्यक्ष चुना गया है। कार्यकारिणी में यासीन राणा, सरदार अहमद गिलानी, डॉ. सैयद शादाब हुसैन, अतीक अहमद, सैयद मसूद अहमद, शाहीन कौसर, प्रोफेसर अब्दुल क्यूम अंसारी, वकार उल हक, अतीकुर रहमान सिद्दीकी, मोहम्मद ताहिर, मोहम्मद सरफराज आलम, अतीक अहमद, मुजम्मिल हुसैन, सैयद इशरत हुसैन, और मोहतरमा तनवीर जहां को भी चुना गया। ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत (रजिस्टर्ड) के अध्यक्ष डॉ. ज़फ़रुल इस्लाम ख़ान ने नए पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली चैप्टर का नया नेतृत्व मुस्लिम समुदाय के मुद्दों, खासकर औकाफ़ की समस्याओं, को गंभीरता से उठाएगा। उन्होंने सरकार द्वारा वक्फ संशोधन बि

सुदर्शन केमिकल ने ह्यूबैक ग्रुप के अधिग्रहण के लिए किया समझौता

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० संवाददाता द्वारा ०  मुंबई, सुदर्शन केमिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड ("एससीआईएल" या "कंपनी") ने घोषणा की है कि उसने एक परिसंपत्ति और शेयर सौदे के संयोजन में अधिग्रहण पर जर्मनी स्थित ह्यूबैक समूह के साथ एक निर्णायक समझौता किया है। इस रणनीतिक अधिग्रहण से एक वैश्विक पिगमेंट कंपनी बनेगी, जो एससीआईएल के परिचालन और विशेषज्ञता को ह्यूबैक की तकनीकी क्षमताओं के साथ जोड़ेगी। अधिग्रहण के बाद, संयुक्त कंपनी के पास उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का एक व्यापक पिगमेंट पोर्टफोलियो होगा और यूरोप और अमेरिका सहित प्रमुख बाजारों में इसकी मजबूत उपस्थिति होगी। यह एससीआईएल के उत्पाद पोर्टफोलियो को बढ़ाएगा, जिससे इसे ग्राहकों तक पहुंच मिलेगी और वैश्विक स्तर पर 19 साइटों पर एक विविध परिसंपत्ति पदचिह्न मिलेगा। संयुक्त कंपनी का नेतृत्व श्री राजेश राठी और उच्च प्रदर्शन करने वाली प्रबंधन टीम द्वारा किया जाएगा, जिसमें गुणवत्ता निष्पादन कौशल और तकनीकी योग्यता होगी। ह्यूबैक समूह का 200 साल का इतिहास है और 2022 में क्लेरिएंट के साथ एकीकरण के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पिगमेंट समूह बन गया। ह्यूबैक का व

एक्सपो ग्रेटर नोएडा में,राज्य के 6 हजार निर्यातक करेगें प्रदर्शन

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० आशा पटेल ०  जयपुर | एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडी-क्राफ्ट्स (ईपीसीएच) की ओर से 16 से 20 अक्टूबर तक ग्रेटर नोएडा में एक्सपो मार्ट आयोजित किया जाएगा। इस एक्सपो में राजस्थान से लगभग 600 निर्यातक अपने उत्पादों का प्रदर्शन करते हैं। पूरे देश में राजस्थान के हस्तशिल्प वह चाहे कपड़े हों, वुडन वर्क हो, आरी तारी वर्क हो, ग्लास वर्क हो, मार्बल की कलाकृतियां हों, मैटल वर्क का सामान हो हर प्रकार के हस्त शिल्प में पूरी दुनियां में अपनी धाक जमा रखी है। ईपीसीएच के चेयरमैन दिलीप बैद ने बताया कि फेयर में लगभग तीन हजार विदेशी ग्राहकों के आने की संभावना है। इस एक्सपो मार्ट की आयोजन समिति के प्रेसिडेंट का जिम्मा भी जयपुर के ही प्रमुख निर्यातक गिरीश अग्रवाल को दिया गया है। अग्रवाल ने बताया कि इस बार इस फेयर को एक नए अंदाज में प्रस्तुत किया जा रहा है जो विदेशी ग्राहकों को अपनी पसंद के उत्पाद चुनने में सहूलियत देगा।

विश्व मोहन भट्ट को ‘ नौलखा सृजन लाइफ टाइम अचीवमेंट’ अवार्ड

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० आशा पटेल ०  जयपुर। बॉलीवुड और शास्त्रीय संगीत जगत के नामी सितारे नितिन मुकेश और मोहनवीणा वादक पं. विश्व मोहन भट्ट ने जयपुर केे बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में सुर, लय और ताल के साथ साथ भावों का भी अनूठा मंजर रचकर मौजूद सैकड़ों लोगों को अपना मुरीद बना लिया। नितिन मुकेश ने एक ओर जहां उनके और उनके पिता स्व. मुकेश के गाए सुपर हिट गीतों से संगीत प्रेमियों को अपना मुरीद बना लिया वहीं पं. विश्व मोहन भट्ट ने मोहनवीणा की मीठी तान ने लोगों को सात सुरों के समंदर में जमकर गोते लगवाई। सुरों की इस महफिल में युवा इशिता पारख ने भी अपनी सांगीतिक प्रतिभा के बेहतरीन प्रदर्शन से श्रोताओं की खूब दाद बटोरी। सृजन दी स्पार्क संस्था के बैनर पर आयोजित इस कार्यक्रम के प्रति लोगों की दिलचस्पी का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके चहेते समय से काफी पहले ही कार्यक्रम स्थल पर आ डटे और तीन घंटे तक सभी प्रस्तुतियों का जमकर लुत्फ उठाया। सृजन दी स्पार्क के संस्थापक और चीफ पैटर्न प्रसन्न खमेसरा, संस्थापक चेयरमैन राजेश नवलखा, संस्थापक प्रेसीडेंट सुरेश ढढ्ढा, सेक्रेट्री राजीव नागोरी ने गायक नितिन मुकेश और

रणवीर सिंह ब्लूम बाय बोल्ड केयर के साथ महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करने को तैयार

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली : बोल्ड केयर अपने Take Bold Care Of Her कैम्पेन के साथ 25 लाख से अधिक पुरुषों को सेवा देने के बाद ब्रांड अब ब्लूम बाय बोल्ड केयर के साथ महिलाओं के वेलनेस को नई परिभाषा देने को तैयार है। पॉवर हाउस रणवीर सिंह इसके को-फाउंडर है और वह इसकी हर गतिविधि से करीब से जुड़े हैं। ब्लूम बाय बोल्ड केयर महिलाओं के जीवन के विभिन्न चरणों में आने वाली विशेष स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान उपलब्ध करने के लक्ष्य के साथ रिसर्च-बेस्ड सॉल्युशन उपलब्ध कराता है।  इसमें सेक्सुअल हेल्थ, हाइजिन, पीरियड केयर (मासिक धर्म देखभाल) शामिल है। इसके जरिये स्टार्टअप की कोशिश महिलाओं से जुड़े मुद्दों के बेहतर प्रबंधन में मदद करने की है। ब्लूम बाय बोल्ड केयर का लक्ष्य महिलाओं के सामने कई बरसों से आ रही चुनौतियों को जड़ से दूर करना है- फिर चाहे वह पेट की समस्या हो, सेक्सुअल हेल्थ हो, मेनोपॉज या पोषण की कमी की समस्या क्यों न हो? स्टार्टअप की कोशिश प्राकृतिक सामग्री और एफिकेसी-फर्स्ट अप्रौच के साथ प्रोडक्ट बनाने की है ताकि यह ब्रांड महिलाओं को उनकी अंतरंग आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने, अंतरंग संबंधों मे

सैफ़ी समाज के युवाओं को हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए : Shaukat Ali Saifi ...

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आपकी कहानी क्या है..? थीम पर जामिया मिलिया इस्लामिया‌ में प्रोग्राम

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० इरफ़ान राही ०   नई दिल्ली - जामिया मिलिया इस्लामिया के बी.एड के दूसरे वर्ष के छात्र, शिक्षक प्रशिक्षण और गैर-औपचारिक शिक्षा (IASE) विभाग, शिक्षा संकाय के अंतर्गत बालवंतराय मेहता विद्या भवन, ग्रेटर कैलाश में डिस्लेक्सिया जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया। यह कार्यक्रम डिस्लेक्सिया जागरूकता सप्ताह के वार्षिक अवलोकन का हिस्सा था, इसमें अंतरराष्ट्रीय डिस्लेक्सिया दिवस भी शामिल है। कार्यक्रम में जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) से सहायक प्रोफेसर्स प्रोफेसर इरम नासिर और मो ज़ुबैर, पाठ्यक्रम समन्वयक, विशेष अतिथियों के रूप में आमंत्रित थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य डिस्लेक्सिया के बारे में जागरूकता बढ़ाना और डिस्लेक्सिक छात्रों के लिए समावेशी शिक्षा पर व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना था। इस कार्यक्रम ने डिस्लेक्सिया की गहरी समझ को बढ़ावा दिया और शिक्षा में समावेशी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। जामिया मिलिया इस्लामिया के शिक्षण छात्रों द्वारा डिस्लेक्सिया के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें इसके स्वरूप, “शब्द अंधापन” से इसके आधुनिक रूपांतरण तक की समझ का विकास, और डिस्लेक्सिया से प्रभावित